अतिरिक्त - प्रश्न:
प्रश्न: शहर का एक भाग दूसरे भाग से अलग होता हैं| आपने ऊपर वाले चित्र में क्या भिन्नताएँ देखी?
उत्तर: शहर के कुछ भागों में ऊँची - ऊँची इमारतें होती हैं तथा वाहनों की काफी भीड़ - भाद होती हैं, जबकि कुछ भागों में छोटे - छोटे घर होते हैं तथा काफी भीड़ - भाड़ होती हैं और फुटपाथ पर काम करने वालों तथा अन्य सेवाएँ उपलब्ध कराने वालों की भीड़ - भाड़ होती हैं|
प्रश्न: बच्चू मांझी शहर क्यों आया था?
उत्तर: बच्चू माझी शहर में काम की तलाश में आया हैं| गाँव में वह मिस्त्री का काम करता था, परंतु उस नियमित रूप से काम नहीं मिलाता था जो कमाई होती थी वह परिवार के लिए पूरी नहीं पड़ती थी|
प्रश्न: बच्चू अपने परिवार के साथ क्यों नहीं रह सकता?
उत्तर: बच्चू मांझी गाँव से शहर में आया था और उसका परिवार गाँव में ही रहता था, इसलिए वह अपने परिवार के साथ नहीं रह सकता था|
प्रश्न: किसी सब्जी बेचने वाली या ठेले वाले से बात करिए और पाता लगाइए कि वे अपना काम कैसे करते हैं - तैयारी, खरीदना, बेचना इत्यादि|
उत्तर: सब्जी बेचने वाले सुबह - सुबह थोक की मंडी से सब्जी खरीदकर लाते हैं| वे ज्यादा - से ज्यादा प्रकार की सब्जियाँ प्राप्त करने की कोशिश करते हैं ताकि सभी प्रकार के ग्राहकों की आवश्यकता को पूरा क्र सके| - वे गली - गली आवाज लगाकर सब्जियाँ बेचते हैं और शाम तक अपनी सारी सब्जियाँ बेचने का प्रयास करते हैं|
प्रश्न: बच्चू को एक दिन की छूट्टी लेने से पहले भी सोचना पड़ता हैं| क्यों?
उत्तर: बच्चू माँझी रिक्शा चलाकर एक दिन में 80 से 100 रूपये कम लेता हैं जिस दिन वह छुट्टी करता हैं तो उस दिन कमाई नहीं दे पाती हैं जिससे उसे 80 से 100 रूपये का नुकसान हो जाता हैं| यदि वह छुट्टी करेगा| तो पैसा बचाकर अपने गाँव परिवार के लिए पैसा भी भेज पाएगा|
प्रश्न: वंदना और हरप्रीत ने एक बड़ी दूकान क्यों शुरू की? उनको यह दूकान चलाने के लिए क्या - क्या करना पड़ता हैं?
उत्तर: वंदना और हरप्रीत ने एक बड़ी दूकान शुरू की हैं| इस दूकान पर उन्होंने काम भी बदला हैं और रेडीमेड कपड़ों की दूकान शुरू की हैं, क्योंकि आजकल लोग कपडे सिलावने की अपेक्षा सिले - सिलाए कपडे खरीदना पसंद करते हैं| वंदना एक ड्रेस डिजायनर भी हैं| इस शोरूम को चलाने के लिए उन्हें अलग जगहं पर समान खरीदना पड़ता हैं| कुछ कपडे विदेशों से भी मंगवाने पड़ते हैं| शोरूम को सही रूप से चलाने के लिए विभिन्न अखबारों में, सिनेमा हॉल में, टेलीविजन और रेडियों चैनल पर विज्ञापन देने पड़ते हैं ताकि लोगों को इसके बारे में पता चले| वे रेडिमेड कपड़ों को आकर्षक रूप से सजाकर रखते हैं|
प्रश्न: एक बड़ी दूकान के मालिक से बात कीजिए और पता लगाइए कि वे अपने काम की योजना कैसे बनाते हैं? यह पिछले बीस सालों में उनके काम में कोई बदलाव आया हैं?
उत्तर: एक बड़ी दुकान के मालिक अपने सामान को अलग - अलग स्थानों से खरीदते हैं ताकि सामान में विभिन्नता आ सके| इसके लिए वह योजना बनाते हैं किन - किन स्थानों से सामान खरीदना हैं ताकि ग्राहकों को विविधता उपलब्ध कराई जा सके| वे अपने सामान के विषय में विभिन्न माध्यमों से विज्ञापन भी देते हैं ताकि अधिक - से - अधिक लोगों को अपनी दूकान के बारे में जानकारी दे सके| पिछले बीस वर्षा में उनके काम में काफी बदलाव आया हैं ग्राहकों की संख्या बड़ी हैं तथा ग्राहकों की पसंद में बदलाव आया हैं दुकानों की संख्या बढ़ी हैं, दुकानों के बीच प्रतियोगिता बढ़ी हैं
प्रश्न: जो बाज़ार में समान बेचते हैं, उनमें क्या अंतर हैं?
उत्तर:
बाज़ार में सामान बेचने वाले -
1. बाजार में सामान बेचने के लिए छोटी तथा बड़ी दुकाने होती हैं|
2. बाजार में दुकानों पक्की होती हैं जिनके पास व्यापार करने का लाइसेंस होता हैं|
3. बाजार में दुकानों पर अलग - अलग चीजें बेचीं जाती हैं|
4. ज्यादातर व्यापारी अपनी दूकान खुद संभालते हैं और कभी - कभी वे कई लोगों को सहायक या मैनेजर के रूप में भी रख लेते हैं|
सड़क पर सामान बेचने वाले -
1. सड़क पर सामान बेचने वालों की दूकान खंभों पर तिरपाल या प्लास्टिक चढाकर बनाई जाती हैं| यह अस्थायी दूकान होती हैं|
2. ये ठेले या सड़क की पटरी पर प्लास्टिक बिछाकर भी काम चलाते हैं|
3. सड़कों पर बनी इन अस्थायी दुकानों को पुलिस कभी भी हटाने के लिए कह सकती हैं|
4. सड़क पर सामान बेचने वाले स्वयं अपने परिवार के साथ मिलकर सामान बनाते हैं या स्थानीय रूप से ही यह सामान बनाया जाता हैं|
प्रश्न: आपकों क्या लगाताब हैं कि फैक्ट्रियाँ या छोटे कारखाने मजदूरों को अनियमित रूप से काम पर क्यों रखते हैं?
उत्तर: फैक्ट्रियाँ या छोटे कारखाने मजदूरों को अनियमित काम पर इसलिए रखते हैं ताकि उन्हें अधिक - से अधिक लाभ हो सके| जब मालिक को बहुत सारा काम मिलता हैं या फिर किसी विशेष मौसम में काम मिलाता हैं तो उन्हें कारीगरों या मजदूरों की आवश्यकता होती हैं| ऐसी स्थिति में वे उन्हें काम पर रख लेते हैं और जब काम की कमी होती हैं तो उन्हें हटा दिया जाता हैं|