अतिरिक्त प्रश्नोत्तर (12. SOUND)
प्रश्न 1. ध्वनि निम्न में से किस का रूप है ?
(i) उष्मा
(ii) गति
(iii) उर्जा
(iv) रेडियों
उत्तर : उर्जा
प्रश्न 2. किन किन क्रिया कलापों द्वारा हम ध्वनि उत्पन्न कर सकते है ?
उत्तर : किसी वस्तु पर आघात कर , घर्षण द्वारा, खुरच कर, रगड़ कर, वायु फूँक कर या उनको हिलाकर ध्वनि उत्पन्न कर सकते है ।
प्रश्न 3. ध्वनि का संचरण माध्यम बताइए।
उत्तर : ठोस, द्रव और गैस ।
प्रश्न 5. संपीडन किसे कहते है ?
उत्तर : जब कोई कंपमान वस्तु आगे की ओर कंपन करती है तो इस प्रकार एक उच्च दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है। इस क्षेत्र को संपीडन (C) कहते हैं।
प्रश्न 6. विरलन किसे कहते है ?
उत्तर : जब कोई कंपमान वस्तु पीछे की ओर कंपन करती है तो इस प्रकार एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है। जिसे विरलन (R) कहते हैं।
प्रश्न 7. ध्वनि तरंगे क्या है ? यह कैसे बनती हैं ?
उत्तर : ध्वनि को तरंग के रूप में जाना जाता है और तरंग एक विक्षोभ है जो कंपमान वस्तु द्वारा उत्पन्न होता है। यह तरंगे अनुदैर्य तरंगे होती है। यह संपीडन और विरलन से बनती है।
प्रश्न 8. ध्वनि तरंगों को यांत्रिक तरंगे क्यों कहते है ?
उत्तर : ध्वनि तरंगों को यांत्रिक तरंगे इसलिए कहते है क्योकि उसके संचरण के लिए द्रव्यात्मक माध्यम की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 9. ध्वनि की तीव्रता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर : किसी एकांक क्षेत्रफल से एक सेकंड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा को ध्वनि की तीव्रता कहते हैं।
प्रश्न 10. पराध्वनिक चाल की परिभाषा दीजिए।
उत्तर : ध्वनि की चाल से भी अधिक चाल से कोई पिण्ड गति करता है तो उसे पराध्वनिक चाल कहते है।
प्रश्न 11. ठोस, द्रव, व गैस में ध्वनि की चाल सबसे अधिक किसमें होती है ?
उत्तर : ठोस में ध्वनि की चाल सबसे अधिक होती है।
प्रश्न 12. प्रतिध्वनि किसे कहते है ?
उत्तर : जब कोई ध्वनि किसी माध्यम से टकराकर परावर्तित होती है तो वह ध्वनि हमें पुनः सुनाई देती हैं जिसे प्रतिध्वनि कहते है।
प्रश्न 13. स्पष्ट प्रतिध्वनि सुनने के लिए अवरोधक की ध्वनि स्रोत से न्युनतम दूरी कितनी होनी चाहिए ?
उत्तर : 17.2 मीटर ।
प्रश्न 14. मनुष्यों में ध्वनि की श्रव्यता का परिसर कितना है ?
उत्तर : मनुष्यों में ध्वनि की श्रव्यता का परिसर 20 हर्ट्ज़ से 20,000 हर्ट्ज़ तक होता है।
प्रश्न 15. अवश्रव्य ध्वनि किसे कहते है ? अवश्रव्य ध्वनि की परास क्या है ?
उत्तर : 20 हर्ट्ज़ से कम आवृति की ध्वनियो को अवश्रव्य ध्वनि कहते है। इसका परास 20 हर्ट्ज़ से कम हैं ।
प्रश्न 16. पराध्वनि की आवृति निम्न या उच्च में से क्या होती है ?
उत्तर : पराध्वनि की आवृति उच्च होती है।
प्रश्न 17. इकोकार्डियोग्राफी किसे कहते है ?
उत्तर : पराध्वनि तरंगों को हृदय के विभिन्न भागों से परावर्तित करा कर हृदय का प्रतिबिम्ब बनाया जाता है। इस तकनिक को इकोकार्डियोग्राफी कहते है।
दीर्घ-उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. किसी माध्यम में ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ आपके कानो तक कैसे पहुँचता है ?
उत्तर : तरंग एक विक्षोभ है जो किसी माध्यम से होकर गति करता है और माध्यम के कण निकटवर्ती कणों में गति उत्पन्न कर देते हैं। ये कण इसी प्रकार की गति अन्य कणों में उत्पन्न करते हैं। माध्यम के कण स्वयं आगे नहीं बढ़ते, लेकिन विक्षोभ आगे बढ़ जाता है। यह प्रक्रिया तब तक चलता रहता है जब तक विक्षोभ हमारे कानों तक पहूँच नहीं जाता ।
प्रश्न 2. ध्वनि बूम किसे कहते है ?
उत्तर : जब ध्वनि उत्पादक स्रोत ध्वनि की चाल से अधिक तेजी से गति करती हैं। तो ये वायु में प्रघाती तरंगे उत्पन्न करती हैं इस प्रघाती तरंगों में बहुत अधिक ऊर्जा होती है। इस प्रकार की प्रघाती तरंगों से संबद्ध वायुदाब में परिवर्तन से एक बहुत तेज और प्रबल ध्वनि उत्पन्न होती है जिसे ध्वनि बुम कहते है।
प्रश्न 3. अनुरणन किसे कहते है ? इसे कैसे कम किया जाता है ?
उत्तर : ध्वनि का दीवारों से बारंबार परावर्तन जिसके कारण ध्वनि निर्बध होता हैं, अनुरणन कहलाता है।
इसे कम करने के लिए भवनों में पर्दे लटकाये जाते हैं, ताकि ध्वनि का अवशोषण हो सके । इसके अतिरिक्त कमरें में श्रोताओं की उपस्थिति अधिक हो तो भी ध्वनि का अवशोषण हो सकता है।
प्रश्न 4. पराध्वनि किसे कहते है ? पराध्वनि की परास क्या है ?
उत्तर : 20000 हर्ट्ज़ से अधिक आवृति की ध्वनियो को पराध्वनि कहते है। इसका परास 20000 हर्ट्ज़ से अधिक होता हैं ।
प्रश्न 5: पराध्वनि के तीन अनुप्रयोगों को लिखो।
उत्तर : पराध्वनि के अनुप्रयोग:-
1. पराध्वनि प्रायः उन भागों को साफ करने में की जाती है जहाँ तक पहुँचना कठिन है। जैसे - सर्पिलाकार नली, इलेक्ट्रानिक पुर्जे इत्यादि।
2. पराध्वनि का उपयोग धातु के ब्लाकों में दरारों का पता लगाने के लिए किया जाता हैं।
3. चिकित्सा क्षेत्र में पराध्वनि (अल्ट्रासाऊण्ड) का प्रयोग बिमारियो का पता लगाने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 6. किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्ध्य, आवृति, आर्वत काल, तथा आयाम से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर :
(i) तरंगदैर्ध्य - किन्हीं दो निकटतम श्रृगों अथवा गर्तों के बीच की दूरी को या एक दोलन पूरा करने में तरंग द्वारा चली गई दूरी को तरंगदैर्ध्य कहते है।
(ii)आवृति - एक सेंकेण्ड में दोलनों की संख्या को आवृति कहते है ।
(iii) आवर्त काल - एक दोलन पूरा करने में लगा समय आवर्त काल कहलाता है।
(iv) आयाम - किसी तरंग के संचरण में माध्यम के कणों का संतुलन की स्थिति में अधिकतम विस्थापन आयाम कहलाता है।