11. प्रकाश, छायायें एवं परावर्तन
अध्याय-समीक्षा:
अपारदर्शी वस्तु : वह वस्तु जो अपने से होकर प्रकाश को जाने नहीं देती अपारदर्शी वस्तु कहलाती है |
उदाहरण: दीवार, लकड़ी, पुस्तक, आदि |
पारदर्शी वस्तु : वह वस्तु जो अपने से होकर प्रकाश को जाने देती है उसे पारदर्शी वस्तु कहते है |
उदाहरण: शीशा, काँच, पानी आदि
पारभासी वस्तु: वह वस्तु जो प्रकाश के कुछ भाग को ही अपने से होकर गुजरने देती है, पारभासी वस्तु कहलाती है |
उदाहरण: तेल लगा कागज, पन्नी, पोलीथिन आदि |
छाया : जब प्रकाश के मार्ग में कोई वस्तु आ जाती है तो उससे छाया बनता है |
दीप्त पिंड या वस्तु : जो वस्तुएँ सूर्य की तरह स्वयं प्रकाश का उत्सर्जन करती हैं उन्हें दीप्त पिंड कहते है |
जैसे : सूर्य, टार्च, मोमबती और विद्युत बल्ब आदि |
परदा : वह वस्तु जिसपर छाया बनती है परदा कहलाता है |
दर्पण तथा परावर्तन
दर्पण : वह वस्तु जिसमें किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब बनता है दर्पण कहलाता है |
दर्पण के प्रकार :
दर्पण दो प्रकार के होते है |
(1) समतल दर्पण : वह दर्पण जिसका परावर्तक पृष्ठ समतल होता है और यह वस्तु के समान और बराबर दुरी पर प्रतिबिम्ब बनाता है |
उदाहरण : घर में चेहरा देखने वाला दर्पण, सैलून में प्रयोग होने वाला दर्पण आदि |
(2) गोलीय दर्पण : वह दर्पण जिसका परावर्तक पृष्ठ वक्र अथवा गोलीय होता है |
गोलीय दर्पण दो प्रकार का होता है |
(i) अवतल दर्पण
(ii) उत्तल दर्पण