आध्याय 4. इतिहास कक्षा - 9 वीं
मुख्य बिंदु :
- वनों क लुप्त होनो को सामान्यत: वन विनाश कहते है |
- सबसे अच्छे वनों को आरक्षित वन कहा गया |
- इम्पीरियल फ़ॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट वन से संबंधित विषयों पर एक शिक्षा पद्धति विकसीत की जिसे वैज्ञानिक वानिकी कहा गया| जिसमे पुराने पेड़ काटकर उनकी जगह नए पेड़ लगे जाते थे |
- जावा पर जापानियों के कब्जे से पहले डचो ने 'भस्म-कर-भोगों नीति' अपनाई|
- आरक्षित वनों में वन विभाग किए लिए पेडो कि कटाई और ढुलाई का कम मुफ्त करने के शर्त पर इस कम करते वालो क वनों में रहने दिया गया जिसे वन ग्राम कहा गया |
- औपनिवेशिक काल में खेती में तेजी से फैलाव आया क्योकि अंग्रेजो द्वारा व्यावसायिक फसलो के उत्पादन को जमकर प्रोत्साहित करना |
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रेल कि पटरी के आर - पार लगे लकड़ी के तख्ते जो पटरियो को उनकी जगह पर रोके रखते है, स्लीपर कहलाते हैं| इनका कार्य पटरियो के बीच के आकर्षण के बल को बनाए रखता है|
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पहला वन महानिदेशक डायट्रिच ब्रैंडिस नामक विशेषग्य को नियुक्त किया गया |
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1864 में ब्रैंडिस ने भारतीय वन सेवा कि स्थापना की |
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1906 में देहरादून में इम्पीरियल फ़ॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट की स्थापना हुई |
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भारत में वन के आधीन क्षेत्रो वैज्ञानिक माँगो से काफी कम है यह फल भव क्षेत्रोका 19.3 प्रतिशत है जब्कियाह कुल भूमी क्षेत्र का 33.3 प्रतिशत होना चाहिए | अतः हमेंवनों के आधीन क्षेत्र बढाने कि आवयश्कता है|
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वन अधिनियम के चलते देश भर में गाँव वालों की मुश्किलें बढ़ गईं।
इस कानून के बाद घर के लिए लकड़ी काटना, पशुओं को चराना, कंद-मूल-फल इकट्ठा करना आदि रोजमर्रा की गतिविधियाँ गैरकानूनी बन गईं। -
भारत में तमाम चालू कार्ययोजनाओं को स्थगित करके वन विभाग ने अंग्रेजों की जंगी जरूरतों को पूरा करने के लिए बेतहाशा पेड़ काटे।