अध्याय 3. परमाणु एवं अणु
अध्याय-समीक्षा
- किसी पदार्थ का वह मुल पदार्थ जिसे सरलीकृत नहीं किया जा सके तत्व कहलाता है | जैसे- हाइड्रोजन, कार्बन, ऑक्सीजन, आयरन, चाँदी और सोना आदि |
- पदार्थ का वह सूक्ष्मतम कण जिसे और आगे विभाजित नहीं किया जा सके वह परमाणु कहलाता है |
- एक ही तत्व या भिन्न-भिन्न के दो या दो से अधिक परमाणुओं के समूह जो रासायनिक से एक दुसरे से बंधे होते है अणु कहलाते हैं | उदाहरण: O2, H2, N2, H2O, CO2, MgCl2 इत्यादि |
- अणु जो एक से अधिक तत्वों से मिलकर बना है यौगिक कहलाता है | उदाहरण: H2O, CO2, NH3, BrCl2, CH4 इत्यादि |
- किसी तत्व के सबसे छोटे कण परमाणु होते हैं | जैसे - हाइड्रोजन के परमाणु (H), ऑक्सीजन के परमाणु (O), कार्बन के परमाणु (C), मैग्नीशियम के परमाणु (Mg) इत्यादि |
- द्रव्यमान संरक्षण का नियम: द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुसार किसी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का नहीं तो सृजन होता है और नहीं विनाश होता है |
- निश्चित अनुपात का नियम: किसी भी यौगिक में तत्व सदैव एक निश्चित द्रव्यमान के अनुपात में विद्यमान होते हैं |
- दिए गए तत्व के सभी परमाणुओं का द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म समान होते हैं।
- भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म भिन्न-भिन्न होते हैं।
- डाल्टन के परमाणु सिद्धांत में परमाणु द्रव्यमान सबसे विशिष्ट संकल्पना थी और उनके अनुसार प्रत्येक तत्व का एक अभिलाक्षणिक परमाणु द्रव्यमान होता है |
- परमाणु द्रव्यमान इकाई : किसी तत्व के सापेक्षिक परमाणु द्रव्यमान को उसके परमाणुओं के औसत द्रव्यमान का कार्बन-12 परमाणु के द्रव्यमान के 1/12वें भाग के अनुपात को परमाणु द्रव्यमान इकाई कहते है |
- किसी तत्व या यौगिक का अणु उस तत्व या यौगिक के सभी गुण धर्म को प्रदर्शित करते हैं
- एक ही तत्व के परमाणु अथवा भिन्न-भिन्न तत्वों के' परमाणु परस्पर संयोग करके अणु निर्मित करते हैं।
- आर्गन (Ar) हीलियम (He) इत्यादि जैसे अनेक उत्कृष्ट (गैसों) तत्वों के अणु उसी तत्व के केवल एक परमाणु द्वारा निर्मित होते हैं। अत: ये एक परमाणुक होते हैं क्योंकि उत्कृष्ट गैसें किसी भी तत्व से यहाँ तक की खुद से भी संयोजन नहीं करती है |
- किसी अणु संरचना में प्रयुक्त होने वाले परमाणुओं की संख्या को उस अणु की परमाणुकता कहते है | जैसे - ऑक्सीजन के अणु (O2) की परमाणुकता 2 है |, फोस्फोरस के अणु (P4) की परमाणुकता 4 है |
- कुछ तत्व जैसे ऑक्सीजन, हाइड्रोजन और क्लोरीन आदि अपने दो परमाणुओं से अणु बनाते हैं | ऐसे तत्व को द्वि-परमाणुक अणु कहते हैं उदाहरण: (a) हाइड्रोजन (H2) (b) ऑक्सीजन (O2) |
- वह अणु जो तीन परमाणुओं से मिलकर बना होता है त्रि-परमाणुक अणु कहलाता है | जैसे - ओजोन (O3) |
- किसी तत्व के वें अणु जिसमें चार परमाणु होते हैं चतुर्परमाणुक अणु कहलाता है | जैसे - फोस्फोरस (P4) |
- किसी तत्व के वें अणु जिसमें परमाणुओं की संख्या चार से अधिक हो बहुपरमाणुक अणु कहलाता है | जैसे - (a) सल्फर (S8) |
- किसी परमाणु में प्रोट्रॉन तथा इलेक्ट्रान बराबर संख्या में होते हैं |
- अक्रिय गैस को छोड़कर सभी परमाणुओं का इलेक्ट्रोनिक रचनाएँ अस्थायी होते हैं |
- परमाणु स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में नहीं रह सकते हैं |
- परमाणु अस्तित्व में बने रहने के लिए इलेक्ट्रॉन्स की साझेदारी करते हैं |
- आयन विद्युत आवेशित कण होते हैं |
- आयनों का इलेक्ट्रोनिक रचनाएँ स्थायी होते हैं |
- आयन स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में रह सकते हैं |
- आयनिक यौगिकों में पहला तत्व धातु (metal) होता है जो धनायन (cation) बनाता है और दूसरा तत्व अधातु (non-metal) होता है जो ऋणायन (anion) बनाता है |
- मोल एक प्रकार से बहुत सारे परमाणुओं का ढेर (heap) है | जिसमें' किसी भी तत्व के परमाणुओं, अणुओं अथवा आयनों की संख्या 6.022 x 1023 होता है |
- मोल पदार्थ की वह मात्रा है जिसमें कणों की संख्या (परमाणु, आयन, अणु या सूत्र इकाई इत्यादि) कार्बन-12 के ठीक 12 g में विद्यमान परमाणुओं के बराबर होती है।
- किसी पदार्थ के एक मोल में कणों (परमाणु, अणु अथवा आयन) की संख्या निश्चित होती है | जिसका मान 6.022 x 1023 होता है | इसी संख्या को आवोगाद्रो स्थिरांक या आवोगाद्रो संख्या कहते हैं |
- किसी तत्व के परमाणुओं के एक मोल का द्रव्यमान को मोलर द्रव्यमान कहते है | परमाणुओं के मोलर द्रव्यमान को ग्राम परमाणु द्रव्यमान भी कहते हैं |