अभ्यास प्रश्नोत्तर:
1 इनकी व्याख्या करें-
(क) ब्रिटेन में आए सामाजिक बदलावों से पाठिकाओं की संख्या में इज़ाफा हुआ।
(ख) राबिन्सन क्रूसो के वे कौन-से कृत्य हैं, जिनके कारण वह हमें ठेठ उपनिवेशकार दिखाई देने लगता है।
(ग) 1740 के बाद गरीब लोग भी उपन्यास पढ़ने लगे।
(घ) औपनिवेशिक भारत के उपन्यासकार एक राजनैतिक उद्देश्य के लिए लिख रहे थे।
उत्तर:
(क) ब्रिटेन में आए सामाजिक बदलावों से पाठिकाओं की संख्या में इज़ाफा हुआ| इसके निम्नलिखित कारण थे:-
(i) अठारहवीं सदी में मध्य वर्ग अधिक संपन्न हो गया था जिसके परिणामस्वरूप महिलाओ क पढने और लिखने का समय मिलने लगा|
(ii) पैनी मैगजींस या एकपैसिया पत्रिकाएँ महिलाओ के लिए लिखी जाती थी|
(iii) कई सरे उपन्यास घरेलू जिंदगी पर केन्द्रित था| इनमें महिलाओ को अधिकार के साथ बले को मिला|
(ख) नीचे लिखे कृत्य राबिन्स क्रूसो को ठेठ उपनिवेशकार दिखने में सहायक हैं-
(i) राबिन्स क्रूसो दासो का एक व्यापारी हैं जिसने कभी गैर-गोरे लोगो को बराबर का इंसान नहीं माना | उसने उनको हमेशा हीनतर जीव माना|
(ii) एक 'देसी' को मुक्त कराकर उसे वह गुलाम बना लेता | वह उसका नाम तक नही पूछता बल्कि उसका नाम 'फ्राइडे' रखता हैं|
(ग) 1740 के पश्चात् गरीब लोग भी उपन्यास पढने लगे| इसके निम्नलिखित कारण थे:-
(i) 1740 में किराए पर चलने वाले पुस्तकालयों की स्थापना से लोगों को किताबे मिलनी आसन हो गई|
(ii) तकनीकी सुधार के परिणामस्वरूप छपाई के खर्चे में कमी आई|
(घ) औपनिवेशिक भारत के उपन्यासकार एक राजनैतिक उद्देश्य के लिए लिख रहे थे| यह निम्नलिखित तर्कों से स्पष्ट होता हैं:-
(i) उपन्यासों ने विभिन्न स्वतंत्र सेनानियों को प्रेरित किया|
(ii) उपन्यासों से गुलाम जनता ने अपनी चाहत को साकार करने का तरीका ढूंढ लिया|
(iii) बंगाल में कई उपन्यास मराठो और राजपूतो को लेकर लिखे गए| इनसे अखिल भारतीय का एहसास पैदा होता हैं|
2. तकनीक और समाज में आए उन बदलावों के बारे में बतलाइए जिनके चलते अठारहवीं सदी के यूरोप में उपन्यास पढ़ने वालों की संख्या में वृद्धि हुई|
उत्तर: तकनीक और समाज में आए बदलाव निम्नलिखित हैं जिनके चलते अठारहवीं सदी के यूरोप में उपन्यास पढ़ने वालों की संख्या में वृद्धि हुई:-
(i) 1740 में क्रिय पर चलने वाले पुस्तकालय प्रारंभ हो गये| इससे लोगो को पुस्तके मिलनी आसन हो गई|
(ii) तकनीकी सुधार से छपाई सस्ती हो गई|
(iii) मध्यवर्ग के संपन्न होने से महिलाओ को उपन्यास पढने का समय मिला तथा उपन्यासों में उनकी रुचि जागृत हुई|
(iv) युवा वर्ग में साहसिक उपन्यास लोकप्रिय हुए तो किशारियों में प्रेम कहानी|
3. निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखें-
(i) उड़िया उपन्यास
(ii) जेन ऑस्टिन द्वारा औरतों का चित्रण
(iii) उपन्यास परीक्षा-गुरु में दर्शायी गई नए मध्यवर्ग की तस्वीर
उत्तर: (i) उड़िया उपन्यास :- 1877 - 78 में नाटककार रामशंकर राय ने 'सौदामिनी' के नाम से पहले उपन्यास का धारावाहिक प्रकाशन शुरू किया परन्तु यह पूरा नहीं हुआ| इसके पश्चात् फ़कीर मोहन सेनापति ने ' छः माणो आठौ गुंठौ ' 190 2 में लिखा| इसका विषय एक ज़मींदार के मेनेजर मंगराज द्वारा अपना स्वामी को ठगना और निःसंतान बुनकर पति-पत्नी भगिया और सारिया की उपजाऊ ज़मीन को हथियाना हैं| इस उपन्यास ने इन विषयों पर लिखने का मार्ग अन्य उपन्यास कारो के लिए खोल दिए|
(ii) जेन ऑस्टिन द्वारा औरतों का चित्रण :- जेन ऑस्टिन के उपन्यासों में उन्नीसवीं शताब्दी के ब्रिटेन के ग्रामीण कुलीन समाज की व्याक्य की | जिसमें महिलाओ को धनी या जायदाद वाले वर खोजकर ' अच्छा' विवाह करने के लिए उत्साहित किया जाता था|
(iii) उपन्यास परीक्षा-गुरु में दर्शायी गई नए मध्यवर्ग की तस्वीर:- इस उपन्यास से नए ,मध्यवर्ग को आंतरिक और बहरी दुनिया का पता चलता हैं| औपनिवेशिक आधुनिकता का संसार एक साथ भयानक और आकर्षक मालूम पड़ता हैं| उपन्यास के पात्र अपने धर्म के द्वारा दो अलग संसारो के बीच की दूरी को कम करने की कोशिश करते दिखाए गए हैं|
चर्चा करें :
1. उन्नीसवीं सदी के ब्रिटेन में आए ऐसे कुछ सामाजिक बदलावों की चर्चा करें जिनके बारे में टॉमस हार्डी और चार्ल्स डिकेन्स ने लिखा है।
उत्तर: उन्नीसवीं सदी के ब्रिटेन में आए सामाजिक बदलावों के बारे में टॉमस हार्डी और चार्ल्स डिकेन्स ने निम्नलिखित वर्णन किया है:
टॉमस हार्डी- टॉमस हार्डी ने देहाती क्षेत्रों में बदलाव का वर्णन अपने उपन्यास 'मेयर ऑफ केस्टरब्रीज' में किया हैं| इस उपन्यास में टॉमस हार्डी ने पुराने वक्त के गायब होने का अफ़सोस किया हैं क्योंकि उसमें अपनापन था परन्तु वहां नयी व्यवस्था की कमियों और नई खूबियों का भी अहसास था|
चार्ल्स डिकेन्स- चार्ल्स डिकेन्स ने औद्योगीकरण के दुष्प्रभावो का वर्णन अपने उपन्यास 'हार्ड टाइम्स' में किया हैं| उनके उपन्यास में वर्णित कोकटाउन एक उदास काल्पनिक शहर हैं, जहाँ मशीनों की भरमार हैं, धुँआ उगलती चिमनिया हैं, प्रदूषण से श्याह पड़ी नाधियाँ हैं, और सब मकान एक-से हैं| इसने न केवल लाभ के लोच की आलोचना की बल्कि उन विचारो को भी आलोचना की जो इंसानों को केवल उत्पादन का औज़ार मानते हैं|
2. उन्नीसवीं सदी के यूरोप और भारत, दोनों जगह उपन्यास पढ़ने वाली औरतों के बारे में जो चिंता पैदा हुई उसे संक्षेप में लिखें। इन चिंताओ से इस बारे में क्या पता चलता है कि उस समय औरतों को किस तरह देखा जाता था?
उत्तर: (i) उन्नीसवीं शताब्दी के आते-आते यूरोपीय महिलाओ ने अकेले कमरे में उपन्यासों को पढना शुरू कर दिया|
(ii) इनमें अधिकांश माहिए मध्यवर्ग की थी जिनकों संपन्नता के परिणामस्वरूप पढने का समय मिल रहा था|
(iii) भारत में उपन्यासों के दुष्प्रभावों के बारे में चिंता थी की महिलाओ और बच्चो को आसानी से बहकाया जा सकता था|
(iv) उनके उपन्यास पढने पर चिंता व्यक्त की गई ताकि उनका जीवन बर्बाद न हो|
3. औपनिवेशिक भारत में उपन्यास किस तरह उपनिवेशकारों और राष्ट्रवादियों, दोनों के लिए लाभदायक था?
उत्तर: औपनिवेशिक भारत में उपन्यास निम्न प्रकार से उपनिवेशकारों और राष्ट्रवादियों, दोनों के लिए लाभदायक था-
उपनिवेशकारों के लिए:- इन्हें उपन्यासों से देसी जीवन व रीति-रिवाज़ से जुड़ीं जानकारी प्राप्त होती थी| यह जानकारी भारत के विभिन्न समुदाए और जातियों पर शासन करने के लिए उपयोगी थी| इससे उपनिवेशकारो को भारतीयों की गृहस्थी के बारे में पता चलता हैं|
राष्ट्रवादियों के लिए :- इनके लिए भी यह लाभदायक थे क्योंकि इनसे भूत के साथ एक संबंध स्थापित किया गया| इसमें प्राचीनकाल की शौर्य और साजिश की रोमांचक कहानियाँ सम्मिलित थी| प्राचीनकाल का महिमा-गायन करके इनके द्वारा पाठको में राष्ट्र गौरव की भावना का संचार किया गया|
4. इस बारे में बताएँ कि हमारे देश में उपन्यासों में जाति के मुद्दे को किस तरह उठाया गया। किन्हीं दो उपन्यासों का उदाहरण दें और बताएँ कि उन्होंने पाठकों को मौजूदा सामाजिक मुद्दों के बारे में सोचने को प्रेरित करने के लिए क्या प्रयास किए।
उत्तर: हमारे देश में उपन्यासों में 'उच्च जाति' की निम्न जाति से वैवाहिक समस्या और जाति-दमन जैसे मुद्दे को उठाने का प्रयास किया गया था| इसमें उपन्यासकार पाठको को नए मूल्यों की सराहना करने और अनैतिक तरीकों को न अपनाने का परामर्श देते है, जैसे 'इन्दुलेखा' में किया गया हैं| दूसरी ओर पोथेरी कुंजाम्बू ने 'सरस्वतीविजयम' में निम्न जाति के लोगो की उन्नति के लिए शिक्षा के महत्व पर जोर दिया|
5. बताइए कि भारतीय उपन्यासों में एक अखिल भारतीय जुड़ाव का अहसास पैदा करने के लिए किस तरह की कोशिशें की गईं।
उत्तर: (i) उपन्यासों में कल्पित राष्ट्र रूमानी, साहस, वीरता और त्याग से औत प्रोत था| इस प्रकार उपन्यास में गुलाम जनता ने अपनी चाहत को पूरा करने का तरीका ढूँढा|
(ii) बंकिम के 'आनंदमठ' में मुसलमानों से लड़कर हिन्दू साम्राज्य स्थापित करने वाले हिन्दू सैन्य संगठन की कहानी द्वारा स्वतंत्र सेनानियों को प्रेरित करने का प्रयास किया|
(iii) इस प्रकार साहस और शौर्यशाली अतीत के आह्वान के द्वारा एक साझे राष्ट्र के अहसास को लोकप्रिय बनाने का प्रयत्न किया गया|