अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
Q1. नाइट्रोजन स्थिरीकरण की प्रक्रिया कुछ जीवाणुओं द्वारा ऑक्सीजन की उपस्थिति में क्यों नहीं होता है ?
उत्तर: कुछ जीव जैसे जीवाणु तात्विक ऑक्सीजन की उपस्थिति में विषाक्त हो जाते है यही कारण है कि नाइट्रोजन स्थिरीकरण की प्रक्रिया कुछ जीवाणुओं द्वारा ऑक्सीजन की उपस्थिति में क्यों नहीं होता है |
Q2. ओजोन क्या है ?
उत्तर: वायुमंडल के सबसे ऊपरी परत में ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं वाला एक अणु की परत पायी है, जिसे ओजोन कहा जाता है |
Q3. मृदा एक महत्वपूर्ण संपदा है कैसे ?
उत्तर:
(i) मृदा एक महत्वपूर्ण संपदा है जो किसी भी क्षेत्र के जीवन की विविधता को निर्धारित करता है |
(ii) मृदा के ऊपरी परत में बहुत से पालन पोषण करने वाले खनिज पाया जाता है जो उन्हें मृदा से प्राप्त होते हैं |
(iii) सभी हरे पेड़ पौधे मृदा में ही उगते है जो जंतुओं को ऊर्जा भोजन के रूप में प्रदान करते हैं |
Q4. ओजोन परत का प्रमुख कार्य क्या है ?
उत्तर: ओजोन परत का प्रमुख कार्य है :
(i) यह सूर्य से आने वाली हानिकारक विकिरणों को पृथ्वी की सतह पर आने से रोकता है जो कई जिंदगियों को नुकसान पहुँचा सकता है |
Q5. पीडकनाशकों और उर्वरकों का बड़ी मात्रा में उपयोग उस परितंत्र के जैव एवं अजैव घटकों के लिए किस प्रकार हानिकारक हैं ?
उत्तर: जैव घटक:
(i) लंबे समय तक इन पदार्थो के उपयोग करने से मृदा के सूक्ष्म जीव मृत हो जाते है |
(ii) ह्यूमस बनाने में मदद करने वाले केंचुओं को भी ये समाप्त कर सकते हैं |
(iii) ये जैविक विविधता को धीरे-धीरे नष्ट कर देते है |
अजैव घटक :
(i) ये मृदा के संरचना को नष्ट कर देते हैं |
(ii) उपजाऊ मृदा जल्द ही बंजर भूमि में बदल सकती है |
(iii) ये मृदा के लिए हानिकारक होते है जो बाद में मृदा के उर्वरता को प्रभावित करते हैं |
Q6. मृदा अपरदन क्या है ?
उत्तर: मृदा का सबसे ऊपरी भाग काफी उपजाऊ एवं ह्यूमस से परिपूर्ण होता है | यह हल्का भी होता है, कई बार ये बहते हुए वायु या जल के साथ एक जगह से दुसरे जगह स्थानांतरित हो जाते है | मृदा का इस प्रकार स्थानांतरित होना मृदा अपरदन कहलाता है |
Q7. नाइट्रोजन चक्र क्या है ? इसका वर्णन कीजिए |
उत्तर: नाइट्रोजन गैस प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्ल, डी.एन.ए. और आर. एन. ए. तथा कुछ विटामिनों जैसे अणुओं का भाग है | यह दुसरे जैविक यौगिकों में भी पाया जाता है | फलीदार पौधों की जड़ों की एक विशेष संरचना में पाए जाने वाले बैक्टीरिया वायुमंडल में व्याप्त नाइट्रोजन के अणुओं को नाइट्रेट्स तथा नाइट्राईट्स जैसे अणुओं में बदल देते है | इन अणुओं के अलावा नाइट्रोजन परमाणु अन्य भौतिक क्रियाओं के द्वारा नाइट्रेट्स तथा नाइट्राईट्स में बदलते हैं तथा बिजली चमकने के समय वायु में पैदा हुआ उच्च ताप तथा दाब नाइट्रोजन को नाइट्रोजन के ऑक्साइड में बदल देता है | ये ऑक्साइड जल में घुलकर नाइट्रिक तथा नाइट्रस अम्ल बनाते है और वर्षा से साथ मिलकर भूमि पर गिरते है जिसे विभिन्न जीवों द्वारा उपयोग कर लिया जाता है | पौधे नाइट्रेट्स तथा नाइट्राईट्स को ग्रहण कर उन्हें अमीनो अम्ल में बदल देते है जिनका उपयोग वे प्रोटीन बनाने में करते हैं | इस प्रोटीन एवं दुसरे जटिल यौगिकों का उपयोग जंतु अपने भोजन के लिए करते है और जब इन जंतुओं या पौधों की मृत्यु होती है तो मिट्टी में मौजूद जीवाणु इनका निम्नीकरण कर इसके यौगिक में स्थित नाइट्रोजन को नाइट्रेट्स तथा नाइट्राईट्स में बदल देते है | फिर ये साधारण परमाणु के रूप में वायुमंडल में आ जाता है | इस प्रकार प्रकृति में एक चक्र का निर्माण होता है जिसे नाइट्रोजन चक्र कहते है |