महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर :
प्रश्न: समाजवादियों ने अपने प्रयासों में समन्वय लाने के लिए 1870 के दशक में किस नाम से संस्था बनाई ?
उत्तर: द्वितीय इंटरनेशनल |
प्रश्न: इंग्लैंड और जर्मनी के मजदूरों ने अपने जीवन और कार्यस्थिति में सुधार लाने के लिए कौन-कौन से प्रयास किये ?
उत्तर:
(i) संगठन बनाना शुरू किया |
(ii) अपने सदस्यों को मदद पहुँचाने के लिए कोच बनाए |
(iii) काम के घंटे में कमी तथा मताधिकार के लिए आवाजउठाना शुरू किया |
प्रश्न: 1914 तक यूरोप में समाजवादी कही भी सरकार बनाने में क्यों सफल नहीं हो पाए ? कारण दीजिए |
उत्तर: संसदीय राजनीति में उनके प्रतिनिधि बड़ी संख्या में जीतते रहे, उन्होंने कानून बनवाने में भी अहम् भूमिका निभाई, मगर 1914 तक यूरोप में समाजवादी कही भी सरकार बनाने में सफल इसलिए नहीं पाए पाए क्योंकि सरकरों में रुढ़िवादियों, उदारवादियों और रैडिकलों का ही दबदबा बना रहा |
प्रश्न: किस क्रांति के जरिए रूस की सत्ता पर समाजवादियों ने कब्ज़ा किया ?
उत्तर: अक्टूबर क्रांति |
प्रश्न: अक्टूबर क्रांति किसे कहते है ?
उत्तर: फरवरी 1917 में राजशाही के पतन और 1917 के ही अक्टूबर के मिश्रित घटनाओं को अक्टूबर क्रांति कहा जाता है |
प्रश्न: निरंकुश राजशाही किसे कहते है ?
उत्तर: ऐसा शासन जहाँ राजा ही सर्वोसर्वा होता है और लोगों को कोई अधिकार प्राप्त नहीं होता, निरंकुश राजशाही या शासन कहलाता है |
प्रश्न: रुसी सम्राज्य की अधिकांश जनता का आजीविका का साधन क्या था ?
उत्तर: कृषि |
प्रश्न: 20 वीं शताब्दी के आरंभ में रूस में कारीगरों एवं मिल मजदूरों की दशा का वर्णन करों |
उत्तर: 20 वीं शताब्दी के आरंभ में रूस में कारीगरों एवं मिल मजदूरों की दशा निम्न थीं |
(i) किसी को जब नौकरी से निकाल दिया जाता था तो मजदूर एकजुट होकर हड़ताल करते थे |
(ii) काम की पाली के घंटे निश्चित हो इस बात का ध्यान रखने के लिए सरकारी विभाग फक्ट्रियों पर नजर रखते थे |
(iii) मजदूरों के रहने के लिए भी कमरों से लेकर डार्मिटरों की तरह की व्यवस्था थी |
(iv) समाजिक स्तर पर मजदुर बंटे हुए थे |
(v) बेरोजगारी तथा आर्थिक संकट में एक दुसरे की मदद करने के लिए संगठन बना लिए थे |
प्रश्न: रुसी किसान यूरोप के अन्य किसानों से किस प्रकार भिन्न थे ? वर्णन कीजिए |
उत्तर:
(i) यहाँ के किसान समय-समय पर सारी जमीन को अपने कम्यून को सौप देते थे और फिर प्रत्येक परिवार की जरुरत के अनुसार के हिसाब से किसानों की जमीन बाँटी जाती थी |
(ii) जबकि फ्रांसिसी क्रांति के दौरान ब्रिटनी के किसान न केवल नबाबों का सम्मान करते थे, बल्कि उन्हें बचाने के लिए उनकी लड़ाइयाँ भी लड़ते थे |
(iii) इसके विपरीत रुसी किसान चाहते थे कि नबाबों की जमीन छीनकर किसानों के बीच बाँट दी जाए |
प्रश्न: विश्व में लोकतंत्र स्थापित करने में किन्ही तीन घटनाओं का नाम बताइए |
उत्तर:
(i) इंग्लैंड की 1688 ई0 की शानदार क्रांति |
(ii) 1776 ई0 में अमेरिका की स्वतंत्रता की घोषणा पत्र |
(iii) 1789 ई0 की फ्रांस की क्रांति जिसने विश्व में स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के तीन महान सिद्धांतों नींव राखी जो लोकतंत्र के तीन प्रमुख स्तंभ सिद्ध हुए |
प्रश्न: खुनी रविवार से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: रूस में जार शासन में जनवरी 1905 ई0 के एक रविवार के दिन कुछ लोगों ने जुलुस निकालकर जार से मिलने और एक याचिका देने की कोशिश किया परन्तु जार के सैनिकों ने उन पर गोलियाँ बरसाई जिसमें लगभग एक हजार मजदूर मारे गए और कई हजार घायल हुए इसलिए इस हत्याकांड को खुनी रविवार के नाम से प्रसिद्ध हुआ |
प्रश्न: सोवियत शब्द की व्याख्या अपने शब्दों में कीजिए |
उत्तर: मजदूरों के प्रतिनिधियों के परिषद् को 1905 ई0 की रुसी क्रांति के बाद पहली बार सोवियत का नाम दिया गया | सोवियत शब्द रूस में मजदूरों और किसानों के संघ को कहा जाता है |
प्रश्न: लेनिन कौन था ? उसकी तीन माँगे कौन-कौन सी थी ?
प्रश्न: बोल्वेशिक कौन थे ? उनकी तीन माँगे कौन-कौन सी थी ?
उत्तर: बोल्वेशिक रूस की एक राजनैतिक पार्टी थी जिसका नेता लेनिन था | उनकी तीन प्रमुख माँगे निम्नलिखित थी |
(i) युद्ध को तुरंत बंद किया जाए |
(ii) सारी जमीन किसानों को सौप देनी चाहिए |
(iii) बैंकों का राष्ट्रिय करण किया जाए |
प्रश्न: 1917 ई0 की क्रांति में लेनिन/बोल्शेविकों की भूमिका का वर्णन कीजिए |
उत्तर: रूस की क्रांति को सफल बनाने में या रूस में क्रन्तिकारी आन्दोलन के विकास में सबसे बड़ा योगदान लेनिन की थी जो रूस के सबसे शक्तिशाली पार्टी 'बोल्शेविक पार्टी' का नेता था | जार के सिंहासन त्यागने पर 15 मार्च 1917 ई0 को कैरेस्की के नेतृत्व में जो सरकार बनी वह भी देश के समस्याओं का हल न कर सकी | ऐसे में फिर हो सकता था की रूस में जार का शासन पुन: लौट आता | ऐसे कठिन समय में यदि लेनिन ने देश की बागडोर न संभाली होती तो सारे किये कराये पर पानी फिर जाता | उनकी योगदान निम्नलिखित हैं :
(i) लेनिन के नेतृत्व में बोल्शेविक पार्टी ने युद्ध समाप्त करके किसानों को जमींन दिलाने तथा सारी सत्ता सोवियत को सौंपने के संबंध में स्पष्ट नीतियाँ अपनाई |
(ii) सबसे पहले रूस ने प्रथम विश्व युद्ध से खुद को अलग कर लिया चाहे उसके लिए उसे भारी कीमत ही क्यों चुकानी पड़ी |
(iii) रूस के अधीन सभी उपनिवेशों को स्वतंत्र कर दिया गया | लेनिन ने अनेक घोषणायें कर रूस में एक समाजवाद का युग आरंभ किया |
प्रश्न: रैडिकल समूह की क्या विचारधाराएँ थी ?
उत्तर:
(i) वे ऐसी सरकार के पक्ष में थे जो देश की आबादी के बहुमत के समर्थन पर आधारित हो |
(ii) इनमें से बहुत सरे लोग महिला मताधिकार आन्दोलन के भी समर्थक थे |
(iii) ये लोग बड़े जमींदारों और संपन्न उद्योगपतियों को प्राप्त किसी भी तरह के विशेषाधिकारों के खिलाफ थे |
(iv) वे किसी भी निजी सम्पतियों के विरोधी नहीं थे लेकिन केवल चंद लोगों के पास सम्पति के केन्द्रण के खिलाफ थे |
प्रश्न: रुढ़िवादी रूस में किस प्रकार के बदलाव चाहते थे ?
उत्तर:
(i) रुढ़िवादी तबका रैडिकल और उदारवादी दोनों के खिलाफ था |
(ii) वे बदलाव की धीमी प्रक्रिया चाहते थे |
(iii) वह चाहते थे कि अतीत का सम्मान किया जाए अर्थात अतीत को पूरी तरह ठुकराया न जाए |
प्रश्न: रूस में समाजवादियों की प्रमुख विचारधाराएँ क्या थी ?
उत्तर: रूस में समाजवादियों की प्रमुख विचारधाराएँ निम्न थी |
(i) वे निजी सम्पति के विरोधी थे | यानि, वे संपति पर निजी स्वामित्व को सही नहीं मानते थे |
(ii) वे संपति के निजी स्वामित्व की व्यवस्था को ही सारी समस्याओं की जड़ मानते थे |
(iii) कुछ समाजवादियों को कोआपरेटिव यानि सामूहिक उद्यम के विचार में दिलचस्पी थी |
(iv) केवल व्यक्तिगत पहलकदमी से बहुत बड़े सामूहिक खेत नहीं बनाए जा सकते | वह चाहते थे कि सरकार अपनी तरफ से सामूहिक खेती को बढ़ावा दे |
(v) वे चाहते थे कि सरकार पूंजीवादी उद्यम की जगह सामूहिक उद्यम को बढ़ावा दे |
प्रश्न: रूस में उदारवादी विचारधारा का वर्णन कीजिए |
उत्तर:
(i) सभी धर्मों को बराबर का सम्मान और जगह मिले |
(ii) वे सरकार से व्यक्ति मात्र के अधिकारों की रक्षा के पक्षधर थे |
(iii) उनका कहना था कि सरकार को किसी के अधिकारों का हनन करने या उन्हें छीनने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए |
(iv) यह समूह प्रतिनिधित्व पर आधारित एक ऐसी निर्वाचित सरकार के पक्ष में था जो शासकों और आफ्सरों के प्रभाव से मुक्त और सुप्रक्षिक्षित न्यायपालिका द्वारा स्थापित किये गए कानूनों के अनुसार शासन-कार्य चलाये |