अध्याय - समीक्षा:
- रॉबर्ट क्लाइव ने रेनेल को हिंदुस्तान के नक़्शे तैयार करने का काम सौंपा था। भारत पर अंग्रेजों की विजय के समर्थक रेनेल को वर्चस्व स्थापित करने की प्रक्रिया नक्शे तैयार करना |
- भारत का प्रथम गवर्नर-जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स था |
- आखिरी वायसरॉय लॉर्ड माउंटबैटन था |
- 1817 में स्कॉटलैंड वेफ अर्थशास्त्री और राजनीतिक दार्शनिक जेम्स मिल ने
तीन विशाल खंडों में ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया (ब्रिटिश भारत का
इतिहास) नामक एक किताब लिखी। - इस किताब में जेम्स मिल ने भारत के इतिहास को हिंदू, मुसलिम और ब्रिटिश, इन तीन काल खंडों में बाँटा था।
- इतिहास को हम अलग-अलग काल खंडों में बाँटने की कोशिश इसलिए करते हैं | इसकी भी एक वजह है। हम एक दौर की ख़ासियतों, उसके केंद्रीय तत्वों को पकड़ने की कोशिश करते हैं। इसीलिए ऐसे शब्द महत्वपूर्ण हो जाते हैं जिनके सहारे हम समय को बाँटते हैं। ये शब्द अतीत के बारे में हमारे विचारों को दर्शाते हैं। वे हमें बताते हैं कि एक अवधि से दूसरी अवधि
के बीच आए बदलावों का क्या महत्व होता है। - मिल को लगता था कि सारे एशियाई समाज सभ्यता के मामले में यूरोप
से पीछे हैं। - जेम्स मिल का मानना था कि भारत में अंग्रेजों के आने से पहले यहाँ हिंदू और मुसलमान तानाशाहों का ही राज चलता था। यहाँ चारों ओर केवल धार्मिक बैर, जातिगत बंधनों और अंधविश्वासों का ही बोलबाला था |
- मिल ने तो यहाँ तक सुझाव दिया था कि अंग्रेजों को भारत के सारे भूभाग पर कब्जा कर लेना चाहिए ताकि भारतीय जनता को ज्ञान और सुखी जीवन प्रदान किया जा सके। उनका मानना था कि अंग्रेजों की मदद के बिना हिंदुस्तान प्रगति नहीं कर सकता।
- अंग्रेजों द्वारा सुझाए गए वर्गीकरण से अलग हटकर इतिहासकार भारतीय इतिहास को आमतौर पर ‘प्राचीन’, ‘मध्यकालीन’, तथा ‘आधुनिक’ काल में बाँटकर देखते हैं।
- पश्चिम में आधुनिक काल को विज्ञान, तर्क, लोकतंत्र, मुक्ति और समानता जैसी आधुनिकता की ताकतों के विकास का युग माना जाता है।
- अंग्रेजी शासन वाले युग को इतिहासकार औपनिवेशिक युग भी कहते हैं |
- अंग्रेजों ने भारत को जीता और स्थानीय नबाबों और राजाओं को दबाकर अपना शासन स्थापित किया | उन्होंने अर्थव्यवस्था व समाज पर नियंत्रण स्थापित किया, अपने सभी खर्चों के लिए भारतियों से राजस्व वसूल किया |
- ब्रिटिश शासन के कारण यहाँ की मूल्य-मान्यताओं और पसंद-नापसंद, रीति-रिवाज व तौर-तरीकों में बदलाव आए। जब एक देश पर दूसरे देश के दबदबे से इस तरह के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव आते हैं तो इस प्रक्रिया को औपनिवेशीकरण कहा जाता है।
- अंग्रेजी शासन द्वारा तैयार किए गए सरकारी रिकॉर्ड इतिहासकारों का एक
महत्वपूर्ण साधन होते हैं। - अंग्रेजों को यह भी लगता था कि तमाम अहम दस्तावेशों और पत्रों को सँभालकर रखना शरूरी है। महत्वपूर्ण दस्तावेशों को बचाकर रखने के लिए अभिलेखागार (आर्काइव) और संग्रहालय जैसे संस्थान भी बनाए गए।
- अंग्रेजों का विश्वास था कि किसी देश पर अच्छी तरह शासन चलाने के लिए
उसको सही ढंग से जानना जरूरी होता है। - उन्नीसवीं सदी की शुरुआत तक पूरे देश का नक्शा तैयार करने के लिए बड़े-बड़े सर्वेक्षण किए जाने लगे। गांवों में राजस्व सर्वेक्षण किए गए। इन
सर्वेक्षणों में धरती की सतह, मिट्टी की गुणवत्ता, वहाँ मिलने वाले पेड़-पौधों
आरै जीव-जंतुओं तथा स्थानीय इतिहासों व फैसलों का पता लगाया जाता था। - जनगणना के जरिए भारत के सभी प्रांतों में रहने वाले लोगों की संख्या, उनकी जाति, इलाके और व्यवसाय के बारे में जानकारियाँ इकट्ठा की जाती थीं। इसके अलावा वानस्पतिक सर्वेक्षण, प्राणि वैज्ञानिक सर्वेक्षण, पुरातात्वीय सर्वेक्षण, मानवशास्त्राीय सर्वेक्षण, वन सर्वेक्षण आदि कई दूसरे सर्वेक्षण भी किए जाते थे।
- जैसे-जैसे छपाई की तकनीक फैली, अख़बार छपने लगे और विभिन्न मुद्दों पर जनता में बहस भी होने लगी। नेताओं और सुधारकों ने अपने विचारों को फैलने के लिए लिखा, कवियों और उपन्यासकारों ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए लिखा।