रोग के लक्षण (Symptoms) : वे सभी परेशानियाँ जो अस्वस्थता की अवस्था में परिलक्षित होते हैं रोग के लक्षण कहलाते हैं | ये हमें खराबी के संकेत देते हैं | जैसे- खाँसी, सिरदर्द, दस्त, घाव में मवाद इत्यादि |
रोग के चिन्ह : किसी रोग के वे लक्षण जो किसी विशेष रोग के बारे में सुनिश्चित संकेत देते है रोग में चिन्ह कहलाते हैं |
रोग निदान (Diagonosis) : जब कोई चिकित्सक प्रयोगशाला के परिक्षण द्वारा अथवा रोग के चिन्ह को देखकर एक विशेष रोग को पहचान लेता है तो इसे रोग निदान कहते है |
चिकित्सा (Treatment) : जब कोई चिकित्सक रोग का निदान (पहचान) कर लेने के बाद उसको औषधि (Medicine) या अन्य प्रक्रिया द्वारा रोगी को रोग मुक्त करता है तो उसे चिकित्सा कहते है |
रोग के कारक (Causative Agents) :
रोग के दो कारण होते हैं :
(i) तात्कालिक कारण : सूक्ष्म जीवों का संक्रमण रोग का तात्कालिक कारण होता है और इन्हें रोग कारक (cuasative agents) कहते हैं | जैसे - वायरस (विषाणु), बैक्टीरिया (जीवाणु), प्रोटोजोआ, कृमि और कवक एवं फुफुंदी इत्यादि |
(ii) सहायक कारण : सहायक कारण वे कारण होते हैं जो संक्रमण या अन्य कारकों को रोग उत्पन्न करने में सहायता प्रदान करते है | जैसे -
(a) अनुवांशिक भिन्नता
(b) पोषण की कमी
(c) सामाजिक कारण