अध्याय-समीक्षा
- कुछ धातुए प्रकृति में स्वतंत्र अवस्था में पाई जाती है जिन्हे अक्रिय धातुए कहते है। जैसे - सोना, चाँदी, और प्लेटिनम इत्यादिं ।
- जिन धातुओ को पिट कर चादर बनाई जा सकती हैं धातुओ के इस गुण को अधातवर्धयता कहते हैं।
- जिन धातुओं को खिंच कर लंबी तार बनायी जा सकती है धातुओ के इस गुंण को तन्यता कहते हेै।
- धातुए ठोस एवं चमकिली होती है।
- धातुए विद्युत की सुचालक होती है।
- धातुएँ धन आयन बनाती है।
- अधातुए ठोस एवं चमकिली नहीं होती है।
- अधातुए ऋणायण बनाती है।
- अधातुए विद्युत की कुचालक होती है।
- काॅपर में जंग लगता है तो उसका रंग हरा हो जाता है |
- अधात्विक आॅक्साइड की प्रकृति अम्लीय होती हैं |
- धातु अम्ल से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते है |
- हाइड्रोजन गैस जलने पर पाॅप ध्वनी उत्पन्न करता है ।
- काॅपर सल्फेट के जलीय विलयन में जिंक डालने पर काॅपर सल्फेट का नीला रंग अदृश्य हो जाता है क्योंकि जिंक अधिक अभिक्रियाशील होता है वह काॅपर को विस्थापित कर देता है।
- पारा एक ऐसे धातु है जो कमरे के ताप पर द्रव अवस्था मे पाया जाता है|
- सल्फरडाइआॅक्साइड। जब सल्फरडाइआॅक्साइड को जल में विलेय करते है तो सल्फ्युरस अम्ल प्राप्त होता है।
- सोडियम और पोटैशियम दो ऐसे धातुयें हैं जिसे चाकु से काटा जा सकता है ।
- फाॅस्फोरस एक ऐसा सक्रिय अधातु है जिसको खुली वायु में रखने पर तुरंत आग पकड लेता है। आॅक्सीजन से संपर्क न हो इसलिए इसे जल में डुबोकर रखा जाता है |
- मैग्नीशियम रिबन को वायु में जलाने पर मैग्नीशियम आॅक्साइड बनता है।
- पाॅप ध्वनी हाइड्रोजन गैस की उपस्थिति को दर्शाता है।
- ऐसी अभिक्रिया जिसमें अधिक अभिक्रियाशील धातु कम अभिक्रियाशिल धातु को उसके यौगिक से बाहर कर देता है , ऐसी अभिक्रिया को विस्थापन अभिक्रिया कहते है।
- सोडियम तथा पोटैशियम अत्यधिक क्रियाषील धातुएँ है। हवा के सम्पर्क में आते ही ये तीव्रता से आॅक्सीजन से अभिक्रिया करके आॅक्साइड बनाती है और आग पकड लेता है। अतः इनको सूरक्षित रखने के लिए मिट्टी के तेल में रखा जाता है।
- सोडियम तथा पोटैशियम को खुला वायु में छोडने पर आग पकड लेता है।
- एक ही तत्व के अलग - अलग रूपो को अपररूप कहते है। कार्बन के दो अपररूप है।(i) हीरा (ii) ग्रेफाइट
- धातुओ और अधातुओ के मिश्रण से बने पदार्थ मिश्र धातु कहलाते हैं। जैसे - स्टेनलेस स्टील, डूरैलुमीन, काँसा इत्यादि।