Net national disposable income (NNDI):
राष्ट्रीय प्रयोज्य आय : राष्ट्रीय प्रयोज्य आय से अभिप्राय किसी देश की बाजार कीमत पर उस शुद्ध आय से है जो उस देश को खर्च करने के लिए उपलब्ध होती है | किसी देश की राष्ट्रीय प्रयोज्य आय, उस देश की राष्ट्रीय आय (NNPFC), शुद्ध अप्रत्यक्ष कर तथा शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तांतरण का जोड़ है |
सूत्र के रूप में ,
राष्ट्रीय प्रयोज्य आय : राष्ट्रीय आय + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर + शेष विश्व / शुद्ध राष्ट्रीय प्रयोज्य आय से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तांतरण
परिभाषा :
राष्ट्रीय प्रयोज्य आय वह आय है जो किसी देश के निवासियों की सभी स्रोतों से उपभोग व्यय या बचत के लिए एक वर्ष में प्राप्त होती है | अर्जित आय एवं विदेशों से प्राप्त होने वाले हस्तान्तरण भुगतान
- राष्ट्रीय प्रयोज्य आय में अंतरण आय शामिल करने संबंधी दो बाते मुख्य है :
(1) इसमें शेष विश्व से शुद्ध चालू अंतरण भी शामिल किया जाता है जो नकदी, खाद्य सामग्री, दवाइयों आदि के रूप में दूसरे देशों से उपहार स्वरुप प्राप्त होता है |
नोट : NNDI में देश के भीतर एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र को होने वाले चालू हस्तांतरण शामिल नहीं किए जाते क्योंकि इनसे देश की प्रयोज्य आय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता |
शुद्ध अप्रत्यकर कर = अप्रत्यक्ष कर - मूल्यह्रास
वैयक्तिक आय : वैयक्तिक आय परिवारों को सभी स्रोतों से प्राप्त चालू आय का जोड़ है यह वास्तव में परिवारों को प्राप्त सभी प्रकार की करक आय तथा चालू हस्तांतरण आय का कुल जोड़ है |
वैयक्तिक आय के अन्तर्गत परिवारों को सभी स्रोतों से वास्तव में प्राप्त होने वाली आय को शामिल किया जाता है | जिसमें लाभ का कुछ भाग अवितरित लाभ (नियम बचत) के रूप में फर्मों के पास रह जाता है इसे इसमें से घटाया जाता है |
सूत्रों के रूप में,
वैयक्तिक आय = निजी आय - अवितरित लाभ - नियम कर
वैयक्तिक प्रयोज्य आय : वैयक्तिक प्रयोज्य आय वह आय होती है जो एक वर्ष के दौरान गृहस्थों (परिवारों) को इच्छा अनुसार प्रयोग (खर्च) करने के लिए उपलब्ध होती है |
परन्तु गृहस्थ (परिवार) अपनी संपूर्ण आय को जैसे चाहे वैसे खर्च करने के लिए स्वतंत्र नहीं होते है क्योंकि उन्हें क़ानूनी रूप से सरकार को प्रत्यक्ष कर व अन्य भुगतान करने पड़ते है | तथा शेष बची आय को जैसा चाहे खर्च कर सकते है |
जैसे : (1) वैयक्तिक आय में से आय कर व संपति कर को घटाने पर |
(2) अनिवार्य भुगतान : जुर्माना फीस आदि को घटाने पर
सुत्रके रूप में,
वैयक्तिक प्रयोज्य आय = वैयक्तिक आय - प्रत्यक्ष कर - सरकार के द्द्वारा विविध प्राप्तियाँ
निजी आय की संकल्पना वैयक्तिक आय से अधिक व्यापक क्यों होती है ?
निजी आय (private income)
निजी आय वह आय होती है जिसमें निजी क्षेत्र द्वारा देश के अन्दर व बाहर के सब स्रोतों से प्राप्त साधन आय व चालू अन्तरण आय का योग, निजी आय कहलाती है |
विशेषताएँ :
(1) निजी आय में शुद्ध विदेशी साधन आय शामिल होती है |
(2) इसमें साधन आय (उत्पादन के बदले प्राप्त आय ) व हस्तांतरण आय (उत्पादन में योगदान दिए बगैर प्राप्त आय ) को शामिल किया जाता है |
(3) निजी आय , निजी क्षेत्रकी अर्जित आय तथा अंतरण आय का योग है |
(4) निजी आय में निजी उधमों की आय तथा वैयक्तिक आय दोनों शामिल होते है |(5)
(5) निजी आय में वैयक्तिक आय की संकल्पना वैयक्तिक आय से अधिक व्यापक होती है |
सूत्र के रूप में,
निजी आय : घरेलु उत्पाद से निजी क्षेत्र को आय + देश -विदेश से चालू हस्तांतरण आय + शुद्ध विदेशी साधन आय
राष्ट्रीय आय - घरेलू उत्पाद से सरकारी क्षेत्र को आय + सब प्रकार की चालू हस्तांतरण आय
वैयक्तिक आय + निगम कर + अवितरित लाभ
निजी क्षेत्र की आय + शुद्ध विदेशी साधन आय + अंतरण आय
निजी क्षेत्र कोप शुद्ध घरेलू उत्पाद से प्राप्त कारक आय + विदेशों से प्राप्त शुद्ध करक आय +राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज + सरकार से प्राप्त वर्तमान हस्तांतरण + शेष विश्व से प्राप्त चालू हस्तांतरण
राष्ट्रीय आय से निजी आय ज्ञात करने के लिए
(1) राष्ट्रीय आय में
(2) सरकार से प्राप्त चालू हस्तांतरण आय
(3) राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज
(4) शेष विश्व से प्राप्त चालू हस्तांतरण आय को जोड़ा जाता है |
तथा
राष्ट्रीय आय में से
(1) सरकारी विभागीय उधमों की संपत्ति व उधमवृत्ति से प्राप्त आय
(2) गैर - विभागीय उधमों की बचत को घतायाजता है |
निजी आय और निजी क्षेत्र की आय में अन्तर
or
निजी आय राष्ट्रव्यापी अवधारणा और निजी क्षेत्र की आय की घरेलू अवधारणा में अन्तर
निजी क्षेत्र की आय, में केवल घरेलू अर्थव्यवस्था की साधन आय शामिल की जाती है | जबकि निजी आय, में देश -विदेश से प्राप्त साधन आय और चालू अंतरण आय दोनों शामिल होती है|
इसलिए निजी आय राष्ट्रव्यापी अवधारणा है और निजी क्षेत्र की आय घरेलू अवधारणा है |
निजी आय ज्ञात कीजिए :
(1) निजी क्षेत्र की घरेलू उत्पाद से होने वाली आय- 254
(2) सरकारी प्रशासनिक विभागों से प्रचलित शुद्ध हस्तांतरण - 10
(3) शेष विश्व को दिया गया शुद्ध प्रचलित हस्तांतरण - 4
(4) रष्ट्रीय ऋण पर ब्याज - 10
(5) विदेशों से शुद्ध साधन आय - -3
ANS. निजी आय = (1)+(2)+(3)+(4)+(5)
= 254 +10 -4 +10 +(-3)
= 254 +10 +10 - 4-4
= 274 -7
= 267 करोड़ रू०
सकल घरेलू उत्पाद Gross Domestic Product (GDP)
सकल घरेलू उत्पाद यहएक देश की घरेलू सीमा में एक लेखा वर्ष में उत्पादित अन्तिम वस्तुओं व सेवाओं का बाजार किमात्पर सकल मूल्य है |
मुख्य बिन्दु :
(1) सकल होने से इसमें मूल्यह्रास शामिल है |
(2) घरेलू होने से केवल सीमा में उत्पादित अन्तिम उत्पाद का मूल्य शामिल है |
(3) बाजार कीमत पर होने से इसमें शुद्ध अप्रत्यक्ष कर शामिल है |
(4) GDP pat MP अतिमहत्वपूर्ण अवधारणा है क्योंकि अंतराष्ट्रीय स्तर पर GDP में वृद्धि दर को देश के आर्थिक विकास की कसौटी माना जाता है |
(5) GDP में शुद्ध विदेशी साधन आय जोड़ने से GNP प्राप्त होता है |
(6) इसमें शुद्ध विदेशी साधन आय नहीं होता है |
वास्तविक VS मौद्रिक GDP (Real and nominal gross domestic product)
(1) चालू कीमत पर / मौद्रिक GDP : जब सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का मूल्यांकन प्रचलित बाजार कीमतों के आधार पर किया जाता है तो उसे चालू कीमतों पर GDP या मौद्रिक GDP कहते है |
उदाहरण के लिए :
यदि वर्ष 2014-15 के उत्पादन का मूल्य वर्ष 2014-15 की प्रचलित बाजार कीमतों पर आँका जाए तो इसे चालू कीमतों पर GDP कहेंगे | इसे ही मौद्रिक GDP कहते है |
(2) स्थिर कीमत पर GDP / वास्तविक GDP : जब सकल घरेलू उत्पाद (GDP) मूल्यांकन आधार वर्ष की कीमतों पर किया जाता है तो उसे स्थिर कीमतों पर GDP या वास्तविक GDP कहते है |
उदाहरण के लिए :
भारत में वर्तमान समय में स्थिर कीमतों पर GDP ( या अन्य समुच्चय) मापने के लिए 2004 -05 को आधार वर्ष माना जाता है | इसलिए यदि वर्ष 2014-15 के उत्पादन का मूल्य वर्ष 2004 - 05 की कीमतों पर आँका जाए तो इसे वास्तविक GDP या स्थिर कीमतों पर GDP कहेंगे |
Q. क्या सकल घरेलू उत्पाद (GDP) आर्थिक कल्याण का मापन करता है
or
Q. क्या GDP आर्थिक संवृधि और विकास का मापन है ?
आर्थिक कल्याण का अर्थ है सुखी व बेहतर अनुभव करना | आर्थिक कल्याण, सकल कल्याण का वह भागही जिसे मुद्रा में मापा जा सकता है |
सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को आर्थिक समृद्धि और विकास का प्रधान मापक माना जाता था क्योंकि वास्तविक GDP में वृद्धि का अर्थ है भौतिक उत्पादन में वृद्धि जिसके फलस्वरूप उपभोग के लिए अधिक प्रदार्थ व सेवाएँ उपलब्ध होती है और जीवन स्तर उन्नत होता है इसलिए GDP में वृद्धि को अच्छा और कमी को ख़राब माना जाता है |
GDP को आर्थिक कल्याण के सूचक के रूप में सीमाएँ
(1) GDP (घरेलू आय) का वितरण : मात्र जीडीपी में वृद्धि आर्थिक कल्याण में वृद्धि प्रकट नहीं कर सकती यदि इसके वितरण से अमीर अधिक अमीर और गरीब अधिक गरीब हो गए हैं | यह संभव है कि GDP बढ़ने पर भी आय के वितरण से असमानताएँ बढ़ गई हो | फलस्वरूप आर्थिक कल्याण उतना न बढे जितना GDP बढ़ा है |
(2) बाह्य प्रभाव : इससे अभिप्राय है कि व्यक्ति या फर्म द्वारा की गई क्रियाओं से है जिनका बुरा या अच्छा प्रभाव दूसरों पर पड़ता ही पर इसके दोषी दण्डित नहीं होते |
उदाहरण के लिए :
(1) धुआँ उगलते कल - कारखानों द्वारा शुद्ध जलवायु का दूषित होना |
(2) कारखाने के द्वारा छोड़े गए धुएँ पर्यावरण दूषित होना |
(3) तेल शोधक कारखाने के गंदे तरल प्रदर्थो का तटवर्ती नदी में बहना और जल दूषित करना |
ए सामाजिक कल्याण को घटाने वाले ऋणात्मक प्रभाव है | इन हानिकारक प्रभावों का GDP मापन में हिसाब नहीं किया जाता है जिससे आर्थिक कल्याण का अत्यधिक अनुमान हो सकता है |
इसके विपरीत
व्यक्तियों के द्वारा लगाए गए सुन्दर बगीचे व सार्वजनिक पार्क आदि से दूसरे लोगों के आर्थिक कल्याण में वृद्धि होती है | ये धनात्मक प्रभाव है जिनके बदले में कोई कीमत अदा नहीं करता फलस्वरूप आर्थिक कल्याण का अल्पनुमान हो सकता है इसलिए GDP आर्थिक कल्याण का संतोषजनक सूचक नहीं है |
(3) गैर - मौद्रिक लेन -देन : GDP में आर्थिक कल्याण बढ़ाने वाली कई वस्तुओं व सेवाओं को विशेष रूप से गैर - बाजार सौदों को शामिल नहीं किया जाता है |
जैसे : गृहणी की सेवाएँ, बिजली की छोटी - मोटी मरम्मत, मालिक द्वारा स्वयं कर लेना, घरेलू बगीचे में सब्जियाँ उगाना आदि | इनका मौद्रिक रूप में मूल्यांकन नहीं होता, क्योंकि इनका बाजार में क्रय - विक्रय नहीं होता | फलस्वरूप आर्थिक कल्याण का अल्पनुमान हो जाता है |
अतः GDP को आर्थिक कल्याण का सही सूचक नहीं माना जा सकता |
(4) GDP की संरचना : यदि GDP में वृद्धि, युद्ध सामग्री (जैसे: बम, अस्त्र -शस्त्र आदि ) के उत्पादन में वृद्धि के कारण है या पूंजीगत वस्तुओं (जैसे - मशीनरी, उपस्कर आदि ) के कारण है तो इससे आर्थिक कल्याण में वृद्धि नहीं होगी | अतः GDP में वृद्धि होने पर भी लोगों का कल्याण नीचा रह सकता है |
(रू० करोडो में) | |
(1) अवितरित लाभ (2)लाभ कर (3) लाभांश (4)मिश्रित आय (5 ) लगान (6) ब्याज (7) मजदूरी (8) सरकारी क्षेत्र का अधिशेष (9) अंतरण आय (10) शुद्ध विदेशी साधन आय (11) उपहार व प्रेषणाएँ (12) प्रत्यक्ष (वैयक्तिक) आय |
1,500 1,000 6,000 2,000 2,500 4 ,000 5000 7, 500 500 3,500 1,250 750 |
(क ) घरेलू आय = (1) + (2) + (3) + (4) + (5) + (6) +(7) + (8)
= 1500 + 1000 + 6000 + 2000 + 2,500 + 4000 + 5000 +7,500
= 29 ,500 करोड़ रू०
( ख) राष्ट्रीय आय = घरेलू आय + शुद्ध विदेशी साधन आय
= 29,500 + 3,500 = 33,000 करोड़ रू०
(ग) घरेलू उत्पाद से = घरेलू आय - सरकारी क्षेत्र को अधिवेश
निजी क्षेत्र को आय = 29,500 - 7500 = 22,000 करोड़ रू०
(घ) वैयक्तिक आय = वैयक्तिक आय - अवितरित आय - लाभ कर - सरकारी क्षेत्र का अधिशेष + अंतरण आय + अपहार व प्रेषणाएँ
= 33,000 - 1500 -1000 -7500 + 500 + 1250
= 24,750 करोड़ रू०
(च) वैयक्तिक प्रयोज्य आय = वैयक्तिक आय - (वैयक्तिक कर)
= 24,750 - 750
= 24,000 करोड़ रू०
Q. निम्न आंकड़ो की सहायता से (a) निजी आय और (b) राष्ट्रीय आय की गणना कीजिए |
(रू० करोड़ में ) | |
(1) राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज (2) सरकारी प्रशासकीय विभगो को संपत्ति व उद्यमवृत्ति विभागों से प्राप्त आय (3) वैयक्तिक प्रयोज्य आय (4) निगम कर (5) परिवारों द्वारा दिए गए प्रत्यक्ष कर (6) निजी नियमित क्षेत्र की बचतें (7) गैर - विभागीय उद्यमों की बचतें (8) शेष विश्व से अन्य चालू हस्तांतरण (शुद्ध)
|
1,100 5,900
36,400 2,300 3,200 3,700 1,400 700
|
Ans. (क) निजी आय = वैयक्तिक प्रयोज्य + परिवारों द्वारा दिए गए प्रत्यक्ष कर + निगम कर नियमित की बचतें
= 36,400 + 3200 + 2300 + 3700
= 45,600 करोड़ रू०
(ब) राष्ट्रीय आय = निजी आय - राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज - शेष विश्व से अन्य चालू हस्तांतरण - सरकारी प्रशासकीय विभागों की संपत्ति व उद्यमवृत्ति से प्राप्त आय + गैर - विभागीय उद्यमों की बचतें
= 45,600 - 1,100 - 700 + 5,900 + 1,400
= 51,100 करोड़ रू०
Q. निम्नलिखित आंकड़ों की सहायता से इनकी गणना कीजिए :
(क) बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (ख ) निजी आय (ग) वैयक्तिक आय
(रू० करोड़ में ) | |
(1) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (2) विदेशों से शुद्ध साधन आय (3) निजी नियमित क्षेत्र की बचतें (4) साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (5) निजी क्षेत्र को घरेलू उत्पाद से प्राप्त आय (6) निगम कर (7) राष्ट्रीय ऋण |
7,500 -200 2,800 39,500 31,00 2,200 900 |
Ans . (क) बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPmp )
= साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद- विदेशों से शुद्ध साधन + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
= 39500 - (-200) + 7,500
= 47,200 करोड़ रू०
(ख) निजी आय = निजी क्षेत्र को घरेलु उत्पाद से प्राप्त आय + विदेशों से शुद्ध साधन आय + राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज
= 31000 + (- 200 ) + 900
= 31,700 करोड़ रू०
(ग) वैयक्तिक आय = 31700 -2800-2200
= 26700 करोड़ रू०
Q. निम्नलिखित आंकड़ों से राष्ट्रीय आय निकालिए :
(रू० करोड़ में | |
(1) स्वनियोजितों की मिश्रित आय (2) वृधावस्था पेंशन (3) लाभांश (4) प्रचालन अधिशेष (5) मजदूरी और वेतन (6) लाभ (7) सामाजिक सुरक्षा हेतु नियोजकों का अंशदान (8) विदेशों से शुद्ध साधन आय (9) अचल पूँजी का उपभोग (10) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर |
200 20 100 900 500 400 50 -10 50 50 |
Ans. राष्ट्रीय आय = 200 + 900 + 500 + 50 +(-10)
= 1,640 करोड़ रू०
Q. निम्नलिखित आंकड़ों से राष्ट्रीय आय का परिकलन कीजिए |
(रू० करोड़ों में ) | |
(1) लगान (2) ब्याज (3) लाभ (4) लाभ कर (5) कर्मचारियों का सामाजिक सुरक्षा में अंशदान (6) स्वनियोजिकों की मिश्रित आय (7) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (8) नियोजिकों का सामाजिक सुरक्षा में अंशदान (9) कर्मचारियों का पारिश्रमिक (10) विदेशों से शुद्ध साधन आय |
80 100 210 30 25 250 60 50 500 -20 |
Ans. राष्ट्रीय आय = 80 + 210 + 250 + 500 + (-20)
=1,120 करोड़ रू०