अभ्यास - प्रश्न:
प्रश्न1: रिक्त स्थान भरें :
(क) अंग्रेजों ने आदिवासियों को ................... के रूप में वर्णित किया |
(ख) झूम खेती में बीज बोने के तरीके को ................... कहा जाता है |
(ग) मध्य भारत में ब्रिटिश भूमि बंदोबस्त के अंतर्गत आदिवासी मुखियाओं को ............... स्वामित्व मिल गया |
(घ) असम के .................. और बिहार की ................ में काम करने के लिए आदिवासी जाने लगे |
उत्तर:
(क) जंगली
(ख) छितराना
(ग) भूमि
(घ) बागान, खादान
प्रश्न2: सही या गलत बताएँ :
(क) झूम काश्तकार जमीन की जुताई करते हैं और बीज रोपते हैं |
(ख) व्यापारी संथालों से कृमिकोष खरीदकर उसे पाँच गुना ज्यादा कीमत पर बेचते थे |
(ग) बिरसा ने अपने अनुयायियों का आह्वान किया कि वे अपना शुद्धिकरण करे, शराब पीना छोड़ दे और डायन व जादू-टोने जैसी प्रथाओं में यकीन न करें |
(घ) अंग्रेज आदिवासियों की जीवन पद्धति को बचाए रखना चाहते थे |
उत्तर:
(क) गलत
(ख) सही
(ग) सही
(घ) गलत
प्रश्न 3: ब्रिटिश शासन में घुमंतू कास्तकारों के सामने कौन-सी समस्या थी ?
उत्तर:
(i) उन्होंने जमीन को माप कर प्रति एक व्यक्ति का हिस्सा तय कर दिया |
(ii) उन्होंने यह भी तय कर दिया की किसे कितना लगान देना होगा |
(iii) कुछ ही किसानों को भू-स्वामी और दूसरों को पट्टेदार घोषित कर दिया गया |
(iv) पट्टेदार अपने भू-स्वामियों का भाड़ा चुकाते थे और भू-स्वामी सरकार को लगान देते थे |
प्रश्न4: औपनिवेशिक शासन के तहत आदिवासी मुखियाओं की ताकत में क्या बदलाव आया ?
उत्तर:
(i) उन्हें कई-कई गांवों पर जमीन का मालिकाना हक तो मिला, लेकिन उनकी शासकीय शक्तियाँ छीन लीं गई |
(ii) उन्हें ब्रिटिश अधिकारीयों द्वारा बनाये गए नियमों को मानने के लिए बाध्य कर दिया गया |
(iii) उन्हें अंग्रेजों को नज़राना देना पड़ता था |
(iv) अंग्रेजों के प्रति निजी की हैसियत से अपने समूहों को अनुशासन में रखना होता था |
(v) पहले जो उनके पास जो ताकत थी अब वो नहीं रही |
(vi) परम्परागत कामों को करने के लिए लचार हो गए |
प्रश्न 5: दिकुओं से आदिवासियों के गुस्से के क्या कारण थे ?
उत्तर:
(i) आदिवासी अपने आस-पास आ रहे बदलाओं और अंग्रेज शासन के कारण पैदा हो रही समस्याओं से बेचैन थे |
(ii) उनकी परिचित जीवन पद्धति नष्ट होती दिखाई दे रही थी |
(iii) उनकी आजीविका खतरे में थी |
(iv) उनके धर्म छिन्न-भिन्न हो रहे थे |
प्रश्न6: बिरसा की कल्पना युग में स्वर्ण युग किस तरह का था ? आपकी राय में ये कल्पना लोगों को इतनी आकर्षक क्यों लग रही थी ?
उत्तर: वे स्वर्ण युग "सतयुग" की चर्चा करते थे, जिसमें मुंडा लोग अच्छा जीवन जीते थे, तटबंध बनाते थे, पेड़ और बाग़ लगाते थे, पेट पालने के लिए खेती करते थे और कुदरती झरनों को नियंत्रित करते थे | बिरसा चाहते थे कि लोग एक बार फिर अपनी जमीन पर खेती करे और एक जगह टिक कर रहे | वे अपनी ही खेत पर काम करे | उस काल्पनिक युग में मुंडा अपनी बिरादरियों और रिश्तेदारों का खून नहीं बहायें और वे ईमानदारी से जीयें |