स्टॉक तथा प्रवाह -
स्टॉक - स्टॉक समय के एक निश्चित बिंदु पर मापी जाने वाली मात्रा है | जैसे - 1 मार्च 2017 को आपके बैंक खाते में 500 रूपए है | यह एक स्टॉक अवधारणा है क्योंकि यह समय के एक निश्चित बिंदु से सम्बंधित है |
प्रवाह - प्रवाह, समय की विशेष अवधि में मापी जाने वाली मात्रा है | जैसे - आप रोज 100 खर्च करते है | यह एक प्रवाह अवधारणा है क्योंकि यह समय के एक विशेष अवधि से सम्बंधित है |
प्रवाह तथा स्टॉक में अंतर -
स्टॉक -
(i) स्टॉक का सम्बंध समय के एक निश्चित बिंदु से होता है |
(ii) स्टॉक का समयकाल नहीं होता है |
(iii) स्टॉक, प्रवाह को प्रभावित करता है | जैसे - पूंजी का स्टॉक जितना अधिक होता है उतना ही अधिक वस्तुओं तथा सेवाओं का प्रवाह होता है |
प्रवाह -
(i) प्रवाह का सम्बंध समय की विशेष अवधि से होता है |
(ii) प्रवाह का समयकाल होता है | जैसे - प्रति घंटा, प्रतिमाह |
(iii) प्रवाह, स्टॉक को प्रभावित करता है | जैसे - मुद्रा का प्रवाह जितना अधिक होता है उतना ही अधिक मुद्रा का स्टॉक होता है |
वास्तविक प्रवाह तथा मौद्रिक प्रवाह -
वास्तविक प्रवाह - वास्तविक प्रवाह से अभिप्राय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रो में वस्तुओं तथा सेवाओं के प्रवाह से है | जैसे - उत्पादक क्षेत्र द्वारा परिवार क्षेत्र को वस्तुओं का प्रवाह |
मौद्रिक प्रवाह - मौद्रिक प्रवाह से अभिप्राय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रो में मुद्रा के प्रवाह से है | जैसे - परिवार क्षेत्र द्वारा उत्पादक क्षेत्र को मुद्रा का प्रवाह |
वास्तविक प्रवाह मौद्रिक प्रवाह के विपरीत है - वास्तविक प्रवाह मौद्रिक प्रवाह के विपरीत है क्योंकि वास्तविक प्रवाह के बदले ही मौद्रिक प्रवाह किया जाता हैं | जैसे उत्पादक क्षेत्र द्वारा परिवार क्षेत्र को वस्तुओं तथा सेवाओं का वास्तविक प्रवाह किया जाता है | इसके बदले परिवार क्षेत्र द्वारा उत्पादक क्षेत्र को मुद्रा का मौद्रिक प्रवाह किया जाता है |
इसी तरह परिवार क्षेत्र द्वारा उत्पादक क्षेत्र को कारक सेवाओं का वास्तविक प्रवाह किया जाता है जिसके बदले उत्पादक क्षेत्र द्वारा परिवार क्षेत्र को भुगतान किया जाता है |
आय और उत्पाद के चक्रीय प्रवाह के सिद्धांत -
(i) मौद्रिक प्रवाह वास्तविक प्रवाह के विपरीत होते है |
(ii) विभिन्न क्षेत्रो में प्राप्तियां तथा भुगतान समरूप होते है |