प्रदुषण : भूमि (मृदा) प्रदुषण
मृदा (Soil) : भूमि की उपरी सतह पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है | इसमें कार्बनिक पदार्थ एवं वायु प्रचुर मात्रा में उपस्थित होती है | भूमि की यह सतह मृदा (Soil) कहलाती है |
भूमि/मृदा प्रदुषण (Soil Polution) : मृदा के गुणवता को कम करने वाले अवांछित तत्व या विषैले पदार्थों का मृदा में उपस्थिति भूमि/मृदा प्रदुषण कहलाता है |
भूमि/मृदा प्रदुषण के कारण :
(i) मृदा में जैव अनिम्नकरणीय पदार्थों की उपस्थिति
(ii) पोलीथिन और प्लास्टिक
(iii) पीडकनाशी और रासायनिक उर्वरक
मृदा अपरदन (Soil errosion):
मृदा का सबसे ऊपरी भाग काफी उपजाऊ एवं ह्यूमस से परिपूर्ण होता है | यह हल्का भी होता है, कई बार ये बहते हुए वायु या जल के साथ एक जगह से दुसरे जगह स्थानांतरित हो जाते है | मृदा का इस प्रकार स्थानांतरित होना मृदा अपरदन कहलाता है |
मृदा अपरदन का कारण :
(i) वन विनाश
(ii) तेज वायु
(iii) जल का तेज बहाव या बाढ़ जो मृदा के उपरी भाग को अपने साथ बहा ले जाता है |
मृदा अपरदन रोकने के उपाय :
(i) पौधो की जड़े मृदा को रोकती है और ये मृदा कणो को बाँधे रखती है ।
(ii) विश्व मे बड़े स्तर पर पेड़ो वृक्षो को काटा जा रहा है । इससे मृदा का अपरदन होता है । उपरिमृदा को हटाने पर मृदा का अपरदन होता है । अंतः अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए ।
उपरी मृदा (Top Soil): मृदा की सबसे उपरी परत जिसमें मृदा के कणों के अतिरिक्त ह्यूमस और सजीव स्थित होते हैं उसे ऊपरी मृदा कहते हैं |
ह्यूमस (Humus): मृदा के ऊपरी भाग में सड़े-गले जीवों के टुकड़े भी मिले होते हैं, जिसे ह्यूमस (Humus) कहते हैं |
मृदा के गुण :
मृदा के गुण जिसमें किसी पौधा का उगना निर्भर करता है :
(i) मृदा में पोषक तत्व की उपस्थिति |
(ii) उपस्थित ह्यूमस की मात्रा |
(iii) उपस्थित ह्यूमस की गहराई |
मृदा निर्माण की प्रक्रिया :
1. सूर्य पत्थरो को दिन मे गर्म कर देता है जिससे वे फैलते है तथा वे रात मे ठंडे होकर सिकुड़ते है । अंतः इन पत्थरो मे दरार पड़ जाती है । बड़े पत्थर टूटकर छोटे हो जाते है ।
2. पत्थरों की दरार मे जल भरने पर दरारें अधिक चौड़ी हो जाती है । बहता जल पत्थरो को तोड़ देता है तथा उन्हे अपने साथ बहा ले जाती है । पत्थर आपस मे टकराकर छोटे कणो मे बदल जाती है जिससे मृदा का निर्माण होता है ।
3. तेज वायु भी पत्थरों को तोड़ देती है । तेज हवा बालू को उड़ा कर ले जाती है ।
4. लाइकेन और मॉस चट्टानों की सतह पर उगती है और उनको कमजोर बनाकर महीन कणों में बदल देते हैं। उनकी जड़ों के पास मृदा का निर्माण होता है |
मृदा निर्माण में सहायक कारक :
(i) सूर्य की गर्मी
(ii) पानी का तेज बहाव
(iii) तेज वायु
(iv) लाइकेन और मॉस जैसे जीव