अर्थव्यवस्था में उत्पादित वस्तुओं के प्रकार -
(i) अंतिम वस्तुएँ |
(ii) मध्यवर्ती वस्तुएँ |
(iii) उपभोक्ता वस्तुएँ |
(iv) पूँजीगत वस्तुएँ |
अंतिम वस्तुएँ - अंतिम वस्तुएँ वे वस्तुएँ होती है जो अंतिम प्रयोगकर्ता द्वारा प्रयोग के लिए तैयार होती है तथा उत्पादन सीमा रेखा को पार कर चुकी है |
(i) अंतिम उपभोक्ता वस्तुएँ - अंतिम उपभोक्ता वस्तुएँ वे वस्तुएँ होती है जो अंतिम प्रयोगकर्ता द्वारा प्रयोग के लिए तैयार होती है तथा इनके अंतिम प्रयोगकर्ता उपभोक्ता होते है |
(ii) अंतिम उत्पादक वस्तुएँ - अंतिम उत्पादक वस्तुएँ वे वस्तुएँ होती है जो अंतिम प्रयोगकर्ता द्वारा प्रयोग के लिए तैयार होती है तथा इनके अंतिम प्रयोगकर्ता उत्पादक होते है |
मध्यवर्ती वस्तुएँ - मध्यवर्ती वस्तुएँ वे वस्तुएँ होती है जो अंतिम प्रयोगकर्ता द्वारा प्रयोग के लिए तैयार नहीं होती है तथा ये उत्पादन सीमा रेखा के अन्दर होती है |
एक ही वस्तु अंतिम तथा मध्यवर्ती दोनों हो सकती है - एक ही वस्तु अंतिम तथा मध्यवर्ती दोनों हो सकती है यह उस वस्तु के प्रयोग पर निर्भर करता है | जैसे - यदि आटे का प्रयोग एक बिस्कुट बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है तो यह एक मध्यवर्ती वस्तु है लेकिन यदि इसी आटे का प्रयोग एक परिवार द्वारा रोटी बनाने के लिए किया जाता तो यह एक अंतिम वस्तु कहलाएगी |
अंतिम वस्तुओं तथा मध्यवर्ती वस्तुओं में अंतर -
अंतिम वस्तुएँ -
(i) इन्हें कच्चे माल के रूप में प्रयोग नहीं किया जाता |
(ii) ये उत्पादन सीमा रेखा को पार कर चुकी होती है |
(iii) इन वस्तुओं की पुनः बिक्री नहीं की जाती है |
(iv) इन वस्तुओं के मूल्य में कोई मूल्यवृद्धि नहीं की जानी है |
(v) इन वस्तुओं के अंतिम मूल्य को राष्ट्रिय आय में शामिल किया जाता है |
मध्यवर्ती वस्तुएँ -
(i) इन्हें कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता |
(ii) ये उत्पादन सीमा रेखा को पार नहीं कर चुकी होती है |
(iii) इन वस्तुओं की पुनः बिक्री की जाती है |
(iv) इन वस्तुओं के मूल्य में मूल्यवृद्धि की जानी है |
(v) इन वस्तुओं के को राष्ट्रिय आय में शामिल नहीं किया जाता है |
उपभोक्ता वस्तुएँ - उपभोक्ता वस्तुएँ वह वस्तुएँ होती है जो मानवीय आवश्यकताओं की प्रत्यक्ष सतुष्टि करती है |
उपभोक्ता वस्तुओं के प्रकार -
(i) टिकाऊ वस्तुएँ - टिकाऊ वस्तुएँ ऐसी उपभोक्ता वस्तुएँ होती है जिनका प्रयोग कई वर्षो तक किया जा सकता है तथा इन वस्तुओं कीमत भी अधिक होती है | जैसे -टीवी, कार, वोशिंग मशीन आदि |
(ii) अर्ध-टिकाऊ वस्तुएँ - अर्ध-टिकाऊ वस्तुएँ ऐसी उपभोक्ता वस्तुएँ होती है जिनका प्रयोग एक वर्ष या उससे थोड़े अधिक समय तक किया जा सकता है तथा इन वस्तुओं कीमत कम होती है | जैसे - कपडे, क्रोकरी आदि |
(iii) गैर-टिकाऊ वस्तुएँ - गैर-टिकाऊ वस्तुएँ ऐसी उपभोक्ता वस्तुएँ होती है जिनका प्रयोग केवल एक ही बार किया जा सकता है | इन्हें एकल प्रयोग वस्तुएं भी कहा जाता है | जैसे - दूध, पेट्रोल, डबल रोटी आदि |
(iv) सेवाएँ - सेवाएँ ऐसी गैर-भौतिक वस्तुएं होती है जो मानवीय आवश्यकताओं की प्रत्यक्ष संतुष्टि करती है लेकिन ये अमूर्त होती है | अर्थात इनको छुआ और देखा नहीं जा सकता केवल महसूस किया जा सकता है |
पूँजीगत वस्तुएँ - पूँजीगत वस्तुएँ उत्पादक की स्थिर परिसंपतियाँ(fixed assets) होती है, जिन्हें कई वर्षो तक प्रयोग किया जाता है और इनका मूल्य भी उच्च होता है | इन वस्तुओं को प्रयोग करने से इनके मूल्य में कमी होती है अर्थ इनका मूल्यह्रास होता है | जैसे - मशीन और प्लांट |
सभी मशीने पूँजीगत वस्तुएं नहीं होती है - कोई मशीन पूँजीगत है या नहीं यह उस मशीन के प्रयोग पर निर्भर करता है की उस वस्तु का अंतिम प्रयोगकर्ता कौन है | जैसे - एक दर्जी की दुकान में रखी गई सिलाई मशीन उस दर्जी की स्थिर परिसंपति है, इसलिए यह एक पूँजीगत वस्तु | लेकिन यदि यही मशीन एक परिवार द्वारा अपने घर में परिवार के लिए प्रयोग की जा रही है तो यह पूँजीगत वस्तु नहीं है तब यह एक उपभोक्ता वस्तु है |
सभी पूँजीगत वस्तुएँ उत्पादक वस्तुएँ होती है लेकिन सभी उत्पादक वस्तुएँ पूँजीगत वस्तुएँ नहीं होती है - उत्पादक वस्तुएँ वे वस्तुएँ होती है जिनका प्रयोग उत्पादन प्रक्रिया में होता है | सभी पूँजीगत वस्तुएँ उत्पादक वस्तुएँ होती है क्योंकि पूँजीगत वस्तुओं का प्रयोग उत्पादन प्रक्रिया में होता है | अतः सभी पूँजीगत वस्तुएँ उत्पादक वस्तुएँ होती है | जैसे - मशीन एक पूँजीगत वस्तु भी है और उत्पादक वस्तु भी |
सभी उत्पादक वस्तुएँ पूँजीगत वस्तुएँ नहीं होती है क्योंकि पूँजीगत वस्तुओं का प्रयोग उत्पादन प्रक्रिया में बार - बार होता है | जैसे - कच्चा माल एक उत्पादक वस्तु क्योंकि इसका प्रयोग उत्पादक प्रक्रिया में होता है लेकिन यह एक पूँजीगत वस्तु नहीं है क्योंकि इसका प्रयोग उत्पादन प्रक्रिया में बार - बार नहीं होता है |