Exercise 10.5
Q1. आकृति 10.36 में, केंद्र O वाले एक वृत्त पर तीन बिंदु A, B और C इस प्रकार हैं कि ∠BOC = 30० तथा ∠AOB = 60० है | यदि चाप ABC के अतिरिक्त वृत्त पर D एक बिंदु है, रो ∠ADC ज्ञात कीजिए |
हल :
∠AOC = 2 ∠ADC (प्रमेय 10.8 से )
[ एक चाप द्वारा वृत्त के केंद्र पर अंतरित कोण वृत्त के शेष भाग के किसी बिंदु पर अंतरित कोण का दुगुना होता है | ]
Q2. किसी वृत्त की एक जीवा वृत्त की त्रिज्या के बराबर है | जीवा द्वारा लघु चाप के किसी बिंदु पर अंतरित कोण ज्ञात कीजिए तथा दीर्घ चाप के किसी बिंदु पर भी अंतरित कोण ज्ञात कीजिए |
हल :
चाप AB त्रिज्याएँ OA तथा OB के बराबर है |
इसलिए ΔAOB एक समबाहु त्रिभुज है |
अत: ∠AOB = 60० (समबाहु त्रिभुज के प्रत्येक कोण)
अब, ∠AOB = 2∠APB
(वृत्त के केंद्र पर बना कोण शेष वृत्त पर बने कोण का दुगुना होता है)
या 60० = 2∠APB
Q3. आकृति 10.37 में, ∠PQR = 100० है, जहाँ P, Q तथा R केंद्र O वाले एक वृत्त पर स्थित बिंदु हैं | ∠OPR ज्ञात कीजिए |
हल :
दिया है - ∠PQR = 100० है |
चूँकि (वृत्त के केंद्र पर बना कोण शेष वृत्त पर बने कोण का दुगुना होता है)
इसलिए ∠POR = 2 ∠PQR
या ∠POR = 2 × 100०
या ∠POR = 200०
अब प्रतिवर्ती ∠POR = 360० - 200०
या प्रतिवर्ती ∠POR = 160०
ΔPOR में, PO = RO (एक ही वृत्त की त्रिज्या)
इसलिए ∠OPR = ∠ORP ........(1) (बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं)
अब, ∠OPR + ∠ORP + ∠POR = 180० (तीनों कोणों का योग)
या ∠OPR + ∠OPR + 160० = 180० समी० (1) से
या 2 ∠OPR = 180० - 160०
या 2 ∠OPR = 20०
Q4. आकृति 10.38 में, ∠ABC = 69० और ∠ACB = 31० हो, तो ∠BDC ज्ञात कीजिए |
हल :
ΔABC में,
∠ABC + ∠ACB + ∠BAC = 180० (त्रिभुज के तीनों का योग)
या 69० + 31० + ∠BAC = 180०
या 100० + ∠BAC = 180०
या ∠BAC = 180० - 100०
या ∠BAC = 80०
अब चूँकि ∠BAC = ∠BDC
इसलिए, ∠BDC = 80०
Q5. आकृति 10.39 में, एक वृत्त पर A, B, C और D चार बिंदु हैं | AC और BD एक बिंदु E पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करते हैं कि ∠BEC = 130° तथा ∠ECD = 20° है | ∠BAC ज्ञात कीजिए |
हल :
BED एक सरल रेखा है |
इसलिए, ∠BEC + ∠CED = 180० (रैखिक युग्म)
या 130° + ∠CED = 180०
या ∠CED = 180० - 130°
या ∠CED = 50°
अब ∠BAC = ∠CED [क्योंकि एक ही वृत्त खंड में बने कोण बराबर होते हैं]
इसलिए ∠BAC = 50°
Q6. ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है जिसके विकर्ण एक बिन्दु E पर प्रतिच्छेद करते हैं। यदि ∠DBC = 70° और ∠BAC = 30° हो, तो ∠BCD ज्ञात कीजिए। पुनः यदि AB = BC हो, तो ∠ECD ज्ञात कीजिए ।
हल :
दिया है कि ∠DBC = 70° और ∠BAC = 30° है |
अब, ∠BAC = ∠BDC [एक ही वृत्त खंड में बने कोण बराबर होते हैं]
इसलिए, ∠BDC = 30° ...... (1)
अब DBCD में,
∠BDC = 30°, ∠DBC = 70° और ∠BCD = ?
अब ∠BDC + ∠DBC + ∠BCD = 180° [त्रिभुज के तीनों कोणों का योग]
या 30° + 70° + ∠BCD = 180° समी० (1) से
या 100° + ∠BCD = 180°
या ∠BCD = 180° - 100°
या ∠BCD = 80°
अब, AB = BC दिया है
इसलिए, ∠BAC = ∠BCA ...... (2) [बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं]
अब चूँकि ∠BAC = 30° है |
इसलिए ∠BCA = 30° समी० (2) से
या ∠ECB = 30°
चूँकि ∠BCD = 80° है |
या ∠ECB + ∠ECD = 80°
या 30° + ∠ECD = 80°
या ∠ECD = 80° - 30°= 50°
अत: ∠ECD = 50° और ∠BCD = 80° है |
Q7. यदि एक चक्रीय चतुर्भुज के विकर्ण उसके शीर्षों से जाने वाले वृत्त के व्यास हों, तो सिद्ध कीजिए कि वह एक आयत है।
हल :
दिया है : ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है
जिसके विकर्ण AC तथा BD बिंदु O पर
प्रतिच्छेद करते हैं ।
सिद्ध करना है : ABCD एक आयत है ।
प्रमाण : ΔAOB तथा ΔCOD में
OA = OC (एक ही वृत्त कि त्रिज्यायें)
OB = OD (एक ही वृत्त कि त्रिज्यायें)
∠AOB = ∠COD (शिर्षाभिमुख कोण)
SAS सर्वांगसमता नियम से
ΔAOB ≅ ΔCOD
अत: AB = CD ....(1) (By CPCT)
और ∠BAO = ∠DCO एकांतर कोण
अत: AB ॥ CD ...(2)
समी० (1) तथा (2) से
ABCD एक समांतर चतुर्भुज है ।
अब BD विकर्ण वृत्त का ब्यास है (दिया है)
इसलिए ∠A = 90° तथा ∠C = 90° है । [अर्धवृत्त में बना कोण 90° होता है]
अत: ABCD एक आयात है ।
(वह समांतर चतुर्भुज जिसका एक कोण समकोण हो वह आयत कहलाता है)
Q8. यदि एक समलंब की असमांतर भुजाएँ बराबर हों, तो सिद्ध कीजिए कि वह चक्रीय है।
हल :
दिया है : ABCD एक समलंब है जिसमें
AB || CD है और AD = BC है |
सिद्ध करना है :
ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है |
प्रमाण : ΔACD तथा ΔBDC में
AD = BC (दिया है)
DC = DC (दिया है)
∠DAC = ∠CBD (एक ही वृत्त खंड में बने कोण)
SAS सर्वांगसमता नियम से
ΔACD ≅ ΔBDC
अत: ∠D = ∠C ..... (1) By CPCT
अब चूँकि AB || CD दिया है
इसलिए, ∠A + ∠D = 180° (अत: आसन्न कोणों का योग)
या ∠A + ∠C = 180° समी० (1)से
अत: ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है | Proved
Q9. दो वृत्त दो बिन्दुओं B और C पर प्रतिच्छेद करते हैं । B से जाने वाले दो रेखाखंड ABD और PBQ वृतों को A, D और P, Q पर क्रमश: प्रतिछेद करते हुए खींचे गए हैं । सिद्ध कीजिए कि ∠ACP = ∠QCD है |
हल :
सिद्ध करना है : ∠ACP = ∠QCD
प्रमाण :
चाप AP बने कोण ∠ABP तथा ∠ACP हैं |
अत: ∠ABP = ∠ACP ........... (1) [एक ही वृत्त खंड में बने कोण]
अब, ∠ABP = ∠QBD ........... (2) [शिर्षाभिमुख कोण]
समीकरण (1) तथा (2) से
∠ACP = ∠QBD ........... (3)
पुन: ∠QCD = ∠QBD .......... (4) [एक ही वृत्त खंड में बने कोण]
अत: समीकरण (3) तथा (4) से
∠ACP = ∠QCD Proved
Q10. यदि किसी त्रिभुज की दो भुजाओं को व्यास मानकर वृत्त खींचे जाएँ, तो सिद्ध कीजिए कि इन वृत्तों का प्रतिच्छेद बिन्दु तीसरी भुजा पर स्थित है।
हल :
दिया है : ABC एक त्रिभुज है जिसकी भुजाओं
AB तथा AC को व्यास मानकर O तथा O' वाले
दो वृत्त खिंचा है | उभयनिष्ठ जीवा AD है |
सिद्ध करना है : बिंदु D BC पर स्थित है |
प्रमाण : AB O केंद्र वाले वृत्त का व्यास है |
अत: ∠ADB = 90° .......... (1) (अर्धवृत में बना कोण समकोण होता है)
अब, AC O' वाले वृत्त का व्यास है ।
अत: ∠ADC = 90° .......... (2) (अर्धवृत में बना कोण समकोण होता है)
समीकरण (1) तथा (2) जोड़ने पर
∠ADB + ∠ADC = 90° + 90°
या ∠ADB + ∠ADC = 180° [रैखिक युग्म]
अत: BDC एक सरल रेखा है जिसपर बिंदु D स्थित है | Proved
∠ Δ ≅