कोशिका : सजीवों के संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई को कोशिका कहते है |
यह सूक्ष्म इकाई है जिससे केवल सूक्ष्मदर्शी से देखा जा सकता है |
कुछ जीव एक कोशिका के बने होते है जिन्हें एक कोशिकीय जीव कहा जाता है - जैसे अमीबा और कुछ जीवाणु |
कोशिका के प्रमुख भाग :
(i) कोशिका भित्ति : पादप कोशिकाओं में सबसे बाहरी दीवार जटिल कार्बो
हाइड्रेट की बनी होती है जिसे कोशिका भित्ति कहते है |
(ii) कोशिका झिल्ली : कोशिका एक पतली बाह्य संरचना द्वारा घिरी होती है, जिसे कोशिका झिल्ली कहते हैं।
(iii) केन्द्रक : कोशिका के केंद्र में स्थित एक सुस्पष्ट संरचना होती है, जो केन्द्रक कहलाती है|
(iv) कोशिका द्रव्य : केन्द्रक चारों ओर से जेली के समान एक पदार्थ से घिरा होता है,
जिसे कोशिका द्रव्य कहते हैं।
कोशिका का आरेख
पती में मंड (स्टार्च) की उपस्थित का परिक्षण:
यदि पत्तियों में स्टार्च है तो यह दर्शार्ता है कि प्रकाश संश्लेषण की क्रिया हुई है | स्टार्च भी एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है | इसकी जांच के लिए हम एक ही प्रकार के दो पादपों का गमला लेंगे और एक को 72 घंटों के लिए अँधेरे में रखेंगे और दुसरे को सूर्य के प्रकाश में दोनों पौधों की पातियो पर आयोडीन बिलियन की बूंदे गिराकर हम मंड की उपस्थित का परीक्षण कर सकते है| जब आयोडीन बिलियन मंड (स्टार्च) के संपर्क में आता है तो एक गहरा नीला रंग आता है | इससे पत्तियों में स्टार्च की उपस्थिति का पता चलता है |
पादपों में खाद्य पदार्थों का संश्लेषण :
(i) कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण : पादपों में कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण प्रकाश संश्लेषण के द्वारा होता है जो कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से मिलकर बनता है |
(ii) प्रोटीन का संश्लेषण : प्रोटीन एक नाइट्रोजनी पदार्थ है जिनमें कार्बन, ऑक्सीजन एवं हाइड्रोजन के अतिरिक्त नाइट्रोजन की मात्रा भी होती है | मिटटी में कुछ विशेष राइजोबियम नामक जीवाणु होते है जो गैसीय नाइट्रोजन को उपयोगी यौगिकों में परिवर्तित कर मृदा में निर्मुक्त करते हैं। यह विलेय पदार्थ पादपों द्वारा जल के साथ अवशोषित कर लिए जाते हैं। ये जीवाणु इन वायुमंडलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कर नाइट्रेट में बदल देते है | यही नाइट्रेट पादप प्रोटीन के संश्लेषण में उपयोग करते करते है |