पाठ - 2
प्रबंध के सिद्धांत
प्रबंध के सिद्धांत - प्रबंध के सिद्धांत सत्य पर आधारित ऐसे आधारभूत कथन होते है जो प्रबंधकीय निर्णय लेने में मार्गदर्शन का कार्य करते है |
प्रबंध के सिद्धांतो की प्रकृति -
1. सर्व प्रयुक्त - प्रबंध के सिद्धांत सार्वभौमिक होते है अर्थात यह सभी क्षेत्रो में समान रूप से लागू होती है | सभी व्यवसायिक तथा गैर व्यवसायिक संस्था अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए लगभग एक समान रूप से इन सिद्धांतो को अपनाती है |
2. समान्य मागदर्शन - प्रबंध के सिद्धांत समान्य मार्गदर्शन होते है जिनको कठोरता से लागु नहीं किया जा सकता है क्योंकि व्यवसायिक स्थतियाँ जटिल होती है और हमेशा परिवर्तित होती रहती है |
3. अभ्यास एंव शोध द्वारा निर्मित - प्रबंध के सिद्धांत विशेषज्ञों द्वारा कई वर्षो के अभ्यास, अनुभव तथा शोध के बाद निर्मित किए गए है |
4. लोचशील - प्रबंध के सिद्धांत लोचशील होते है क्योंकि यह नई समस्याओं के अनुरूप संशोधित तथा परिवर्तित होते रहते है |
5. मुख्यत: व्यवहारिक - प्रबंध के सिद्धांत मुख्यत: व्यवहारिक होते है क्योंकि इनका सीधा सम्बंध मानवीय व्यवहार से होता है तथा इनका उद्देश्य मनुष्य के व्यवहार को प्रभावित करना है |
6. कारण एंव परिणाम सम्बंध - प्रबंध के सिद्धांत कारण एंव परिणाम सम्बंध स्थापित करते है | यह बताते है की किसी काम को किसी विशेष परिस्थिति में किया जाये तो इसके क्या परिणाम होंगे |
7. अनिश्चित - प्रबंध के सिद्धांत निश्चित नहीं होते है | इन पर परिस्थितियों का प्रभाव पड़ता है | अतः परिस्थिति के अनुसार ही इन्हें लागू करने या न करने का निर्णय लिया जाता है |
प्रबंध के सिद्धांतों का महत्व -
1. प्रबंधको को उपयोगी ज्ञान उपलब्ध कराना - प्रबंध के सिद्धांत प्रबंधक को बताते है कि विभिन्न परिस्थितियों में उसे कैसे काम करना चाहिए तथा कैसे निर्णय लेने चाहिए ताकि उद्देश्यों को आसानी से प्राप्त किया जा सके |
2. संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग - प्रबंध के सिद्धांत मानवीय संसाधन तथा भौतिक संसाधन के बीच समन्वय स्थापित कर संसाधनों की बर्बादी को रोकते है जिससे संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग संभव हो पता है |
3. वैज्ञानिक निर्णय - वैज्ञानिक निर्णय का अर्थ है संतुलित निर्णय | प्रबंध के सिद्धांत प्रबंधको को मार्गदर्शन प्रदान करते है ताकि वे संतुलित निर्णय ले सके |
4. बदलती पर्यावरण की आवश्यकताओं को पूरा करना - व्यवसायिक वातावरण में दिन-प्रतिदिन परिवर्तन होते रहते है | प्रबंध के सिद्धांत प्रबंधको को इस चुनौती का सामना करने के योग्य बनाते है |
5. सामाजिक उतरदायित्वों को पूरा करना - प्रबंध के सिद्धांत प्रबंधको की कार्यकुशलता में वृद्धि कर, कर्मचारियों को उचित वेतन प्रदान कर सामाजिक उतरदायित्वों को पूरा करने में सहायता करता है |