माँग
मांग वस्तु की वह मात्रा हैं जिसे विशेष कीमत व विशेष समय अवधि में उपभोक्ता खरीदने को तैयार है |
माँग अनुसूची - माँग अनुसूची वह तालिका है जो किसी वस्तु की विभिन्न कीमतों तथा वस्तु की विभिन्न मात्राओं के बीच सम्बंध प्रकट करती है |
माँग अनुसूची के प्रकार -
1. व्यक्तिगत माँग अनुसूची - व्यक्तिगत माँग अनुसूची वह तालिका है जो एक वस्तु की विभिन्न मात्राओं को दर्शाती है जो बाजार में एक व्यक्तिगत क्रेता एक निश्चित समय पर वस्तु की विभिन्न संभव कीमतों पर खरीदने के लिए तैयार होता है |
2. बाजार माँग अनुसूची - बाजार माँग अनुसूची वह तालिका है जो एक वस्तु की विभिन्न मात्राओं को दर्शाती है जिन्हें बाजार में सभी क्रेता एक निश्चित समय पर वस्तु की विभिन्न संभव कीमतों पर खरीदने के लिए तैयार होता है |
माँग वक्र - माँग वक्र माँग अनुसूची का रेखाचित्रीय प्रस्तुतिकरण है जो दर्शाती है की किसी वस्तु की मांगी गई मात्रा उसकी अपनी कीमत से किस प्रकार सम्बंधित है |
माँग वक्र के प्रकार -
1. व्यक्तिगत माँग वक्र - व्यक्तिगत माँग वक्र व्यक्तिगत माँग अनुसूची का रेखाचित्रीय प्रस्तुतिकरण है जो एक वस्तु की विभिन्न मात्राओं को दर्शाता है जिसे एक व्यक्तिगत क्रेता उस वस्तु की संभव कीमतों पर खरीदने के लिए तैयार है |
2. बाजार माँग वक्र - बाजार माँग वक्र बाजार अनुसूची का रेखाचित्रीय प्रस्तुतिकरण है जो एक वस्तु की विभिन्न मात्राओं को दर्शाता है जिसे एक बाजार में सभी क्रेता उस वस्तु की संभव कीमतों पर खरीदने के लिए तैयार है |
माँग का नियम - माँग का नियम बताता है कि अन्य बाते समान रहने पर किसी वस्तु की अपनी कीमत में वृद्धि होने पर उस वस्तु की मांगी गई मात्रा में कमी होती है तथा वस्तु की अपनी कीमत में कमी होने पर उसकी मांगी गई मात्रा में वृद्धि होती है | अर्थात वस्तु की अपनी कीमत तथा उसकी मांगी गई मात्रा में विपरीत सम्बंध होता है |
माँग के नियम की मान्यताएं -
1. उपभोक्ताओं की रुचियां तथा प्राथमिकताएँ स्थिर है |
2. क्रेताओं की आय में कोई परिवर्तन नहीं होता है |
3. सम्बंधित वस्तुओं की कीमतों में कोई परिवर्तन नहीं होता है |
4. उपभोक्ता की निकट भविष्य में कोई सम्भावना नहीं है |
माँग वक्र का ढलान ऋणात्मक होने के कारण -
(क) ह्रासमान सीमांत उपयोगिता का नियम - इस नियम के अनुसार जैसे - जैसे किसी वस्तु की अधिक से अधिक इकाइयों का उपभोग किया जाता है तो प्रत्येक अगली इकाई से प्राप्त होने वाली सीमांत उपयोगिता कम होती जाती है | इसका अर्थ है की उपभोक्ता उस वस्तु की माँग में कमी करने लगता है |
(ख) आय प्रभाव - एक वस्तु की कीमत में होने वाले परिवर्तन के फलस्वरूप क्रेता की आय में होने वाले परिवर्तन के कारण किसी वस्तु की माँग में होने वाले परिवर्तन को आय प्रभाव कहते है | जैसे यदि किसी वस्तु की कीमत में कमी होती है तो क्रेता की वास्तविक आय बढ़ जाएगी जिससे वह उस वस्तु की अधिक माँग करेगा | इस प्रकार वास्तविक आय बढ़ने पर माँग में वृद्धि होती है तथा वास्तविक आय कम होने पर माँग में कमी होती है इसे ही आय प्रभाव कहते है |
(ग) प्रतिस्थापन प्रभाव - प्रतिस्थापन प्रभाव का अर्थ है यदि प्रतिस्थापन वस्तु की कीमत में वृद्धि होगी तो उस वस्तु की माँग में भी वृद्धि होगी तथा प्रतिस्थापन वस्तु की कीमत में कमी होने के कारण उस वस्तु की माँग में भी कमी होगी | जैसे - चाय और कॉफ़ी, चाय की कीमत बढ़ने पर कॉफ़ी की माँग बढ़ जाएगी |
(घ) उपभोक्ता समूह का आकार - जब किसी वस्तु कीमत में कमी हो जाती है तो तब कई लोग जो पहले उस वस्तु को नहीं खरीद रहे होते थे वह भी इस वस्तु को खरीदने लगते है जिसके कारण उस वस्तु की माँग बढ़ जाती है |
माँग के नियम के अपवाद -
(क) प्रतिष्ठासूचक वस्तुएँ- प्रतिष्ठासूचक वस्तुएं वो वसुएँ होती है जिनका मूल्य उच्च होता है इनकी माँग इसलिए ही की जाती है क्योंकि इनका मूल्य उच्च तथा इनसे समाज में प्रतिष्ठा पाई जाती है | यदि इन वस्तुओं की कीमते कम हो जाए तो इनकी माँग नहीं की जाएगी | अतः यह माँग के नियम की अवेलहना करता है क्योंकि माँग के नियम के अनुसार किसी वस्तु की कीमत कम होने पर उसके माँग में वृद्धि होती है परन्तु प्रतिष्ठासूचक वस्तुओं के सम्बंध में कीमत कम होने पर इनकी माँग कम हो जाती है |
(ख) गिफ्फिन वस्तुएँ - गिफ्फिन वस्तुएं उच्च दर्जे की निम्नकोटि वस्तुएं होती है जिनका मूल्य बहुत कम होता है | जब इन वस्तुओं की कीमत कम होती है तो इनकी माँग कम हो जाती है | अतः यह माँग के नियम की अवेलहना करता है क्योंकि माँग के नियम के अनुसार किसी वस्तु की कीमत कम होने पर उसके माँग में वृद्धि होती है परन्तु गिफ्फिन वस्तुओं के सम्बंध में कीमत कम होने पर इनकी माँग कम हो जाती है |
(ग) जब उपभोक्ता वस्तु की कीमत द्वारा उसकी गुणवता की जाँच करता है - जब उपभोक्ता वस्तु की कीमत द्वारा उसकी गुणवता की जाँच करता है तो वह मानता है की जिन वस्तुओं की कीमत उच्च होगी वह अधिक गुणवता वाली वस्तु है इसलिए वह उच्च कीमत वाली वस्तुओं की अधिक माँग करता है |अतः यह माँग के नियम की अवेलहना करता है क्योंकि माँग के नियम के अनुसार किसी वस्तु की कीमत बढ़ने पर उसकी माँग में कमी होती है |