अध्याय 5. कोयला और पेट्रोलियम
प्रश्न - जीवाश्मी ईंधन किसे कहते है ?
उत्तर - वे ईंधन जिनका निर्माण सजीव प्रणियों के मृत अवशेषों से होता है इन्हें जीवाश्मी ईंधन कहते है।
जैसे - कोयला ।
प्रश्न - कार्बनीकरण क्या है ?
उत्तर - मृत वनस्पति के धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तन को कार्बनीकरण कहते है।
प्रश्न - उद्योग में कोयले के प्रक्रमण द्वारा प्राप्त उत्पादों के नाम बताइए।
उत्तर - कोक , कोलतार और कोयला गैस ।
प्रश्न - कोक के अभिलक्षणों और उपयोग का वर्णन कीजिए।
उत्तर - यह एक कठोर , सरंध्र और काला पदार्थ है। यह कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है। कोक का उपयोग इस्पात के औद्योगिक निर्माण और बहुत से धातुओं के निष्कर्षण में किया जाता है।
प्रश्न - कोयला का रासायनिक गुणधर्म लिखिए।
उत्तर - वायु में गर्म करने पर कोयला जलता है और मुख्य रूप से कार्बन डाईआॅक्साइड गैस उत्पन्न करता है।
प्रश्न - कोलतार क्या है ? इसका उपयोग लिखों ।
उत्तर - यह एक अप्रिय गंध वाला काला गाढ़ा द्रव होता है। यह लगभग दो सौ पदार्थो का मिश्रण होता है। इसका उपयोग औद्योगिक निर्माण में संश्लेषित रंग , औषधि , विस्फोटक , सुगंध , प्लास्टिक आदि कार्यो में होता है।
प्रश्न - कोयला गैस कैसे प्राप्त होता है ? इसका एक प्रमुख उपयोग लिखों ।
उत्तर - कोयले के प्रक्रमण द्वारा कोक बनाते समय कोयला गैस प्राप्त होता है। इसका उपयोग उद्योगों में ईंधन के रूप में की जाती है।
प्रश्न - हल्के वाहनों में किस पेट्रोलियम उत्पाद का उपयोग होता है।
उत्तर - पेट्रोल का।
प्रश्न - पेट्रोलियम का कौन सा उत्पाद सडक निर्माण हेतु उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर - बिटुमेन ।
प्रश्न - काला सोना किसे कहते है ?
उत्तर - पेट्रोलियम को ।
प्रश्न - पेट्रोलियम को काला सोना क्यों कहते है ?
उत्तर - पेट्रोलियम का उपयोग विभिन्न उत्पादों में किया जाता है । इनका अपना बहुत अधिक व्यवसायिक महत्व है। इसलिए इसे काला सोना कहते है।
प्रश्न - पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों के नाम लिखिए जो पेट्रोलियम परिष्करणी से प्राप्त होते है।
उत्तर - पेट्रोलियम गैस , पेट्रोल , डीजल , स्नेहक तेल , पैराफिन मोम , किरोसिन तेल आदि।
प्रश्न - पेट्रोलियम विभिन्न संघटकों को पृथक करने के प्रक्रम को क्या कहते है ?
उत्तर - परिष्करणी ।
प्रश्न - पेट्रोलियम उत्पाद के उस संघटक का नाम बताइए जिसका उपयोग मरहम , मोमबती और वैसलीन बनाने में किया जाता है।
उत्तर - पैराफिन मोम ।
प्रश्न - समझाइए, जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन क्यों है ?
उत्तर - कोयला और पेट्रोलियम जीवाश्म ईंधन है। इनके बनने मंें लाखों वर्ष का समय लग जाता है। जबकि इसी तरह अंधाधुंध उपयोग होता रहा तो ये सौ वर्षो में ही समाप्त हो जाएगें । इनकी बनने कि प्रक्रिया जटिल है। इसलिए जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन है।
प्रश्न - वर्णन कीजिए , मृत वनस्पति से कोयला किस प्रकार बनता है ? यह प्रक्रम क्या कहलाता है ?
उत्तर - लगभग 300 मिलियन वर्ष पूर्व जलीय क्षेत्रों के धने वन जो बाढ़ जैसे प्राकृतिक प्रक्रमों के कारण मृदा के अंदर दब गए थे। उनके उपर अधिक मृदा दब जाने के कारण ये संपिडित हो गए । जैसे जैसे वे गहरे होते गए उनका ताप भी बढ़ता गया , उच्च दाब और उच्च ताप पर पृथ्वी के भीतर मृत पेड पौधें धीरे धीरे कोयले में परिवर्तित हो गए। यह प्रक्रम कार्बनीकरण कहलाता है।
प्रश्न - पेट्रोलियम -निर्माण के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर - पेट्रोलियम का निर्माण समुद्र में रहने वाले जीवों से हुआ । जब ये जीव मृत हुए , इनके शरीर समुद्र के पेंदे में जाकर जम गए और फिर ररेत तथा मिट्टी की तहों में ढ़क गए। लाखों वर्षों में वायु की अनुपस्थिति , उच्च ताप और उच्च दाब ने मृत जीवों को पेट्रोलियम में परिवर्तित कर दिया ।
प्रश्न - भारत में पेट्रोलियम पदार्थो के संरक्षण कौन करता है ?
उत्तर - PCRA पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान समिति ।
प्रश्न - PCRA लोगों को क्या सलाह देती है ?
उत्तर - PCRA लोगों को निम्न सलाह देती है।
(i) जहाॅ तक संभव हो गाडी समान और मध्यम गति से चलाइए।
(ii) यातायात लाइटों पर अथवा जहाॅ आपकों प्रतीक्षा करनी है गाडी का इंजन बंद कर दीजिए।
(iii) टायरों का दाब सही रखिए।
(iv) गाडी का नियमित रख रखाव सुनिश्चित कीजिए।