अध्याय 9. बल एवं गति के नियम
(1) गति का प्रथम नियम (The First Law of Motion):
गति के प्रथम नियम के अनुसार;
"प्रत्येक वस्तु अपनी स्थिर अवस्था या सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में बनी रहती है जब तक कि उस पर कोई बाहरी बल कार्यरत न हो।"
दुसरे शब्दों में: सभी वस्तुएँ अपनी अवस्था परिवर्तन का विरोध करती हैं |
- गति के प्रथम नियम से हमें यह पता चलता है कि किसी वस्तु पर असंतुलित बल लगाने से गति करता है | अर्थात किसी वस्तु पर असंतुलित बल लगाया जाय तो यह बल के कारण गति करता है |
- गति का प्रथम नियम यह बताता है कि किसी वस्तु पर लगने वाला असंतुलित बाह्य बल उसके वेग में परिवर्तन करता है और वस्तु त्वरित हो जाती है |
जड़त्व (Inertia):
परिभाषा (Defintion): किसी वस्तु के विरामावस्था में रहने या समान वेग से गतिशील रहने की प्रवृत्ति को जड़त्व कहते हैं। यही कारण है कि गति के पहले नियम को जड़त्व का नियम भी कहते हैं।
- जड़त्व प्रत्येक वस्तु का गुण या प्रवृति है |
- जड़त्व को वस्तु के द्रव्यमान से मापा जाता है |
- इसका मात्रक किलोग्राम (kg) होता है |
- भारी वस्तु का जड़त्व किसी हल्के वस्तु से अधिक होता है |
जड़त्व का नियम (Law of inertia):
विराम अवस्था की वस्तुएँ विराम में ही ही बनी रहती है और गतिमान वस्तुएँ गति की अवस्था में उसी वेग से बनी रहती है जब उस पर बाहरी बल न लगाया जाये | इस नियम को जड़त्व का नियम कहते हैं |
जड़त्व के प्रकार (Types of inertia):
(i) विराम का जड़त्व (Inertia of Rest)
(ii) गति का जड़त्व (Inertia of motion)
(iii) दिशा का जडत्व (Inertia of direction)
जड़त्व का उदाहरण (Examples of inertia):
(I) कार में यात्रा : जब हम किसी कार में यात्रा करते हैं तो चलती हुई कार के सापेक्ष हमारा शरीर गति की अवस्था में रहता है | परन्तु जब ब्रेक लगाया जाता है तो गाड़ी के साथ-साथ सीट भी विराम अवस्था में आ जाता है परन्तु हमारा शरीर जड़त्व के कारण गतिज अवस्था में ही बना रहना चाहता है | इसलिए हमारा शरीर ब्रेक लगने पर आगे की तरफ तेजी से झुकता है | इससे हमें गहरी चोट भी लग सकती है यहाँ तक की मृत्यु भी हो सकती है | यही कारण है कि कार में यात्रा करते समय सुरक्षा बेल्ट का उपयोग करते हैं | ये सुरक्षा बेल्ट हमारे आगे बढ़ने की गति को धीमा करता है |
(ii) बस में खड़ा होना: जब हम मोटर बस में खड़े होते हैं एवं मोटर बस अचानक चल पड़ती है। इस स्थिति में हम पीछे की ओर झुक जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि मोटर बस के अचानक गति में आ जाने से हमारा पैर, जो मोटर बस के फर्श के संपर्क में रहता है, गति में आ जाता है। परंतु शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण इस गति का विरोध् करता है।
(iii) तीव्र मोड़ से गुजरती तेज गति की कार: जब कोई मोटरकार तीव्र गति के साथ किसी तीक्ष्ण मोड़ पर मुड़ती है तो हम एक ओर झुकने लगते हैं। इसे भी जड़त्व के नियम से समझा जा सकता है। हमारा शरीर अपनी एक सरल रेखीय गति को बनाए रखना चाहता है। जब मोटर कार की दिशा को बदलने के लिए इंजन द्वारा एक असंतुलित बल लगाया जाता है तब हम अपने शरीर के जड़त्व के कारण सीट पर एक ओर झुक जाते हैं।
- कोई वस्तु तबतक विराम की अवस्था में ही रहेगी जबतक उस पर असंतुलित बल कार्य न करे |
(iv) स्ट्राइकर से कैरम की गोटी को मारना: जब हम स्ट्राइकर से कैरम की ढ़ेरी की सबसे निचली गोटी को अपनी अँगुलियों से तीव्रता से क्षैतिज झटका देते है तो स्ट्राइकर निचली गोटी को तेजी से धक्का देता है | इस प्रकार हम देखते है कि केवल नीचे वाली गोटी ही शीघ्रता से ढ़ेरी से बाहर आ जाती है | नीचे वाली गोटी के बाहर आ जाने से शेष कैरम की गोटियाँ लंबवत नीचे गिरती हैं बिखरती नहीं | ऐसा जड़त्व के कारण ही होता है |
यही कारण है कि गति के प्रथम नियम को जड़त्व का नियम भी कहते है | बाह्य बल लगने के बाद भी कुछ वस्तुएँ अपनी प्रवृति के कारण जडत्व में बनी रहती है | यह बल असंतुलित हो तभी वह अपनी अवस्था में परिवर्तन करती है, विराम में आती है या गतिमान हो जाती है |
द्रव्यमान (Mass): किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा को उस वस्तु का द्रव्यमान कहते है | द्रव्यमान को m से लिखा जाता है और इसे ग्राम (g) या किलोग्राम (kg) में मापा जाता है |
द्रव्यमान किसी वस्तु की जड़त्व का माप (measure) होता है |
जड़त्व और द्रव्यमान में अंतर :
जड़त्व | द्रव्यमान |
1. जड़त्व किसी वस्तु का गुण या प्रवृति है | 2. किसी वस्तु के जड़त्व को उसके द्रव्यमान से मापा जाता है |
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1. द्रव्यमान किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा होता है | 2. द्रव्यमान स्वयं से ही मापा जाने वाला राशि है | |