11. कार्य तथा ऊर्जा
भूमिका:
- सभी सजीवों को भोजन की आवश्यकता होती है | जीवित रहने के लिए सजीवों को अनेक मुलभुत गतिविधियाँ करनी पड़ती हैं | इन गतिविधियों को हम जैव प्रक्रम कहते हैं |
- इन जैव प्रक्रमों को संपादित करने के लिए सजीवों को उर्जा की आवश्यकता होती है जो वे भोजन से प्राप्त करते हैं |
- मशीनों को भी कार्य करने के लिए उर्जा की आवश्यकता होती है जिसके के लिए डीजल एवं पेट्रोल का उपयोग किया जाता हैं |
कार्य (Work): किसी पिंड (वस्तु) पर किया गया कार्य, उस पर लगाये गए बल के परिणाम व बल की दिशा में उसके द्वारा तय की गई दुरी के गुणनफल से परिभाषित होता है |
कार्य = बल × विस्थापन
कार्य (W) = F × s जहाँ f = बल (Force), s = विस्थापन (Displacement)
कार्य का मात्रक :
बल को न्यूटन (N) में मापा जाता है और विस्थापन को मीटर (m ) में मापा जाता है | इसलिए
कार्य का S.I मात्रक न्यूटन मीटर (N m) या जूल (J) है | कार्य एक प्रकार का ऊर्जा (Energy) है |
कार्य एक अदिश राशि (Scalar Quantity) है : कार्य के परिभाषा से कार्य बल (एक सदिश राशि) और विस्थापन (एक सदिश राशि) का गुणनफल होता है | जबकि कार्य एक अदिश राशि है क्योंकि कार्य में परिणाम तो होता है परन्तु दिशा नहीं होता है | यह ऊर्जा के समान ही एक अदिश राशि है |
NOTE: आपके द्वारा किया गया सभी कार्य वैज्ञानिक दृष्टि से सभी कार्य नहीं होते हैं |
हमारी कौन-सी क्रिया कार्य है ?
परीक्षा की तैयारी करना, पुस्तकें पढना, चित्र बनाना, समस्याओं पर विचार विमर्श करना आदि कार्यों में बहुत ऊर्जा व्यय होता है परन्तु वैज्ञानिक परिभाषा के अनुसार देखें तो कार्य बहुत ही कम होता है |
मान लीजिये की आप एक बहुत बड़े चट्टान को बल लगाकर धकेल रहे हैं यदि आपके लाख प्रयत्न के बावजूद भी चट्टान नहीं हिलता है तो तो यह कार्य नहीं माना जायेगा क्योंकि लगाये गए बल से वस्तु का विस्थापन नहीं हुआ जबकि ऊर्जा बहुत अधिक व्यय हुआ |
हम दैनिक जीवन में बहुत से शारीरिक एवं मानसिक कार्य करते है जैसे - मैदान में खेलना, मित्रों से बातचीत करना, किसी धुन को गुनगुना, सिनेमा देखना, किसी विषय पर गहन विचार-विमर्श करना आदि परन्तु ये सभी कार्य नहीं समझा जायेगा |
कार्य की वैज्ञानिक संकल्पना:
जब हम किसी वस्तु पर बल लगाकर उसे विस्थापित करते है तो वह क्रिया कार्य माना जायेगा |
Example1: एक व्यक्ति 100 न्यूटन बल लगाकर एक पत्थर को 3 मीटर तक विस्थापित करता है | तो उसके द्वारा किया गया कार्य ज्ञात कीजिए |
हल:
यहाँ लगाया गया बल (F) = 100 N
विस्थापन (s) = 3 मीटर
किया गया कार्य (W) = F × s
= 100 × 3 = 300 जूल
Example 2: एक लड़का एक टेबल को 20 N बल लगाकर उसे हिला भी नहीं पाता है और थक जाता है | तो उसके द्वारा किया गया कार्य परिकलित कीजिए |
हल:
यहाँ लगाया गया बल (F) = 20 N
विस्थापन (s) = 0 मीटर
किया गया कार्य (W) = F × s
= 20 × 0 = 0 जूल
यहाँ किया गया कार्य शून्य है | इसलिए यह कार्य नहीं माना जायेगा |
Example 3: मान लीजिये कि आपने एक भारी बोझ को बल लगाकर उठाया और अपने सिर पर रखा | बोझ में विस्थापन हुआ | यहाँ तक कार्य हुआ, परन्तु यदि इसी बोझ को सिर पर रख कर बहुत समय तक खड़े रहे | तो आपके द्वारा बल तो लग रहा है, उसके विपरीत गुरुत्व बल भी कार्य कर रहा है परन्तु वस्तु में विस्थापन नहीं हो रहा है | इसलिए इस स्थिति में यहाँ कोई कार्य नहीं माना जायेगा |
कार्य होने की दशाएँ :
इसलिए किसी कार्य को होने के लिए दो आवश्यक दशाएँ निम्नलिखित हैं |
(i) वस्तु पर कोई बल लगना चाहिए |
(ii) वस्तु विस्थापित होनी चाहिए |
यदि वस्तु पर लगने वाला बल (F) शून्य 0 है या वस्तु का विस्थापन शून्य 0 है अथवा दोनों शून्य है तो किया गया कार्य भी शून्य होगा | अत: कार्य संपन्न होने के लिए दोनों भौतिक राशियों में से किसी का भी परिणाम शून्य नहीं होना चाहिए |