(Science-IX)
पदार्थ : वे सभी वस्तुएँ जिनका द्रव्यमान होता है और स्थान घेरती है, पदार्थ कहलाती है |
- सभी पदार्थ छोटे-छोटे कणों से मिलकर बने हैं |
- पदार्थ के कण इतने छोटे होते है कि हम कल्पना भी नहीं कर सकते है | उदहारण : पोटैशियम परमैगनेट का एक छोटा कण को यदि एक गिलास पानी में डाल दिया जय तो यह पुरे गिलास को रंगीन बना देता है, अर्थात एक छोटा कण गिलास में पानी के जितने कण है उतने भागों में विभाजित हो जाता है और सभी कणों के साथ मिल जाता है, तो आप अंदाजा लगाइए कि पदार्थ के कण कितने छोटे होते है |
पदार्थ के कणों की विशेषताएँ:
(i) पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है |
(ii) पदार्थ के कण निरन्तर गतिशील होते है |
(iii) पदार्थ के कण एक दुसरे को आकर्षित करते है |
(i) पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है : कैसे नमक, शर्करा, डेटोल या पोटैशियम परमैगनेट जैसे पदार्थ असानी से जल के कणों के बीच मिल जाते है ? ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए कि पदार्थ के कणों के बीच पर्याप्त रिक्त स्थान होते है |
(ii) पदार्थ के कण निरन्तर गतिशील होते हैं : पदार्थ के कण निरन्तर गतिशील होते हैं, अर्थात उनमें गतिज ऊर्जा होती है | तापमान बढ़ने पर कणों की गति तेज हो जाती है, इसलिए हम कह सकते है कि तापमान बढ़ने से कणों की गतिज ऊर्जा भी बढ़ जाती है |
(iii) पदार्थ के कण एक दुसरे को आकर्षित करते है : पदार्थ के कणों के बीच एक बल कार्य करता है | यह बल कणों को एक दुसरे से बांधे रखता है | इस आकर्षण बल का सामर्थ्य अलग-अलग पदार्थों में अलग-अलग होता है | सबसे अधिक आकर्षक बल ठोस पदार्थों में होता है और सबसे कम गैसों में होता है | यही कारण है कि गैसों के कण कम आकर्षक बल के कारण फैले रहते है जबकि ठोस कठोरता से जुड़े रहते है |
पदार्थ की अवस्थाएँ :
पदार्थ की तीन अवस्थाएँ है :
ठोस, द्रव्य और गैस
किसी भी पदार्थ के अवस्थाओं का बनना :
ठोस, द्रव और गैस ये तीनों अवस्थाएँ उसके कणों के विभिन्न विशेषताओं के कारण होता है | यदि जितने ही इनके कणों के बीच की दुरी बढ़ेगी और आकर्षण बल कम होगा, वे पदार्थ उतनी कम ठोस से द्रव और द्रव से गैस की ओर बढ़ता जायेगा |
ठोस का गुणधर्म:
(1) इनका निश्चित आकार तथा स्पष्ट सीमाएँ होती है |
(2) स्थिर आयतन अर्थात संपीड्यता नगण्य होती है |
(3) बाह्य बल लगने पर भी ठोस अपने आकार को बनाये रखता है |
(4) अंतराणुक बल ठोसों में द्रव तथा गैस से अधिक होता है |
द्रव के गुणधर्म:
(1) द्रव का निश्चित आकार नहीं होता है |
(2) इनका आयतन निश्चित होता है |
(3) द्रवों में बहाव होता है और इनका आकार बदलता रहता है |
(4) इनका अंतराणुक बल ठोस से कम होता है |
गैस के गुणधर्म :
(1) ठोसों एवं द्रवों की तुलना में गैसों की संपीड्यता (compression) काफी अधिक होता है |
(2) इनके कणों के बीच अंतराणुक बल सबसे कम होता है |
(3) गैसों को आसानी से दबाया जा सकता है |
(4) इनका विसरण काफी तीव्रता से होता है |