अध्याय-समीक्षा:
- ऐसे जीव जिन्हें हम नंगी आँखों से नहीं देख सकते , जिन्हें यन्त्र से देखा जा सकता है , सुक्ष्म जीव कहलाते हैं |
- सुक्ष्म जीवों को चार मुख्य वर्गों में बाँटा गया है : (i) जीवाणु (ii) कवक (iii) प्रोटोजोवा (iv) शैवाल
- विषाणु (वायरस) भी सूक्ष्म होते है परन्तु वे अन्य सूक्ष्मजीवों से भिन्न होते है क्योंकि वे केवल परपोषी में ही गुणन करते है और शरीर से बाहर एक निर्जीव प्राणी होते हैं अर्थात शरीर से बाहर निष्क्रिय होते है और शरीर में प्रवेश करते ही सक्रिय हो जाते है |
- कुछ विषाणु जनित रोग जैसे – जुकाम, इन्फ्लुएंजा, एड्स एवं खांसी एड्स आदि |
- वे सूक्ष्मजीव जो हमारे लिए लाभजनक होते है और जिनका उपयोग विभिन्न कार्यों में किया जाता है मित्रवत सूक्ष्मजीव कहलाते है |
- ये हमारे दही, ब्रेड और केक बनाने में किया जाता है तथा प्राचीन कल से ही सुक्ष्म जीव का उपयोग अल्कोहल बनाने किया जाता है |
- कुछ सूक्ष्मजीव मृदा की उर्वरकता में वृदि करते है |
- लैक्टोबैसिलस जीवाणु, दूध को दही में परिवर्तित करने वाले जीवाणु हैं |
- यीस्ट श्वशन के दौरान कार्बन-डाइऑक्साइड गैस गैस उत्पन्न करते है |
- किण्वन एक प्रक्रिया है जिसमे फलों के रसों से अल्कोहल या शराब बनाई जाती है | इसमे यीस्ट प्राकृतिक शर्करा को निम्नीकरण कर अल्कोहल में परिवर्तित कर देते है |
- ऐसी औषधि जो जीवाणुओं के वृद्धि को रोक देती है या उन्हें समूल नष्ट कर देती है , एंटीबायोटिक कहलाती है |
- पेनिसिलिन, स्ट्रेप्टोमाइसिन, टेट्रासाइक्लिन और इरिथ्रोमाइसिन आदि |
- सन 1929 में अलैक्जेंडर फ्लेमिंग ने पेनिसिलिन की खोज की |
- शिशु एवं बच्चों के शरीर में प्रतिरक्षी उत्पन्न करके रोगकारक सूक्ष्मजीव को नष्ट करने के लिए टीका लगाया जाता है |हैजा, क्षय आदि बीमारियों को टीके द्वारा रोका जा सकता है |
- सूक्ष्मजीवों द्वारा फैलने वाला रोग जो एक संक्रमित व्यक्ति में वायु, जल, भोजन या कायिक संपर्क द्वारा फैलते है संचारनीय रोग कहलाते है | जैसे—हैजा , खांसी आदि |
- पर्यावरण में मौजूद बड़ी मात्रा में सड़े पेड पौधे , मरे हुए जीव जो प्रदुषण फैलाते है और कई रोगों के कारण है | सूक्ष्मजीव मृत जैविक अपशिष्टों का अपघटन करके उन्हें सरल पदार्थो में परिवर्तित कर देते है |
- यह पदार्थ पुनः अन्य पौधों एवं जन्तुओ दुर्गंधुक्त पदार्थ सूक्ष्मजीवों द्वारा उपयोग किये जाते है |
- वायुमंडल में 78 प्रतिशत नाइट्रोजन गैस है |
- संचरणीय रोग का मुख्य कारक घरेलू मख्खी है |
- मलेरिया रोग का वाहक का मादा एनाफ्लिज मच्छर लिखिए |
- यीस्ट कोशिकाओं की वृद्धि के कारण ब्रेड या इडली फूलते है |
- डेंगू के वायरस का वाहक का मादा एडिस मच्छर हैं |
- नमक और खाद्य तेल जैसे रासायनिक पदार्थों का उपयोग सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रोकने के लिए एवं लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए समान्य रूप से किया जाता है | अतः इन्हें परिरक्षक कहते है |
- दूध को 70o C पर 15-30 सेकेंड के लिए गर्म करते है फिर एकाएक ठंडा कर उसे भण्डारण कर लेते है ऐसा करने से सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रूक जाती है इस प्रक्रिया को पास्चरीकरण कहते है |
- ऐसी औषधियाँ जो बीमारी पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट आकर देती है या उनकी वृद्धि को रोक देती है | प्रतिजैविक या एंटीबायोटिक कहलाती है |
- प्रतिजैविक दवाइयाँ डॉक्टर की सलाह पर ही लेनी चाहिए और उनका कोर्स पूरा भी करना चाहिए, अन्यथा अगली बार आवश्यकता पड़ने पर प्रतिजैविक दवाइयाँ उतनी असरदार नहीं होंगी |