अध्याय -10
वित्तीय बाजार
वित्तीय बाजार : वित्तीय बाजार से अभिप्राय वित्तीय संपत्तियों के सृजन व विनिमय से हैं |
वित्तीय बाजार वित्त के पूर्ति कर्ता व माँग पक्षकारों को जोड़ने का कार्य करता हैं |
वित्तीय बाज़ार के कार्य
(1) वित्तीय बाज़ार रोकड़ के रूप में पड़े वित्तीय को गति प्रदान कर उनकों उचित प्रयोग की ओर ली जाता हैं | यह वित्तीय बचत कर्ताओं और वित्त की माँग करने वालों को जोड़ने का कार्य करता हैं |
(2) वित्त्यी बाजार प्रतिभोतियों के मूल्य का निर्धारण में भी मददगार हैं |
(3) वित्तीय बाज़ार में कभी भी प्रतिभोतियों को रोकड़ में व रोकड़ को प्रतिभूतियों में बदलवाया जा सकता हैं | इस प्रकार वित्तीय बाज़ार वित्तीय संपत्तियों को तरलता प्रदान करता हैं |
(4) वित्तीय बाज़ार प्रतिभूतियों से संबंधित सूचनाएं भी उपलब्ध करता हैं |
वित्तीय बाज़ार के प्रकार
(1) मुद्रा बाज़ार
(2) पूंजी बाज़ार ; इसके प्रकार
(i) प्राथमिक बाज़ार
(ii) गौण बाज़ार
मुद्रा बाज़ार : मुद्रा बाज़ार से अभिप्राय ऐसे बाज़ार से है जिसकें अंतर्गत केवल अल्पकालीन प्रतिभूतियों में लेन-देन किए जाते हैं | इसकी भुगतान अवधि एक वर्ष या उससे कम की होती हैं | जैसे :- खजाना बिल, कॉमर्शियल बिल, कॉमर्शयल पेपर, माँग मुद्रा, जमा प्रमाण पत्र और वाणिज्यिक बिल आदि |
मुद्रा बाज़ार प्रपत्र
(1) खजाना बिल : इससें अभिप्राय उस अल्पकालीन प्रपत्र से है जो केंद्रीय सरकार द्वारा उनकी अल्पकालीन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वित्तीय संस्थाओं अथवा लोगों को जारी किए जाते हैं | इसे जीरो कूपन बांड भी कहा जाता हैं |
(2) कमर्शियल पेपर : यह अल्पकालीन असुरक्षित प्रतिज्ञा पत्र होते हैं | यह एक प्रकार का असुरक्षित प्रतिज्ञा-पत्र होता हैं |
(3) माँग मुद्रा/अल्प-सुचना ऋण : यह ऐसे प्रपत्र है जिनका भुगतान ऋणी अथवा ऋणदाता की इच्छा पर किया जाता हैं | इसका उपयोग मुख्यता बैंकों द्वारा अपनी नकद आरक्षित अनुपात को बनाए रखने के लिए किया जाता हैं |
(4) जमा प्रमाण-पत्र : यह विनिमय साध्य प्रपत्र होते हैं जो कि बेचान द्वारा हस्तांतरण किए जा सकते हैं |
(5) वाणिज्यिक बिल : यह भी विनिमय साध्य प्रपत्र है जिसका उपयोग उधार बिक्री के लिए वित्तीय व्यवस्था करने के लिए किया जाता हैं |