अध्याय : 4 (कार्बन एवं उसके यौगिक)
Q1. एथेन का आण्विक सूत्र - C2H6 है। इसमेंः
(a) 6 सहसंयोजक आबंध हैं
(b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं
(c) 8 सहसंयोजक आबंध हैं
(d) 9 सहसंयोजक आबंध हैं
उत्तर : (b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं |
Q2. ब्यूटेनॉन चर्तु-कार्बन यौगिक है जिसका प्रकार्यात्मक समूह :
(a) कार्बोक्सिलिक अम्ल
(b) ऐल्डिहाइड
(c) कीटोन
(d) ऐल्कोहॉल
उत्तर : (c) कीटोन |
Q3. खाना बनाते समय यदि बर्तन की तली बाहर से काली हो रही है तो इसका मतलब है कि :
(a) भोजन पूरी तरह नहीं पका है।
(b) ईंधन पूरी तरह से जल रहा है।
(c) ईंधन आर्द्र है।
(d) ईंधन पूरी तरह से जल रहा है।
उत्तर : (b) ईंधन पूरी तरह से जल रहा है।
Q4.CH3cl में आबंध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबंध की प्रकृति समझाइए।
उत्तर : CH3Cl में तीन हाइड्रोजन परमाणु कार्बन के एक परमाणु के साथ सहसंयोजक आबंध से जुड़े होते है | इसी प्रकार कार्बन क्लोरीन के मध्य भी सहसंयोजक आबंध है|
Q5. इलेक्ट्रॉन बिदुं संरचना बनाइएः
(a) एथेनॉइक अम्ल
(b) H2S
(c) प्रोपेनोन
(d) F2
उत्तर :
Q6. समजातीय श्रेणी क्या है? उदाहरण के साथ समझाइए।
उत्तर : कार्बन यौगिकों की ऐसी शृंखला जिसमें हाईड्रोजनको एक प्रकार का प्रकार्यात्मक वर्ग प्रतिस्थापित करता है , समजातीय श्रेणी कहलाती है |
उदारहण - मेथेन (CH2) , एथेन (C2H6) , प्रोपोंन (C3H8) .
इनमें CH2 इकाई का अंतर है | ऐल्कीनों का सामान्य सूत्र CnH2n के रूप में लिखा जा सकता है तथा न = 2,3,4 है |
Q7. भौतिक एंव रासायनिक गणुधर्मा के आधार पर एथनॉल एंव अम्ल आप कसै अतंर करेंगे?
उत्तर : भौतिक गुण :-
(i) एथेनॉल की गंध अभिलाक्षणिक ऐल्कोहाली होती है जबकि एथेनॉल अम्ल की गंध तीव्र होती है |
(ii) एथेनॉल का गलनांक 156K होता है जबकि एथेनॉल अम्ल का क्वथनांक 290K होता है |
(iii) एथेनॉल का क्वथनांक 351K होता है जबकि एथेनॉल अम्ल का क्वथनांक 391K होता है |
रासायनिक गुण :-
(i) एथेनॉल लिटमस पेपर पर कोई फर्क नहीं करता है जबकि एथेनॉल अम्ल नीले लिटमस पेपर को लाल कर देता है |
(ii) एथेनॉल सोडियम कार्बोनेट से कोई क्रिया नहीं करते है जबकि एथेनॉल अम्ल सोडियम कार्बोनेट के साथ क्रिया कर CO2 गैस उत्पन्न करते है |
Q8. जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है? क्या एथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में भी मिसेल का निर्माण होगा।
उत्तर : साबुन को जल में डालने पर मिसेल (झाग) बनता है क्योंकि साबुनों में दो होते है - एक लबीं हाइड्रोकार्बन पूंछ तथा एक ऋणात्मक सिरा | पूंछ जलविरोधी व सिर जलारागी होता है | जब यह जल जैसे ध्रुवीय विलायक के साथ क्रिया करते है तो आवेशित भाग के कारण जलरागी भाग आ जाता है अत: वे साबुन के अणुओं के सिर को चारों ओर से घेरकर गुच्छों का निमार्ण करते है और झाग का भी निमार्ण करते है | एथेनॉल ध्रुवीय विलायक नहीं है इसलिए ये साबुन के साथ झाग नहीं बनाते है |
Q9. कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है?
उत्तर : कार्बन एंव उसके यौगिक दहन के फलस्वरूप अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करते है | इनका दहन नियंत्रित करना सरल है तथा ज्वलन ताप भी सामान्य है अत: इनके यौगिक को ईधन के रूप में प्रयोग किया जाता है |
Q10. कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर झाग के निर्माण को समझाइए।
उत्तर : कठोर जल उपस्थित कैल्सियम व मैग्नीशियम आयन साबुन के साथ अभिक्रिया करके अघुलनशील लवण बनाते है | अत: सफेद अवक्षेप का निमार्ण होता है |
2C17H35COONa + Mg2+ → (C17H35COO)2Mg + 2Na+
Q11. यदि आप लिटमस पत्र (लाल एवं नील) से साबुन की जाँच करें तो आपका प्रेक्षण क्या होगा?
उत्तर : साबुन क्षारीय प्रकृति का होता है अत : यह लाल लिटमस पेपर इको नीला कर देता है |
Q12. हाइड्रोजनीकरण क्या है? इसका औद्योगिक अनुप्रयोग क्या है?
उत्तर : असंतृप्त हाईड्रोकार्बन हाईड्रोजन से योग करके संतृप्त यौगिक बनाते है | यह प्रकिया हाइड्रोजनीकरण कहलाती है | इस प्रकिया को तेल से घी बनाने में प्रयोग किया जाता है
वनस्पति तेल +H2
Q13. दिए गए हाइड्रोकार्बन : C2H6 , C3H8 , C3H6 , C2H2 एवं CH4 में किसमें संकलन अभिक्रिया होती है?
उत्तर : C2H2 एवं C3H6में योग अभिक्रिया होगी क्योंकि ये असंतृप्त हाईड्रोकार्बन है |
Q14. मक्खन एवं खाना बनाने वाले तेल के बीच रासायनिक अंतर समझने के लिए एक परीक्षण बताइए।
उत्तर : मक्खन संतृप्त एवं खाघ तेल असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है | इनमें ब्रोमीन जल कड़े सहायता से अतंर किया जा सकता है | मक्खन व तेल गर्म करें | अब इनकें कछु बुँदें ब्रोमीन जल की डालें | मक्खन में कार्बनिक यौगिक है | इसी प्रकार तेल में डालने पर ब्रोमीन जल का रंग उड़ जाता है अत: यह असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है |
Q15. साबुन की सफ़ाई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाइए।
उत्तर : साबुन के अनु में दो सिरे होते है एक जल विरोधी तथा दूसरा जलारागी | जल विरोधी सिरा कपड़ो में लगी मैल के साथ चिपक जाता है परन्तु जलारागी सिरा जल के अणुओं से चिपक जाता है | इसी क्रिया के कारण झाग (मिसेल) निर्मित होता है | इस झाग में साबुन के अणु एक गोलाकार आकार में व्यवसिथ्त हो जाते है | ध्रुवीय भाग CooNa+ |