अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1: रेशे कितने प्रकार के होते है ?
उत्तर : रेशे दो प्रकार के होते है ।
(i) प्राकृतिक रेशा
(ii) संश्लेषित रेशा ।
प्रश्न 2: प्राकृतिक रेशों के तीन उदाहरण दीजिए ।
उत्तर : उन, कपास और रेशम।
प्रश्न 3: संश्लेषित रेशों का चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर : रेयॉन, पॉलिएस्टर, टेरीकॉट तथा नायलॉन आदि।
प्रश्न 4: प्राकृतिक तंतु किसे कहते है ?
उत्तर : कुछ वस्त्रों, जैसे सूती, जूट, रेशमी तथा ऊनी के तंतु पादपों तथा जंतुओं से प्राप्त होते हैं।इन्हें प्राकृतिक तंतु कहते हैं। जैसे - कपास, उन और रेशम आदि।
प्रश्न 5: संश्लेषित तंतु किसे कहते है ?
उत्तर : कुछ तंतु रासायनिक पदार्थों से निर्मित किये जाते है जिन्हें संश्लेषित तंतु कहते है। जैसे - पोलिएस्टर, नॉयलॉन और एक्रिलीक आदि।
प्रश्न 6: कपास ओटना किसे कहते है ?
उत्तर : कपास से बीजों को कंकतन द्वारा पृथक किया जाता है। इस प्रक्रिया को कपास ओटना कहते हैं।
प्रश्न 7: कताई किसे कहते है ?
उत्तर : रेशों से तागा बनाने की प्रक्रिया को कताई कहते हैं।
प्रश्न 8: तकली किसे कहते है ?
उत्तर : कताई के लिए एक सरल युक्ति ‘हस्त तकुआ’ का उपयोग किया जाता है
जिसे तकली कहते हैं।
प्रश्न 9: हाथ से उपयोग होने वाली कताई युक्ति का नाम बताइए।
उत्तर : चरखा।
प्रश्न 10: बुनाई किसे कहते है ?
उत्तर : तागों वेफ दो सेटों को आपस में व्यवस्थित करके वस्त्र बनाने की प्रक्रिया को बुनाई कहते हैं|
प्रश्न 11: फ्रलैक्स क्या है ?
उत्तर : फ्रलैक्स भी एक पादप है जिससे प्राकृतिक तंतु प्राप्त होता है।
प्रश्न 12: वस्त्र कैसे बनता है ?
उत्तर : तागों की बुनाई और बंधाई से वस्त्र बनता है।
प्रश्न 13: निम्नलिखित तंतुओं को प्राकृतिक तथा संश्लिष्ट में वर्गीकृत कीजिए।
नायलॉन, ऊन, रुई, रेशम, पॉलिएस्टर, पटसन।
प्रश्न 14: रुई तथा जूट (पटसन) पादप के किन भागों से प्राप्त होते हैं?
उत्तर : रुई पादप के फल से प्राप्त होता है जबकि जूट (पटसन) पादप के तना को पानी में सड़ा कर प्राप्त किया जाता है।
प्रश्न 15: नारियल तंतु से बनने वाली दो वस्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर :
1. नारियल की रस्सी
2. नारिलय का पैदान ।
प्रश्न 16: तंतुओं से तागा निर्मित करने की प्रक्रिया स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : रेशों से तागा बनाने की प्रक्रिया को कताई कहते हैं। इस प्रक्रिया में, रुई के एक पुंज से रेशों को खींचकर ऐंठते हैं। ऐसा करने से रेशे पास-पास आ जाते हैं और तागा बन जाता है। जिसके लिए तकली या चरखा का उपयोग किया जाता है।