संवेग संरक्षण :
संवेग संरक्षण का नियम :
दो वस्तुओं के संवेग का योग टकराने के पहले और टकराने के बाद बराबर रहता है, जबकि उन पर कोई असंतुलित बल कार्य न कर रहा हो। इसे संवेग संरक्षण का नियम कहते हैं।
इसे इस प्रकार भी व्यक्त कर सकते हैं कि दो वस्तुओं का कुल संवेग टकराने की प्रक्रिया में अपरिवर्तनीय या संरक्षित रहता है।
गणितीय रूप से संवेग संरक्षण का नियम :
माना A तथा B दो वस्तुएँ हैं जिनका द्रव्यमान क्रमश: mA तथा mB है |
दोनों एक ही सरल रेखीय दिशा में अलग-अलग दिशा में गति कर रही है जिनका वेग क्रमश:
uA और uB है |
माना uA > uB है और इन पर कोई असंतुलित बल कार्य नहीं कर रहा है |
दोनों गेंद एक दुसरे से टकराती हैं |
माना टक्कर का समय = t सेकेंड
गेंद A द्वारा B पर लगाया गया बल = FAB
गेंद B द्वारा A पर लगाया गया बल = FBA
अब, माना कि टकराने के बाद गेंद A तथा B का वेग vA तथा vB है |
गेंद A के टकराने से पहले और टकराने के बाद संवेग क्रमश: mA uA और mA vA होगा |
गति के तृतीय नियम के अनुसार गेंद A द्वारा लगाया गया बल गेंद B द्वारा लगाये गए बल के बराबर और विपरीत होता है |
इसलिए, समीकरण (i) तथा (ii) से