अतिरिक्त - प्रश्न:
प्रश्न: दक्षिण भारत में भक्ति संत के विस्तार की प्रक्रिया समझाए?
उत्तर:
1. सातवीं से नौवीं शताब्दीयों के बीच कुछ नए धार्मिक आंदोलनों का नेतृत्व नयनारों (शैव संतों) और आलवारों (वैष्णव संतो) ने किया।
2. ये संत सभी जातियों के थे, जिनमे पुलैया और पनार जैसी ' अस्पृश्य ' समझी जाने वाली जातियों के थे।
3. वे बौद्धों और जैनों के कटु आलोचक थे।
4. इन्होने संगम साहित्य (तमिल) की शिक्षाओं को अपने मूल्यों में समावेशित किया।
5. नयनार और अलवार घुमक्कड़ साधु संत थे, वे स्थानीय देवी-देवताओं की प्रशंसा में सुन्दर कविताएं रचकर उन्हें संगीतबद्ध कर दिया करते थे।
6. नयनार संत संख्या में 63 थे उनमे सर्वाधिक प्रसिद्ध थे-अप्पार , सबंदर और मणिककावसागार। उनके गीतों के दो संकलन है -तेवरम और तिरुवाचकम।
7. अलवार संत संख्या में 12 थे उनमे सर्वाधिक प्रसिद्ध थे -पेरियअलवार , उनकी पुत्री अंडाल, तोंडरडिप्पोडी अलवार और वाममालवार।
8. उनके गीत दिव्य प्रबंधम में संकलित है।
प्रश्न: उत्तर भारत में दक्षिण बदलाव का विस्तार समझाइए?
उत्तर:
1. तेरहवीं सदी के उत्तर भारत में भक्ति अंडोला लहर को इस्लाम, ब्राम्हणवादी हिन्दू धर्म, सूफीमत , भक्ति की विभिन्न धाराओं (तथपंथियों, सिद्धो तथा योगियों) ने प्रभावित किया।
2. रामचरित्र मानस - तुलसीदास द्वारा अवधि में रचित (ईश्वर को राम) के रूप में दर्शाया।
3. सूरदास- ये श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे उनकी रचनाए सूरसागर, सूरसारावली और साहित्य लहरी है।
4. असम के शंकर देव - ये परवर्ती पंद्रहवी सदी के थे (विष्णु की भक्ति पर बल)।
5. असमियाँ भाषा में कवियाए तथा नाटक के लिए इन्होने ही 'नामघर' (कविता पाठ और प्रार्थना गृह) स्थापित करने की पद्धति चलाई।
5. नामघर परम्परा में दादू दलाल, रविदास और मीराबाई जैसे संत भी शामिल थे।
प्रश्न: अन्यत्र - मार्टिन लूथर किंग कौन हे?
उत्तर: अन्यत्र - मार्टिन लूथर किंग ने लैटिन भाषा के बजाए आमलोगों की भाषा को प्रोत्साहन किया| बैकिल जर्मन भाषा में अनुमोदन किया| वे दंद्मोचं प्रथा के घोर विरोधी थे|
प्रश्न: कबीर कौन थे?
उत्तर: ये पंद्रहवीं से सोलहवीं सदी में हुए|
1. इनका पालन पोषण बनारस के पास जोलहा परिवार में हुआ|
2. इनके कुछ भजन गुरू ग्रन्थ साहब, पंचवानी और बीजक में संगृहीत एवं सुरक्षित हैं|
3. ये निराकार परमेश्वर में विशवास रखते थे|
4. हिन्दू तथा मुसलमान दोनों लोग इनके अनुयायी हो गए|
प्रश्न: इस्लाम था सूफी संत कौन थे?
उत्तर:
1. सूफीसंत रहस्यवादी थे|
2. इस्लाम में एकेश्वरवाद यानी एक अल्लाह के प्रति पूर्ण समर्पण का ढूढता से प्रचार किया|
3. इन्होने पूर्ती पूजा को अस्वीकार कर दिया और उपासना पद्धति को सामूहिक प्रार्थना नमाज दे कर उन्हें काफी सरल बना दिया|
4. मुस्लिम विद्वानों (उलेमा) से सरियत नाम से एक धार्मिक कानून बनाया|
5. मध्य एशिया के महान सूफी संतों में गज्जली, रूमी और सादी कानून बनाया|
6. इन्होनें औलिया या पीर की देख रेख में ज्रिक (नाम का जाप), चिंतन, सभा (गाना) रक्स (नृत्य) निति चर्चा, साँस पर नियंत्रण आदि रीतियों का विकास किया|
7. चिस्ती सिलसिला इन सभी सिलसिलों में सबसे अधिक प्रभावशाली प्रभावशाली था, जिससे अजेमर के ख्वाजा मुईनुद्दीन चिस्ती, दिल्ली के कुतुबुद्दीन बख्तियार काफी, पंजाब के बाबा फरीद, दिल्ली के खवाजा निजामुद्दीन औलिया और गुलबर्ग के बंदानवाज गिरासुंदराज थे|
8. खान कहाँ - सूफी संतों का विशेष बैठकों का स्थल|