अभ्यास प्रश्नावली : कार्य और ऊर्जा
Q1. निम्न सूचीबद्ध क्रियाकलापों को ध्यान से देखिए। अपनी कार्य शब्द की व्याख्या के आधार पर तर्क दीजिए कि इनमें कार्य हो रहा है अथवा नहीं।
- सूमा एक तालाब में तैर रही है।
- एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझा उठा रखा है।
- एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है।
- एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है।
- एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है।
- अनाज के दाने सूर्य की धुप में सुख रहे हैं।
- एक पाल-नाव पवन ऊर्जा वेफ कारण गतिशील है।
उत्तर :
(i) सूमा एक तालाब में तैर रही है।
उत्तर : सूमा कार्य कर रही है क्योंकि वह पानी में उसके हाथ-पैर की गति से बल लगाकर अपने शरीर को विस्थापित कर लेती है |
(ii) एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझा उठा रखा है।
उत्तर : गधा कोई कार्य नहीं कर रहा है | क्योंकि गधे द्वारा लगाया गया बल और वस्तु का विस्थापन एक दुसरे के लम्बवत है | अत: कार्य शून्य माना जाएगा |
(iii) एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है।
उत्तर : पवन चक्की कुएँ से पानी उठता है पानी का विस्थापन उसी दिशा में है जिस दिशा में बल लगाता है | अत: यह गुरुत्व के विपरीत कार्य माना जाएगा |
(iv) एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है।
उत्तर : इस क्रिया में नहीं कोई बल का उपयोग हो रहा है और नहीं विस्थापन हो रहा है इसलिए कार्य शून्य है |
(v) एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है।
उत्तर : यह कार्य है, क्योंकि रेल इंजन जिस दिशा में बल लगाकर ट्रेन को खिंच रहा है विस्थापन भी उसी दिशा में हो रहा है | यहाँ इंजन घर्षण बल के विरुद्ध कार्य कर रहा है |
(vi) अनाज के दाने सूर्य की धुप में सुख रहे हैं।
उत्तर : दानें सुखाने के दौरान न कोई बल लग रहा है और नहीं कोई विस्थापन हो रहा है | अत: इसमें कोई कार्य नहीं हुआ |
(vii) एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है।
उत्तर : पवन के द्वारा कार्य हुआ है, क्योंकि पवन ऊर्जा के कारण पाल-नाव बल की दिशा में गति करता है |
Q2. एक पिंड को धरती से किसी कोण पर फेंका जाता है। यह एक वक्र पथ पर चलता है और वापस धरती पर आ गिरता है। पिंड के पथ के प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु एक ही क्षैतिज रेखा पर स्थित हैं। पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया?
उत्तर : गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य W = mgh
माना वस्तु का द्रव्यमान = m
g = 9.8 ms-2 और उर्ध्वाधर विस्थापन h = 0 m
(चूँकि जिस स्थिति से वस्तु उठी थी उसी स्थिति पर रुकी है, आरंभिक बिंदु और अंतिम बिंदु के बीच क्षैतिज रेखा है |)
अत: गुरुत्व द्वारा किया गया
कार्य = mgh
= m × 9.8 × 0
= 0 J
Q3. एक बैटरी बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन
कीजिए।
उत्तर : एक बैटरी बल्ब जलाती है तो रासायनिक ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा में परिवर्तन होता है | आगे यह विद्युत ऊर्जा प्रकाश उर्जा में और उष्मीय ऊर्जा में रूपांतरित होता है |
रासायनिक ऊर्जा ⇒ विद्युत ऊर्जा ⇒ प्रकाश उर्जा ⇒ उष्मीय ऊर्जा
Q4. 20 kg द्रव्यमान पर लगने वाला कोई बल इसके वेग को 5 m s-1 से 2 m s-1 में परिवर्तित कर देता है। बल द्वारा किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
उत्तर :
वस्तु का द्रव्यमान m = 20 kg
आरंभिक वेग u = 5 ms-1
अंतिम वेग v = 2 ms-1
बल द्वारा किया गया कार्य W = गतिज ऊर्जा में परिवर्तन
= ½ mv2 - ½ mu2
= ½ m(v2 - u2)
= ½ × 20 (22 - 52)
= 10 (4 - 25)
= 10 (- 21)
= - 210 J
ऋणात्मक (-) चिन्ह बतलाता है कि बल गति के विपरीत दिशा में लग रहा है | अर्थात विराम की ओर जा रही है |
Q5. 10 kg द्रव्यमान का एक पिंड मेज पर A बिंदु पर रखा है। इसे B बिंदु तक लाया जाता है। यदि A तथा B को मिलाने वाली रेखा क्षैतिज है तो पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर : वस्तु का द्रव्यमान m = 10 kg
माना वस्तु का क्षैतिज विस्थापन = AB m
और उर्ध्वाधर विस्थापन = 0 m
गुरुत्व बल g = 10 ms-2
चूँकि गुरुत्व बल लंबवत कार्य करता है और वस्तु का विस्थापन क्षैतिज हुआ है, उर्ध्वाधर विस्थापन 0 m है |
गुरुत्व के विरुद्ध किया गया कार्य W = mgh
= 10 × 10 × 0
= 0 J
अत: कार्य शून्य होगा |
Q6. मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है। क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करती है। कारण बताइए।
उत्तर : नहीं, यह ऊर्जा संरक्षण के नियम का उल्लंघन नहीं करती है | स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है, परन्तु यह कम हुई स्थितिज उर्जा, गतिज ऊर्जा के रूप में वस्तु में संचित होती जाती है, जब स्थितिज ऊर्जा बिलकुल शून्य हो जाता है तब वस्तु की गतिज ऊर्जा आरंभिक स्थितिज ऊर्जा के बराबर हो जाता है | इस प्रकार ऊर्जा संरक्षण का उल्लंघन नहीं करती है |
Q7. जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन से ऊर्जा रूपांतरण होते हैं?
Q8. जब आप अपनी सारी शक्ति लगा कर एक बड़ी चट्टान धकेलना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है? आपके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा कहाँ चली जाती है?
Q9. किसी घर में एक महीने में ऊर्जा की 250 ‘यूनिटें’ व्यय हुईं। यह ऊर्जा जूल
में कितनी होगी?
उत्तर : 250 यूनिट = 250 किलो वाट
1 किलो वाट = 3600000 J = 3.6 × 106
अत: 250 किलो वाट = 250 × 3.6 × 106
= 900.0 × 106
= 9.0 × 108 J
Q10. 40 kg द्रव्यमान का एक पिंड धरती से 5 m की ऊँचाई तक उठाया जाता है। इसकी स्थितिज ऊर्जा कितनी है? यदि पिंड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो जब पिंड ठीक आधे रास्ते पर है उस समय इसकी गतिज ऊर्जा का परिकलन कीजिए।
(g = 10 ms–2)
उत्तर : पिंड का द्रव्यमान (m) = 40 kg
ऊँचाई (h) = 5 m
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 10 ms-2
पिंड की स्थितिज ऊर्जा Ep = mgh
= 40 × 10 × 5
= 2000 J (जूल)
आधे रास्ते की दुरी = 2.5 m
2as = v2 - u2
2 × 10 × 2.5 = v2 - 02
50 = v2
अत: v2 = 50
2.5 m की दुरी पर पिंड का गतिज ऊर्जा = ½ mv2
= ½ × 40 × 50
= 20 × 50
= 1000 J (जूल)
अत: आधे दुरी पर पिंड की गतिज ऊर्जा 1000 J (जूल) है |
Q11. पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य
किया जाएगा? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर :
पृथ्वी द्वारा लगाया गया गुरुत्व बल = F
उपग्रह द्वारा तय दुरी = s m
चूँकि किसी वृतीय कक्ष प्रत्येक बिंदु पर उपग्रह पर लगा गुरुत्व बल लंबवत लगता है क्योंकि उपग्रह उस बिंदु को स्पर्श करती है और स्पर्श रेखा की तरह आगे बढ़ जाती है | इसप्रकार बल सदिश और विस्थापन सदिश के बीच लंबवत बल लगता है अत: कार्य शून्य होगा |
गणितीय गणना :
cos θ = 90०
अत: W = F.s. cos θ
= F.s. cos 90०
= F . s . 0
= 0
अत: किया गया कार्य शून्य है |
Q12. क्या किसी पिंड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में, इसका विस्थापन हो सकता है? सोचिए। इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से विचार-विमर्श कीजिए।
उत्तर : यदि कोई पिंड पहले से ही गतिमान है तो बल की अनुपस्थिति में यह उसी वेग से सरल रेखा में गतिमान रहेगा अर्थात इस स्थिति में बल की अनुपस्थिति में भी विस्थापन संभव है | और यदि इसके विपरीत पिंड पहले से विरामावस्था में है तो बल की अनुपस्थिति में वह विराम में ही बना रहेगा | अत: विस्थापन असंभव होगा |
Q13. कोई मनुष्य भूसे के एक गठ्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता
है और थक जाता है। क्या उसने कुछ कार्य किया या नहीं? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर : इस स्थिति में कार्य नहीं माना जाएगा, क्योंकि भूसे के भार के बराबर बल तो लग रहा है परन्तु उसके अनुदिश वस्तु में विस्थापन नहीं हो रहा है अर्थात विस्थापन शून्य है इसलिए कार्य भी शून्य होगा |
Q14. एक विद्युत्-हीटर (ऊष्मक) की घोषित शक्ति 1500 W है। 10 घंटे में यह कितनी ऊर्जा उपयोग करेगा?
उत्तर : शक्ति (P) = 1500 W
= 1500/1000 kW
= 1.5 kW
समय (t) = 10 घंटा
अत: उपयोग की गई ऊर्जा (W) = P.t
= 1.5 × 10
= 15 kWh
Q15. जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा संरक्षण के नियम को स्पष्ट कीजिए। गोलक कुछ समय पश्चात् विराम अवस्था में क्यों आ जाता है? अंततः इसकी ऊर्जा का क्या होता है? क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन है?
Q16. m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग v से गतिशील है। पिंड पर कितना कार्य करना चाहिए कि यह विराम अवस्था में आ जाए?
Q17. 1500 kg द्रव्यमान की कार को जो 60 km/h के वेग से चल रही है, रोकने के लिए किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
Q18. निम्न में से प्रत्येक स्थिति में m द्रव्यमान के एक पिंड पर एक बल F लग रहा
है। विस्थापन की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर है जो एक लंबे तीर से प्रदर्शित की गई है। चित्रों को ध्यानपूर्वक देखिए और बताइए कि किया गया कार्य ऋणात्मक है, धनात्मक है या शून्य है।
Q19. सोनी कहती है कि किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है चाहे उस पर कई
बल कार्य कर रहे हों। क्या आप उससे सहमत हैं? बताइए क्यों?
Q20. चार युक्तियाँ, जिनमें प्रत्येक की शक्ति 500 W है 10 घंटे तक उपयोग में लाई
जाती हैं। इनकेरा व्यय की गई ऊर्जा kW h में परिकलित कीजिए।
Q21. मुक्त रूप से गिरता एक पिंड अंततः धरती तक पहुँचने पर रूक जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा का क्या होता है?