पाठगत-प्रश्न:
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प्रश्न1: हम जीवधारियों का वर्गीकरण क्यों करते हैं ?
उत्तर: जीवधारियों का वर्गीकरण करने से हमे जीवधारियों के अध्धयन में सुविधा होती हैं| जीवधारियों के विकास - क्रम का ज्ञान होता हैं| जीवधारियों के पारस्परिक संबंधो का ज्ञान होता हैं|
प्रश्न2: अपने चारों ओर फैले जीव रूपों की विभिन्नता के तीन उदाहरण दीजिए?
उत्तर: पर्यावरण में पाए जाने वाले जीवधारियों में असीमित जैव-विविधतापाई जाती हैं:-
(1) जहाँ सूक्ष्मदर्शीय अमीबा , यूग्लीना जैसे एककोशिकीय प्राणी पाए जाते हैं वहीँ दूसरी ओर नीली व्हेल जैसे विशालकाय प्राणी भी पाए जाते है|
(2)जहाँ जीवाणु लगभग 20-30 मिनट तक तथा कीट कुछ दिनों तक जीवित रहते हैं , वहीँ दूसरी ओर सिकोया जैसे वृक्ष हजारों वर्षो तक जीवित रहते हैं|
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प्रश्न1: जीवों के वर्गीकरण के लिए सर्वाधिक मुलभुत लक्षण क्या हो सकता है ?
(a) उनका निवास स्थान
(b) उनकी कोशिका संरचना
उत्तर: जीवों के वर्गीकरण हेतु उपयुक्त लक्षण उसकीं 'कोशिकीय संरचना' होती हैं|
प्रश्न2: जीवों के प्रारंभिक विभाजन के लिए किस मूल लक्षण को आधार बनाया गया ?
उत्तर: यूनानी विचारक अरस्तू ने जीवों के वर्गीकरण हेतु आवास मूल लक्षण को अपना आधार बनाया था| इसके आधार पर उन्होंने जीवधारियों को स्थलीय, वायवीय तथा जलीय समूहों में विभाजित कर दिया|
प्रश्न3: किस आधार पर जंतुओं और वनस्पतियों को एक-दुसरे से भिन्न वर्ग में रखा जाता है ?
उत्तर: भोजन ग्रहण करने अर्थात् भोजन निर्माण करने की क्षमता के आधार पर जंतुओ और पौधों कोण एक - दुसरे से भिन्न वर्गं में रखा जाता हैं| जंतु अपना भोजन प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पौधे से प्राप्त करते हैं| पौधे प्रकाश संश्लेषणद्वारा अपना भोजन स्वयं बना लेंते हैं|
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प्रश्न1: आदिम जीव किन्हें कहते हैं? ये तथाकथित उन्नत जीवों से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर: आदिम जीव अथवा निम्न जीवो की शारीरिक संरचना में प्राचीन काल से लेकर आज तक कोई विशेष परिवर्तन नही हुआ हैं, जबकि उन्नत या उच्च जीवों की शारीरिक संरचना में पर्याप्त परिवर्तन हुए हैं अर्थात् शारीरिक संरचना में हुए परिवर्तनों केन आधार पर आदिम जीव उन्नत जीवों से भिन्न होते हैं|
प्रश्न2: क्या उन्नत जीव और जटिल जीव एक होते हैं ?
उत्तर: उन्नत और जटिल जीव एक ही होते हैं, क्योंकि जैव विकास के फलस्वरूप साधारण जीवों से आधुनिक जटिल या उन्नत जीवों का विकास हुआ है|
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प्रश्न1: मोनेरा अथवा प्रॉटिस्टा जैसे जीवों के वर्गीकरण के मापदंड क्या है ?
उत्तर: एककोशिकीय मोनेरा अथवा प्रॉटिस्टा जीवधारियों को पोषण के आधार पर दो समूहों में बाँट सकते हैं:-
(1) स्वपोषी (2) परपोषी
जैसें- मोनेरा के अंतर्गत स्वपोषी नीले-हरे शैवाल और परपोषी जीवाणु तथा प्रॉटिस्टा के अंतर्गत स्वपोषी शैवाल, डाएटम और परपोषी प्रोटोजोआ जंतु आते हैं|
प्रश्न2: प्रकाश-संश्लेषण करने वाले एककोशिक युकैरिओटिक जीव को आप किस जगत में रखेंगे ?
उत्तर: पादप जगत में|
प्रश्न3: वर्गीकरण के विभिन्न पदानुक्रमों में किस समूह में सर्वाधिक समान लक्षण वाले सबसे कम जीवों को और किस समूह में सबसे ज्यादा संख्या में जीवों को रखा जायेगा ?
उत्तर: सबसे कम संख्या में समान लक्षण वालें जीवं को जाति (स्पीशीज) और सबसे ज्यादा संख्या में समान लक्षण वाले जीवों को संघ (फाइलम) पदानुक्रम में रखते हैं|
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प्रश्न1: सरलतम पौधों को किस वर्ग में रखा गया है ?
उत्तर: सरलतम पौधों को मोनेरा जगत में रखा गया है|
प्रश्न2: टेरिडोफाइटा और फैनारोगैम में क्या अंतर है ?
उत्तर: टेरिडोफाइटा में लिंगी जनन छिपा होता है| इनमे पुष्प तथा बीजों का निर्माण नहीं होता| इसके विपरीत फैनारोगैम्स में पुष्प तथा बीजो का निर्माण होता है अर्थात् लिंगी जनन स्पस्ट होता हैं|
प्रश्न3: जिम्नोस्पर्म और एन्जिओस्पर्म एक-दुसरे से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर:
जिम्नोस्पर्म | एन्जिओस्पर्म |
1. संवहन ऊतक में वाहिका तथा सह-कोषिकाएँ नहीं पाई जाती| 2.इनमे जनन संरचनाए शंकु कहलाती हैं| 3.इनमें बीज सूक्ष्म होते हैं| 4. इनमें एकल निषेचन होता हैं| 5. इनमे नर युग्मक चल होते हैं| 6. भ्रूणपोष निषेचन से पहले बनता हैं| |
1.संवहन ऊतक में अन्य कोशिकाओ के साथ-साथ वाहिका तथा सह-कोशिकाए पाई जाती हैं| 2. इनमे जनन रचनाएँ पुष्प कहलती हैं| 3.इनमें बीज फलावरण से घिरे होते हैं| 4.इनमें दोहरा निषेचन होता है| 5.इनमे नर युग्मक अचल होता हैं| 6. भ्रूणपोष निषेचन के बाद बनता हैं| |
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प्रश्न1: पोरिफेरा और सिलेंटरेटा वर्ग के जंतुओं में क्या अंतर है ?
उत्तर:
पोरिफेरा | सिलेंटरेटा |
1.शरीर संगठन कोशिकीय स्तर के होता हैं| 2.शरीर में स्पंजगुहा पाई जाती हैं| 3. ये स्थिर होते हैं| समूह में पाए जाते हैं| 4. उदाहरण: साइकेन, यूप्लैक्टेला, स्पन्जिला आदि| |
1.शरीर संगठन ऊतक स्तर का होता हैं| 2.शरीर में सीलेंटारोन गुहा पाई जाती हैं| 3.ये चल होते हैं| एकाकी या समूह में रहते हैं| 4. उदाहरण: हाइद्रा,समुद्री एनीमोन, जेलिफ़िश| |
प्रश्न2: एनालिडा के जंतु आर्थोपोडा के जंतुओं से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर:
एनालिडा | आर्थोपोडा |
1. इस संघ के जन्तुओ में बाह्य कंकाल नहीं होता| 2. आहारानली सीधी नलिका होती हैं| 3. इनमें नेत्र नहीं होते| 4.रूधिर परिसंचरण तंत्र बंद प्रकार का होता हैं| 5. ये एकलिंगी या द्विलिंगी होते हैं| 6. उदाहरण: केंचुआ जोंक| |
1.इस संघ के जन्तुओ में बाह्य कंकाल काइटिन स३ए बना होता हैं| 2. आहारनाल कुंडलित नलिका होती हैं| 3. इनमें संयुक्त नेत्र पाए जाते हैं| 4. रूधिर परिसंचरण तंत्र खुले प्रकार का होता हैं| 5.ये एकलिंगी होते हैं| 6. उदाहरण: तिलचट्टा, घरेलू मक्खी| |
प्रश्न3: जल-स्थलचर और सरीसृप में क्या अंतर है ?
उत्तर:
जल-स्थलचर | सरीसृप |
1. त्वचा नम, लचीली तथा पतली होती हैं| बाह्य कंकाल का आभाव होता हैं| 3. ह्रदय में दो अलिंद तथा एक निलय होता हैं| 4. श्वशन क्लोम,त्वचा तथा फेफड़ो द्वारा होता हैं| 5. ये अंडे सदैव जल में देते हैं| अंडे कवच रहित रहते हैं| |
1. त्वचा शुष्क, मोटी तथा शल्कीय होती हैं| बाह्य कंकाल शल्को का बना होता हैं| 2. यें मुख्यता स्थल पर रहने वाले प्राणी हैं| ये रेंगकर चलते हैं| 4. श्वशन फेफड़ों द्वारा होता हैं| 5. यें स्थल पर अंडे देतें हैं| अंडे कवच युक्त होतें हैं| |
प्रश्न4: पक्षी वर्ग और स्तनपायी वर्ग के जंतुओं में क्या अंतर है ?
उत्तर:
पक्षी वर्ग | स्तनपायी |
1. शरीर पेरो से ढका होता हैं| 2. अग्रपाद पंख में रूपांतरित हो जाता हैं|यें उड़ने में सहायक हैं| 3. जबड़े चोच के रूप में बदल जाते हैं| चोंच में दांत नहीं होते| 4. कर्ण पल्लव तथा स्तनग्रंथियां नहीं पाई जाती हैं| 5. यें अंडज होते हैं| |
1. शरीर बालो से ढका होता हैं| 2. अग्रपाद प्रचलन या वस्तुओ को पकड़ने के लिए उपयोजित होता हैं| 3. जबड़े दांत युक्त होते हैं| 4. कर्ण पल्लव तथा स्तनग्रंथियां पाई जाती हैं| 5. यें जरायुज होते हैं| |