13. चुंबकों द्वारा मनोरंजन
अतिरिक्त-प्रश्नोत्तर:
प्रश्न: चुंबकीय पदार्थ किसे कहते हैं ?
उत्तर: जो पदार्थ चुंबक की ओर आकर्षित होते हैं, वे चुंबकीय पदार्थ कहलाते हैं – जैसे लोहा, निकिल तथा कोबाल्ट |
प्रश्न:अचुंबकीय पदार्थ किसे कहते हैं ?
उत्तर: जो पदार्थ चुंबक की ओर आकर्षित नहीं होते, वे अचुंबकीय पदार्थ कहलाते हैं |
प्रश्न: प्राकृतिक चुंबक का नाम बताइए |
उत्तर: मैग्नेटाइट |
प्रश्न: चुंबक किसे कहते है ?
उत्तर: जिन पदर्थों में लोहे को आकर्षित करने का गुण पाया जाता है वे चुंबक कहलाते हैं |
प्रश्न: कृत्रिम चुंबक किसे कहते हैं?
उत्तर: लोहे के टुकड़ों से बनाया गया चुम्बक को कृत्रिम चुंबक कहते हैं |
प्रश्न: चुंबक कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर: चुंबक दो प्रकार के होते हैं |
(i) प्राकृतिक चुंबक
(ii) कृत्रिम चुम्बक
प्रश्न: आकृति के अनुसार कृत्रिम चुंबक कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर: (1) छड चुंबक (2) नाल चुंबक (3) बेलनाकार चुंबक (4) गोलांत चुंबक
प्रश्न: चुंबक का ध्रुव किसे कहते है ?
उत्तर: चुंबक के दो सिरे होते है जिन्हें हम ध्रुव कहते हैं |
प्रश्न: चुंबक के कितने ध्रुव होते हैं ?
उत्तर: चुंबक के दो ध्रुव होते है |
(i) उतरी ध्रुव
(ii) दक्षिणी ध्रुव
प्रश्न: कंपास (दिक्सूचक) क्या है ?
उत्तर: कंपास (दिक्सूचक) चुंबक से बना एक यन्त्र है जिसकी चुंबकीय सुई उत्तरी तथा दक्षिणी दिशा को बताता है |
प्रश्न: चुंबक के कोई दो गुण लिखिए |
उत्तर:
(1) यह चुंबकीय पदार्थों जैसे लोहा, निकेल और कोबाल्ट को अपनी ओर आकर्षित करता है |
(2) दो चुंबक के असमान ध्रुव एक-दुसरे को आकर्षित करते हैं जबकि समान ध्रुवों में परस्पर प्रतिकर्षण होता है |
प्रश्न: चुंबक के ध्रुव कहाँ स्थित होते हैं ?
उत्तर: छड़ चुंबक के ध्रुव इसके दोनों सिरों पर होते हैं |
प्रश्न: छड़ चुंबक पर ध्रुवों की पहचान का कोई चिन्ह नहीं है | आप कैसे ज्ञात करोगे कि किस सिरे के समीप उत्तरी ध्रुव स्थित है ?
उत्तर: छड़ चुंबक को एक धागे से इसके बीचों बीच बाँध कर लटकायेंगे जब चुंबक स्थिर हो जायेगा तो जो सिरा उत्तर की ओर होगा वह उत्तरी ध्रुव होगा और जो सिरा दक्षिण की ओर होगा वह दक्षिणी ध्रुव होगा |
प्रश्न: आपको एक लोए की पत्ती दी गई है | आप इसे चुंबक कैसे बनायेंगे ?
उत्तर: लोहे की पत्ती को एक चुंबक के सिरे से पत्ती के एक सिरे से दुसरे सिरे तक 30 से 40 बार रगड़ने से यह चुंबक बन जाता है |
प्रश्न: दिशा निर्धारण में कंपास का किस प्रकार प्रयोग होता है ?
उत्तर: कंपास की सुई के दो सिरे होते है जिस पर N तथा S अंकित रहता है | जो चुंबक के उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव होते है | कंपास को तब तक घुमाते है जब तक कंपास का उत्तरी ध्रुव डायल पर अंकित उत्तर-दक्षिणी के चिन्ह, सुई के दोनों सिरों पर न आ जाएँ | इससे उत्तर दिशा का पता चाल जाता है |