अध्याय 13. हम बीमार क्यों होते हैं ?
WHO के अनुसार स्वास्थ्य की परिभाषा :
स्वास्थ्य वह अवस्था है जिसके अंतर्गत शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक कार्य समुचित क्षमता द्वारा उचित प्रकार से किया जा सके।
शरीर में कोई रोग नहीं है तो इसका अर्थ यह नहीं हो जाता कि वह व्यक्ति स्वास्थ्य है | यदि उस व्यक्ति का शारीरिक रूप से, मानसिक रूप से अथवा समाजिक रूप से उसका व्यवहार ठीक है तो वह स्वास्थ्य (healthy) माना जायेगा अन्यथा वह अस्वस्थ्य है |
अच्छे स्वास्थ्य की दो आवश्यक स्थितियाँ :
अच्छे स्वास्थ्य की दो आवश्यक स्थितियाँ निम्नलिखित हैं |
1. अच्छा एवं संतुलित आहार
2. उचित जैविक एवं भौतिक वातावरण
संक्रमण फैलने के विभिन्न विधियाँ:
वायु, मिट्टी, जल, संक्रमित जीव से स्वास्थ्य जीव में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्थानान्तरण होता है।
(A) प्रत्यक्ष विधि -
(i) खांसने, छींकने, तथा बात करने से ।
(ii) संपर्क में आने या लैंगिक संपर्क से ।
(iii) रक्त द्वारा संचारित
(B) अप्रत्यक्ष विधि -
(i) वाहक द्वारा - कीट एवं अन्य जन्तु (मक्खी, मच्छर)
(ii) संक्रमित जल, भोजन, एवं वायु द्वारा
रोग (disease) : रोग (dis + ease) का अर्थ है आराम (ease) में बाधित (disturb) होना अर्थात असुविधा | जब हमारे शारीरिक अंग में कोई व्यवधान उत्पन्न होता है तो हम बाधित होते है और समान्य रूप से असुविधा महसूस करते है | इसी अवस्था को रोग कहते है |
प्रतिरक्षीकरण : अनेक रोगों के विरूद्ध प्रतिरक्षियों के उत्पन्न करने के लिए प्रतिजन को कमजोर करके या मारकर स्वस्थ शरीर में प्रतिरक्षण टीको ( वैक्सिन) के द्वारा प्रविष्ट करा दिया जाता है। इस प्रतिजन से प्रतिरक्षी तंत्र प्रेरित होकर उस रोग के संक्रमण के दौरान प्रतिरक्षियों को उत्पन्न करता है। जो रोग से लडते है।
रोग अवधि के आधार पर रोग दो प्रकार के होते हैं :
1. तीव्र रोग (Acute Disease)
2. जीर्ण या दीर्घकालिक रोग (Chronic Disease)
1. तीव्र रोग (Acute Disease) : जिन रोगों की अवधि कम होती है उन्हें तीव्र रोग कहते हैं | जैसे - खाँसी, जुकाम, बुखार आदि |
2. जीर्ण या दीर्घकालिक रोग (Chronic Disease) : ऐसे रोग जो लंबी अवधि तक अथवा जीवनपर्यंत शरीर में बने रहते हैं, उन्हें जीर्ण या दीर्घकालिक रोग कहते हैं | जैसे - टी.बी (क्षय'रोग), फीलपांव (एलिफेनटाईसिस), मधुमेह इत्यादि |
संक्रमण के आधार पर रोग के प्रकार:
संक्रमण के आधार पर रोग दो प्रकार के होते है |
1. संक्रामक रोग
2. असंक्रामक रोग
1. संक्रामक रोग : वे रोग जो सुक्ष्म जीवो के संक्रमण से उत्पन्न होते हैं तथा एक से दुसरे में फैलता है संक्रामक रोग कहलाता है। जैसे - हैजा, मलेरिया, तपेदिक आदि।
2. असंक्रामक रोग : वे रोग जो बिना किसी संक्रमण के होते है अर्थात उस रोग का कोई रोग कारक जैसे जीवाणु या अन्य कोई सूक्ष्मजीव नहीं होता असंक्रामक रोग कहलाता है |
जैसे - मधुमेह , कैंसर, आदि |