अध्याय 4. कार्बन और इसके यौगिक
प्रकार्यात्मक समूह:
प्रकार्यात्मक समूह किसी कार्बोनिक यौगिकों में परमाणुओं अथवा परमाणुओं का समूह है जो एक दुसरे से एक विशेष प्रकार से जुड़े होते हैं | यही कारण है कि आमतौर पर कार्बन यौगिकों में रासायनिक अभिक्रिया का क्षेत्र है |
कार्बन यौगिकों में प्रकार्यात्मक समूह के रूप में ऑक्सीजन, क्लोरीन, सल्फर, नाइट्रोजन और अन्य दुसरे तत्व के परमाणु उपस्थित हो सकते है |
विषमपरमाणु (Hetroatoms): किसी यौगिक से हाइड्रोजन परमाणुओं को प्रतिस्थापित करने वाले तत्व को विषमपरमाणु कहते हैं |
उदाहरण: ऑक्सीजन, क्लोरीन, सल्फर, नाइट्रोजन और अन्य तत्वों कार्बोनिक यौगिकों में एक कार्यात्मक समूह के एक भाग के रूप में उपस्थिति हो सकता है, इस तरह के तत्वों विषमपरमाणु कहा जाता है।
कुछ प्रकार्यात्मक समूहों की सूचि (Some List of Functional Groups):
(i) हैलोजन (Halogen): हैलोजन में क्लोरीन, फ़्लोरिन, ब्रोमिन और आयोडीन आदि जैसे अधातु होते है जो आधुनिक आवर्त सारणी के समूह 17 में स्थित हैं |
प्रकार्यात्मक समूह | प्रकार्यात्मक समूह का सूत्र | विषमपरमाणु |
हैलोजन |
-Cl (क्लोरो उपसर्ग लगता है ) -Br (ब्रोमो उपसर्ग लगता है) -I (आयोडो उपसर्ग लगता है) |
Cl (क्लोरीन) Br (ब्रोमिन) I (आयोडीन) |
(ii) अल्कोहल (Alcohol): अल्कोहल एक अन्य प्रकार्यात्मक समूह है जो हाइड्रोकार्बन की श्रृंखलाओं से जुड़कर अणुओं का समूह बनाता है | इसमें हाइड्रोऑक्साइड (-OH) हाइड्रोकार्बन से एक हाइड्रोजन परमाणु को हटाकर स्वयं जुड़ता है और अल्कोहल समूह का यौगिक बनाता है |
उदाहरण: - OH
(-OH) एल्केन जैसे हाइड्रोकार्बन से जुड़कर अनेक प्रकार के अल्कोहल का निर्माण करता है जैसे - मेथनॉल, एथेनॉल और प्रोपनॉल आदि |
(iii) एल्डिहाईड (Aldehyde): यह एक प्रकार्यात्मक समूह है जिसमें एक अकेला ऑक्सीजन परमाणु द्वि-आबंध में हाइड्रोजन के साथ कार्बन परमाणु से जुड़ता है |
(iv) किटोन (Ketone): किटोन भी एक प्रकार्यात्मक समूह है जो हाइड्रोकार्बन से जुड़कर अनेक अणुओं का निर्माण करता है | किटोन समूह में कार्बन परमाणु एक अकेले ऑक्सीजन परमाणु से द्वि-आबंध में जुड़ा होता है |
(v) कार्बोक्सिलिक अम्ल (Carboxylic acid): यह भी एक प्रकार्यात्मक समूह है जिसमें एक कार्बन परमाणु, ऑक्सीजन परमाणु से द्वि-आबंध में जुड़ा होता है और हाइड्रोऑक्साइड से भी जुड़ा होता है |
समजातीय श्रेणी (Homologous Series):
यौगिकों की एक श्रृंखला जिसमें एक ही प्रकार के प्रकार्यात्मक समूह कार्बन श्रृंखला में हाइड्रोजन परमाणु को प्रतिस्थापित करता है और अणुओं की एक श्रृंखला का निर्माण करता है इसे समजातीय श्रेणी कहते हैं |
समजातीय श्रेणियों का उदाहरण:
एल्केन के साथ कार्बन श्रृंखला | समजातीय श्रेणी हैलोजन (-Cl) के साथ | समजातीय श्रेणी हैलोजन (-Br) के साथ | समजातीय श्रेणी हैलोजन (-I) के साथ | समजातीय श्रेणी अल्कोहल के साथ(-OH) | एल्डिहाईड के साथ समजातीय श्रेणी (-CHO) |
CH4 | CH3-Cl | CH3-Br | CH3-I | CH3-OH | H-CHO |
C2H6 | C2H5-Cl | C2H5-Br | C2H5-I | C2H5-OH | CH3-CHO |
C3H8 | C3H7-Cl | C3H7-Br | C3H7-I | C3H7-OH | C2H5-CHO |
C4H10 | C4H9-Cl | C4H9-Br | C4H9-I | C4H9-OH | C3H7-CHO |
C5H12 | C5H11-Cl | C5H11-Br | C5H11-I | C5H11-OH | C4H9-CHO |
C6H14 | C6H13-Cl | C6H13-Br | C6H13-I | C6H13-OH | C5H11-CHO |
समजातीय श्रृंखला में बढ़ते अणु द्रव्यमान:
जब किसी समजातीय श्रेणी में आणविक द्रव्यमान बढ़ता है तो भौतिक गुणधर्मों में
क्रमबद्धता दिखाई देती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आणविक द्रव्यमान के बढ़ने के
साथ गलनांक एवं क्वथनांक में वृद्धि होती है। किसी विशेष विलायक में विलेयता जैसे
भौतिक गुणधर्म भी इसी प्रकार की क्रमबद्धता दर्शाते हैं।किन्तु पूर्ण रूप से प्रकार्यात्मक
समूह के द्वारा सुनिश्चित किए जाने वाले रासायनिक गुण समजातीय श्रेणी में एकसमान बने रहते हैं।
कार्बन यौगिकों का नामकरण (Nomenclature of carbon Compounds):
कार्बनिक यौगिकों का व्यवस्थित ढंग से नामकरण को नामकरण (nomenclature) कहते हैं ।
IUPAC नाम:
इस नामकरण से बनने वाले नाम को IUPAC नाम कहते है |
हाइड्रोकार्बन का नामकरण (Nomenclature of Hydrocarbons):
हाइड्रोकार्बन अणुओं में कार्बन परमाणुओं के उपस्थिति के अनुसार नामकरण इस प्रकार होता है :
कार्बन परमाणुओं की संख्या | नाम | एल्केन का उदाहरण (H.C) |
1 कार्बन परमाणु | Meth- (मेथ) | Methane मेथेन |
2 कार्बन परमाणु | Eth- (एथ) | Ethane एथेन |
3 कार्बन परमाणु | Prop- (प्रोप) | Propane प्रोपेन |
4 कार्बन परमाणु | But- (ब्युट) | Butane ब्यूटेन |
5 कार्बन परमाणु | Pent- (पेंट) | Pentane पेंटेन |
6 कार्बन परमाणु | Hex- (हेक्स) | Hexane हेक्सेन |
7 कार्बन परमाणु | Hept- (हेप्ट) | Heptane हेप्टेन |
8 कार्बन परमाणु | Oct- (ओक्ट) | Octane ओक्टेन |
9 कार्बन परमाणु | Non- (नोन) | Nonane नोनेन |
10 कार्बन परमाणु | Dec- (डेक) | Decane डेकेन |
हाइड्रोकार्बन तीन प्रकार के होते है और नामकरण निम्नप्रकार से होता है :
(1) एल्केन (Alkane) (एकल आबंध):
प्रकार्यात्मक समूह हेलोजन और उसका नामकरण :
-(Cl) के लिए "क्लोरो" का प्रयोग किया जाता है, (-Br) के लिए "ब्रोमो" का और (-I) के लिए "आयोडो" का प्रयोग किया जाता है |
(A) क्लोरीन के साथ एल्केन
प्रकार्यात्मक समूह हैलोजन (क्लोरीन) का अणु सूत्र | IUPAC नाम | |
CH3-Cl | क्लोरो-मेथेन | |
C2H5-Cl | क्लोरो-एथेन | |
C3H7-Cl | क्लोरो-प्रोपेन | |
C4H9-Cl | क्लोरो-ब्यूटेन | |
C5H11-Cl | क्लोरो-पेंटेन | |
C6H13-Cl | क्लोरो-हेक्सेन |
(B) ब्रोमिन के साथ एल्केन
प्रकार्यात्मक समूह हैलोजन (ब्रोमिन) का अणु सूत्र | IUPAC नाम | |
CH3-Br | ब्रोमो-मेथेन | |
C2H5-Br | ब्रोमो-एथेन | |
C3H7-Br | ब्रोमो-प्रोपेन | |
C4H9-Br | ब्रोमो-ब्यूटेन | |
C5H11-Br | ब्रोमो-पेंटेन | |
C6H13-Br | ब्रोमो-हेक्सेन |
(C) आयोडीन के साथ एल्केन
प्रकार्यात्मक समूह हैलोजन (आयोडीन) का अणु सूत्र | IUPAC नाम | |
CH3-I | आयोडो-मेथेन | |
C2H5-I | आयोडो-एथेन | |
C3H7-I | आयोडो-प्रोपेन | |
C4H9-I | आयोडो-ब्यूटेन | |
C5H11-I | आयोडो-पेंटेन | |
C6H13-I | आयोडो-हेक्सेन |
प्रकार्यात्मक समूह अल्कोहल और उसका नामकरण:
अल्कोहल समूह का नाम देने के लिए हम हाइड्रोकार्बन के समान्य एल्केन नाम में (-ऑल) प्रत्यय लगाते हैं |
(D) अल्कोहल (Alcohol):
प्रकार्यात्मक समूह अल्कोहल (-OH) के अणु सूत्र | IUPAC नाम | |
CH3-OH | मेथनॉल | |
C2H5-OH | एथेनॉल | |
C3H7-OH | प्रोपनॉल | |
C4H9-OH | ब्युटनॉल | |
C5H11-OH | पेंटानॉल | |
C6H13-OH | हेक्सानॉल |
Note: उपरोक्त उदाहरण (A), (B), (C) और (D) ये सभी समजातीय श्रेणी (Homologous series) के उदाहरण भी हैं |:
(2) एल्किन (Alkene) (द्वि-आबंध)
(3) एल्काइन (Alkyne) (त्रि-आबंध)
1. दहन (Combustion): दहन यौगिकों के वायु के उपस्थिति में जलकर जल और कार्बन डाइऑक्साइड देने की प्रक्रिया को दहन कहा जाता है |
(i) मेथेन (CH4) की वायु में दहन की अभिक्रिया निम्नानुसार होती है :
CH4 + 2O2 → CO2 + 2H2O + ऊष्मा और प्रकाश
(ii) मेथनॉल (CH3CH2OH) वायु में दहन होने पर CO2 जल, ऊष्मा और प्रकाश देता है |
CH3CH2OH + 3O2 → 2CO2 + 3H2O + ऊष्मा और प्रकाश
उपरोक्त उदाहरण से आप देखते है कि कैसे कार्बोनिक यौगिक दहन होने पर ऊष्मा और प्रकाश देते है |
ईंधन के रूप में कार्बन यौगिक (Carbon Compound As Fuels):
अधिकांश कार्बन यौगिक जलने पर बड़ी मात्रा में ऊष्मा और प्रकाश निकालते हैं |
2. ऑक्सीकरण (Oxidation): ऑक्सीकरण वह अभिक्रिया है जिसमें कार्बन यौगिक ओक्सिकारक तत्व (oxidising agents) की उपस्थिति में ऑक्सीजन लेते है और दुसरे कार्बन यौगिक का निर्माण करते हैं |
ओक्सिकारक (Oxidising Agent): कुछ पदार्थों में अन्य पदार्थों में ऑक्सीजन जोड़ने की क्षमता होती है इन्हें ओक्सिकारक कहते है |
उदाहरण: क्षारीय पोटैशियम परमैगनेट और अम्लिकृत पोटैशियम डाईक्रोमेट आदि आक्सीकारक हैं |
क्षारीय पोटैशियम परमैगनेट और अम्लिकृत पोटैशियम डाईक्रोमेट के द्वारा इथाइल अल्कोहल का ऑक्सीकरण:
जब क्षारीय पोटैशियम परमैगनेट या अम्लिकृत पोटैशियम डाईक्रोमेट की कुछ बुँदे हलके गर्म इथाइल अल्कोहल में डाला जाता है तो यह ओक्सिकृत हो जाता है और एक पूर्ण ऑक्सीकरण अभिक्रिया संपन्न होता है और इससे एसेटिक अम्ल का निर्माण होता है |
इस अभिक्रिया का समीकरण निम्न है :