उपयोगिता: किसी वस्तु में मानव आवश्यकताओं को संतुष्ट करने की क्षमता को उपयोगिता कहते है |
अर्थात जब कोई वस्तु किसी मानव की आवश्यकता को पूरा करता है तो वह उसकी उपयोगिता कहलाता है |
उपयोगिता की मात्रात्मक माप कठिन है परंतु इसे संतुष्टि या आनंद की इकाइयों में मापा जाता है जिसे युटिल (util) कहते है |
उपभोक्ता संतुलन के आधार पर उपयोगिता की दो अवधारणायें हैं |
(1) सीमांत उपयोगिता (Marginal Utility): किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई के उपभोग से, कुल उपयोगिता में होने वाली वृद्धि को सीमांत उपयोगिता कहते है | अर्थात अतिरिक्त इकाई को सीमांत इकाई कहते है |
सीमांत उपयोगिता (MU) = TUn - TUn-1
उदाहरण1: 5 वस्तुओं की कुल उपयोगिता 27 है यदि 1 अतिरिक्त वस्तु (6 वीं ) वस्तु की कुल उपयोगिता 30 है तो सीमांत उपयोगिता ज्ञात कीजिये |
हल: ΔX = 6 - 5 = 1
ΔTUx = 30 - 27 = 3
= 3/1
= 3
(2) कुल उपयोगिता (Total Utility): किसी वस्तु की निश्चित मात्रा के उपयोग से उपभोक्ता को प्राप्त होने वाली समस्त उपयोगिता, कुल उपयोगिता कहलाती है |
कुल उपयोगिता (TU) = Σ MU