मुद्रा तथा बैंकिंग
वाणिज्यिक बैंक - वाणिज्यिक बैंक वह वितीय संस्था है जो उधार देने तथा जनता से मांग जमा स्वीकार करने का कार्य करती है |
वाणिज्यिक बैंको के कार्य -
(i) जमा स्वीकार करना |
(ii) ऋण देना |
वाणिज्यिक बैंको द्वारा साख निर्माण / मुद्रा निर्माण -
साख निर्माण से अभिप्राय उस प्रक्रिया से है जिसके अंतर्गत एक वाणिज्यिक बैंक कई गुना ऋण प्रदान करके अर्थव्यवस्था में मुद्रा की पूर्ति में वृद्धि करता है | वाणिज्यिक बैंको द्वारा साख निर्माण मुख्यतः दो कारको पर निर्भर करता है -
(i) प्राथमिक जमाएँ |
(ii) वैधानिक कोष अनुपात (LRR) |
साख गुणक = 1/LRR
मुद्रा निर्माण की प्रक्रिया -
माना अर्थव्यवस्था में कुल प्राथमिक जमाएँ 10,000 है तथा वैधानिक कोष अनुपात (LRR) 10% है | प्राथमिक जमाएँ लोगो की मांग जमाएँ है इसलिए ये जमाएँ बैंको के लिए दायित्व होती है | सभी जमाकर्ता अपनी जमाओं को एक ही समय पर नहीं निकलवाते इसलिए बैंक अपनी जमाओं का कुछ भाग ही अपने पास आरक्षित रखते है और शेष लोगो को उधार दे देते है तथा उधार दी गई राशि पुनः बैंको में जमा कर दी जाती है |
बैंक द्वारा प्राथमिक जमा 10,000 में से रिजर्व के रूप (10,000 × 10%) 1000 रु. रखकर 9000 रु. उधार दे देंगे | ये 9000 रु. अर्थव्यवस्था में होने के पश्चात् भी बैंक में वापिस जमा होंगे | वाणिज्यिक बैंको की कुल जमाएँ 9000 रु. का 10% 900 रु. रिजर्व रखकर 8100 रु. उधार दे देंगे | ये 8100 रु. अर्थव्यवस्था में होने के पश्चात् भी बैंक में वापिस जमा होंगे | यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी |
कुल मुद्रा निर्माण = प्राथमिक जमाएँ × साख गुणांक
= 10,000 × 1/10% (LRR=10%)
= 1,00,000 रु. |
नकद आरक्षित अनुपात (Cash Reserve Ratio) - नकद आरक्षित अनुपात से अभिप्राय वाणिज्यिक बैंको की कुल मांग जमाओं से है जिसे वे नकद कोषो के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक के पास अवश्य रखते है |
तिजोरी नकद अनुपात (Vault Cash Ratio) - तिजोरी नकद अनुपात से अभिप्राय है वाणिज्यिक बैंक अपनी कुल जमाओं का जो प्रतिशत अपनी इच्छा से अपनी तिजोरी में रखते है |
वैधानिक तरलता अनुपात (Statutory Liquidity Ratio) - वैधानिक तरलता अनुपात से अभिप्राय तरल परिसंपतियो से है जिसे वाणिज्यिक बैंक अपनी कुल जमाओं के प्रतिशत के रूप में अपने पास अवश्य रखते है |
केंद्रीय बैंक - केंद्रीय बैंक एक देश की बैंकिंग प्रणाली में सर्वोच्च बैंक है | जो देश में सम्पूर्ण बैंकिंग प्रणाली का संचालन, नियंत्रण, निर्देशन एंव नियमन करती है |
केंद्रीय बैंक के कार्य -
1. नोट जारी करने का बैंक / जारीकर्ता बैंक |
2. सरकार का बैंक |
3. बैंक का बैंक तथा पर्यवेक्षक |
4. अंतिम ऋणदाता |
5. विदेशी विनिमय का संरक्षक |
6. समाशोधन गृह का कार्य |
7. साख का नियंत्रण |