उपभोक्ता संतुलन - तटस्थता विश्लेषण
तटस्थता वक्र - तटस्थता वक्र दो वस्तुओं के ऐसे संयोगो का रेखाचित्रीय प्रस्तुतिकरण है जो संतुष्टि का समान स्तर प्रकट करते है |
तटस्थता समूह - यह उन दो वस्तुओं के संयोगो का समूह है जो संतुष्टि का सामान स्तर प्रदान करते है |
प्रस्तिथापन की सीमांत दर - वह दर जिस पर उपभोक्ता, वस्तु-X की अतिरिक्त इकाई प्राप्त करने के लिए लिए वस्तु-Y की मात्रा त्यागने के लिए तैयार है, सीमांत प्रतिस्थापन की दर कहलाती है | दुसरे शब्दों में, यह वस्तु Y की उस मात्रा को प्रकट करता है जो उपभोक्ता वस्तु X की एक अतिरिक्त इकाई के लिए त्यागने के लिए इच्छुक है |
तटस्थता वक्र की विशेषताएँ -
(i) तटस्थता वक्र का ढलान दाएँ से बाएँ नीचे की ओर होता है - जैसे-जैसे तटस्थता वक्र पर नीचे की ओर आते है तटस्थता वक्र का ढलान घटता जाता है | ऐसा सीमांत प्रतिस्थापन की दर (MRS) के घटने के कारण होता है | जैसे-जैसे उपभोक्ता वस्तु X की एक अतिरिक्त इकाई में वृद्धि करता जाता है, वैसे-वैसे उपभोक्ता वस्तु X की प्रत्येक अगली इकाई के लिए वस्तु Y की कम से कम इकाइयों का त्याग करने के लिए इच्छुक होता है | इसी कारण MRS घटता जाता है तथा तटस्थता वक्र का ढलान भी घटता जाता है |
(ii) तटस्थता वक्र का ढलान मूल बिंदु की ओर उन्नतोदर होता है - तटस्थता वक्र का ढलान मूल बिंदु की ओर उन्नतोदर सीमांत प्रतिस्थापन की दर (MRS) के घटने के कारण होता है | यह ह्रासमान सीमांत उपयोगिता के नियम पर आधारित है, क्योंकि जैसे-जैसे वस्तु X के उपभोग में वृद्धि की जाती है वस्तु X को प्राप्त करने की इच्छा कम होती जाती है तथा वस्तु Y को प्राप्त करने की इच्छा बढती जाती है | इसीलिए उपभोक्ता वस्तु X की प्रत्येक अगली इकाई के लिए वस्तु Y की कम से कम इकाइयों का त्याग करने के लिए इच्छुक होता है |
(iii) ऊँचा तटस्थता वक्र संतुष्टि का ऊँचा स्तर प्रदान करता है - IC1 की तुलना में IC2 ऊँचा है | IC2 पर IC1 की तुलना में अधिक इकाइयों का उपभोग हो रहा है | अतः एक उपभोक्ता द्वारा अधिक इकाइयों का उपभोग करने से प्राप्त होने वाली संतुष्टि भी अधिक होगी | इसीलिए ऊँचा तटस्थता वक्र संतुष्टि का ऊँचा स्तर प्रदान करता है |
(iv) तटस्थता वक्र एक दुसरे को काटते नहीं है - क्योंकि तटस्थता वक्र पर उपस्थित सभी बिंदु संतुष्टि का सामान स्तर प्रदान करते है तथा ऊँचा तटस्थता वक्र संतुष्टि का ऊँचा स्तर प्रदान करता है | इसीलिए तटस्थता वक्र एक दुसरे को काटते नही है |
(v) तटस्थता वक्र अक्षो को नहीं छूते है - तटस्थता वक्र कि यह मान्यता है की उपभोग दो वस्तुओं का हो रहा है | यदि तटस्थता वक्र X अक्ष या Y को छूता है तो इसका अर्थ है उपभोग केवल एक वस्तु का हो रहा है | जोकि तटस्थता वक्र की मान्यता की अवेहलना है |
बजट समूह / बजट सेट - यह दो वस्तुओं के एक समूह के प्राप्य संयोगो को व्यक्त करता है जब वस्तुओं की कीमते तथा उपभोक्ता की आय दी हुई है |
बजट रेखा - यह वह रेखा है जो दो वस्तुओं के विभिन्न संभव संयोगो को प्रकट करती है जिसे उपभोक्ता अपनी दी हुई आय तथा दोनों वस्तुओं की दी हुई कीमतों पर खरीद सकता है |
बजट सेट के कारक -
(i) उपभोक्ता की मौद्रिक आय
(ii) दो वस्तुओं की कीमतें
बजट सेट में परिवर्तन -
बजट सेट में परिवर्तन दो प्रकार से होता है |
1. बजट रेखा में खिसकाव - बजट रेखा में खिसकाव उपभोक्ता की आय परिवर्तन के कारण होता है | यह दो प्रकार से होता है -
(i) उपभोक्ता की आय में वृद्धि - जब उपभोक्ता की आय में वृद्धि होती है तो उपभोक्ता का बजट सेट परिवर्तित हो जाता है तथा बजट रेखा दाई ओर खिसक जाती | क्योंकि उपभोक्ता अब वस्तुओं की दी हुई कीमत पर अधिक संयोगो को प्राप्त कर सकता है |
(ii) उपभोक्ता की आय में कमी - जब उपभोक्ता की आय में कमी होती है तो उपभोक्ता का बजट सेट परिवर्तित हो जाता है तथा बजट रेखा बाई ओर खिसक जाती है | क्योंकि उपभोक्ता अब वस्तुओं की दी हुई कीमत पर कम संयोगो को प्राप्त करेगा |
2. बजट रेखा में घुमाव - बजट रेखा में घुमाव वस्तुओं की कीमतों में परिवर्तन के कारण होता है | यह दो प्रकार से होता है -
(i) वस्तु की कीमत में वृद्धि - जब वस्तु x या वस्तु y की कीमत में वृद्धि होती है तो उपभोक्ता का बजट सेट परिवर्तित हो जाता है तथा बजट रेखा बाई और घूम जाती है | क्योंकि उपभोक्ता अब अपनी दी हुई आय में वस्तु x या वस्तु y की कम मात्रा का प्राप्त करेगा |
(ii) वस्तु की कीमत में कमी - जब वस्तु x या वस्तु y की कीमत में कमी होती है तो उपभोक्ता का बजट सेट परिवर्तित हो जाता है तथा बजट रेखा दाई और घूम जाती है | क्योंकि उपभोक्ता अब अपनी दी हुई आय में वस्तु x या वस्तु y की अधिक मात्रा का प्राप्त करेगा |
उपभोक्ता संतुलन
तटस्थता विश्लेषण की सहायता से उपभोक्ता संतुलन की शर्ते -
(i) MRSXY = PX/PY ( तटस्थता वक्र बजट रेखा को स्पर्श करनी चाहिए ) - उपभोक्ता वहाँ संतुलित जब MRSXY = PX/PY | क्योंकि बजट रेखा दो वस्तुओं के विभिन्न संभव संयोगो को प्रकट करती है जिसे उपभोक्ता अपनी दी हुई आय तथा दोनों वस्तुओं की दी हुई कीमतों पर खरीद सकता है | एक उपभोक्ता इस बजट रेखा से बाहर नहीं जा सकता |
(ii) तटस्थता वक्र का ढलान मूल बिंदु की ओर उन्नतोदर होनी चाहिए - तटस्थता वक्र का ढलान मूल बिंदु की ओर उन्नतोदर सीमांत प्रतिस्थापन की दर (MRS) के घटने के कारण होता है | यह ह्रासमान सीमांत उपयोगिता के नियम पर आधारित है, क्योंकि जैसे-जैसे वस्तु X के उपभोग में वृद्धि की जाती है वस्तु X को प्राप्त करने की इच्छा कम होती जाती है तथा वस्तु Y को प्राप्त करने की इच्छा बढती जाती है | इसीलिए उपभोक्ता वस्तु X की प्रत्येक अगली इकाई के लिए वस्तु Y की कम से कम इकाइयों का त्याग करने के लिए इच्छुक होता है |