हरम : हरम शब्द का प्रयोग प्राय: मुग़लों की घरेलू दुनिया की ओर संकेत करने के लिए होता है | यह शब्द फारसी से निकला है जिसका तात्पर्य है 'पवित्र स्थान' |
शाही परिवार/मुग़ल परिवार : मुगल परिवार में बादशाह की पत्नियाँ और उपपत्नियाँ, उसके नजदीकी और दूर के रिश्तेदार (माता, सौतेली व उपमाताएँ, बहन, पुत्राी, बहू, चाची-मौसी, बच्चे आदि) व महिला परिचारिकाएँ तथा गुलाम होते थे।
बहुविवाह प्रथा : बहुविवाह प्रथा भारतीय उपमहाद्वीप में विशेषकर शासक वर्गों में व्यापक रूप से प्रचलित थी।
मुग़ल परिवार में पत्नियाँ, उपपत्नियाँ एवं अन्य स्त्रियों की स्थिति :
(i) मुगल परिवार में शाही परिवारों से आने वाली स्त्रिायों (बेगमों) और अन्य स्त्रियों (अगहा), जिनका जन्म कुलीन परिवार में नहीं हुआ था, में अंतर रखा जाता था।
(ii) दहेज (मेहर) के रूप में अच्छा-ख़ासा नकद और बहुमूल्य वस्तुएँ लेने के बाद विवाह करके आई बेगमों को अपने पतियों से स्वाभाविक रूप से अगहाओं की तुलना में अधिक ऊँचा दर्जा और सम्मान मिलता था।
(iii) राजतंत्र से जुड़े महिलाओं के पदानुक्रम में उपत्नियों (अगाचा) की स्थिति सबसे निम्न थी।
(iv) इन सभी को नकद मासिक भत्ता तथा अपने-अपने दर्जे के हिसाब से उपहार मिलते थे। वंश आधारित पारिवारिक ढाँचा पूरी तरह स्थायी नहीं था।
(v) यदि पति की इच्छा हो और उसके पास पहले से ही चार पत्नियाँ न हों तो अगहा और अगाचा भी बेगम की स्थिति पा सकती थीं।
(vi) प्रेम तथा मातृत्व ऐसी स्त्रियों को विधिसम्मत विवाहित पत्नियों के दर्जे तक पहुँचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते थे।
मुग़ल परिवार में गुलामों की स्थिति :
(i) मुगल परिवार में अनेक महिला तथा पुरुष गुलाम होते थे। वे साधारण से साधारण कार्य से लेकर कौशल, निपुणता तथा बुद्धिमता के अलग-अलग कार्यों का संपादन करते थे।
(ii) गुलाम हिजडे़ (ख़्वाजासर) परिवार के अंदर और बाहर के जीवन में रक्षक, नौकर और व्यापार में दिलचस्पी लेने वाली महिलाओं के एजेंट होते थे।
मुग़ल परिवार की रानियों और राजकुमारियों का वित्तीय अधिकार या स्थिति :
(i) नूरजहाँ के बाद मुगल रानियों और राजकुमारियों ने महत्त्वपूर्ण वित्तीय स्रोतों पर नियंत्रण रखना शुरू कर दिया।
(ii) शाहजहाँ की पुत्रियों, जहाँआरा और रोशनआरा, को ऊँचे शाही मनसबदारों के समान वार्षिक आय होती थी।
(iii) इसके अतिरिक्त जहाँआरा को सूरत के बंदरगाह नगर जो कि विदेशी व्यापार का एक लाभप्रद वेंफद्र था, से राजस्व प्राप्त होता था।
(iv) संसाधनों पर नियंत्रण ने मुगल परिवार की महत्त्वपूर्ण स्त्रियों को इमारतों व बागों के निर्माण का अधिकार दे दिया।
(v) जहाँआरा ने शाहजहाँ की नयी राजधानी शाहजहाँनाबाद (दिल्ली) की कई वास्तुकलात्मक परियोजनाओं में हिस्सा लिया। शाहजहाँनाबाद के हृदय स्थल चाँदनी चौक की रूपरेखा जहाँआरा द्वारा बनाई गई थी।
गुलबदन : गुलबदन बेगम बाबर की पुत्री, हूमायूँ की बहन तथा अकबर की चाची थी। उसने एक रोचक पुस्तक हुमायूँनामा लिखी जिससे हमें मुग़लों की घरेलू दुनियाँ की एक झलक मिलती है | गुलबदन स्वयं तुर्की तथा फारसी में धाराप्रवाह लिख सकती थी।