आय के चक्रीय प्रवाह (CIRCULER FLOWS OF INCOME ):
फर्मो (उत्पादन इकाइयों) द्वारा पहले आय सृजित होती है,फिर परिवारों में साधन सेवाएँ प्रदान करने के लिए बांटी जाती है और अन्त में परिवारों द्वारा व्यय के रूप में वही आय फर्मो के पास वापस आ जाती है|
- परिवार के द्वारा उत्पादन के लिए अपनी साधन सेवाएँ फर्मों को प्रदान की जाती है| जैसे: भूमि, श्रम, पूँजी, उधम की सेवाएँ|
- और बदले में फर्मों से साधन भुगतान या मुआवज़ा प्राप्त करते है|
जैसे : लगान, मजदूरी, ब्याज, लाभ|
अर्थव्यवस्था में दो प्रकार के बाजार / मंडियां होती है|
(1) उत्पाद बाजार (वस्तुओं और सेवाओं का बाजार)
(2) साधन बाजार (उत्पादन के साधनों का बाजार)