अतिरिक्त - प्रश्न:
प्रश्न: आपतित किरण किसे कहते है?
उत्तर: किसी पृष्ठ पर पडनें वाली प्रकाश किरण को आपतित किरण कहते है।
प्रश्न: परावर्तित किरण किसे कहते है?
उत्तर: पृष्ठ से परार्वतन के पश्चात् वापस आने वाली प्रकाश-किरण को परावर्तित किरण कहते हैं।
प्रश्न: चित्र के द्वारा प्रकाश के परावर्तन को दर्शाइए |
उत्तर:
प्रश्न: आपतन कोण ∠i किसे कहते है ?
उत्तर: आपतित किरण तथा अभिलंब के बीच के कोण को आपतन कोण ∠i कहते है।
प्रश्न: प्रकाश के परावर्तन का नियम लिखिए।
उत्तर: प्रकाश के परावर्तन का नियमः-
(i) आपतन कोण ∠i सदैव परावर्तन कोण ∠r के बराबर होता है।
(ii) आपतित किरण, आपतन बिन्दु पर अभिलंब और परावर्तित किरण सभी एक ही तल में होते है।
प्रश्न: विसरित परावर्तन किसे कहते है?
उत्तर: जब सभी समांतर किरणें किसी समतल पृष्ठ से परावर्तन होने के पश्चात् समांतर नहीं होती, तो ऐसे परावर्तन को विसरित परावर्तन कहते है।
प्रश्न: नियमित परावर्तन किसे कहते है?
उत्तर: चिकने पृष्ठ से होने वाले परावर्तन को नियमित परावर्तन कहते है।
प्रश्न: दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब में वस्तु का बायॉ भाग दाई ओर और दायॉ भाग बाईं ओर दिखाई पडता है इस परिघटना को क्या कहते है?
उत्तर: पार्श्व परिवर्तन ।
प्रश्न: परिदर्शियों का उपयोग लिखिए।
उत्तर: परिदर्शियों का उपयोग पनडुबियों, टैंको तथा बंकरों में छिपे सैनिकों द्वारा बाहर की वस्तुओं को देखने के लिए किया जाता है।
प्रश्न: कैलाइडोस्कोप (बहुमुर्तिदर्शी) क्या है ? इसका उपयोग लिखों।
उत्तर: यह एक दूसरे से किसी कोण पर रखे कई दर्पणों द्वारा बना एक यंत्र है। इसका उपयोग भांति भांति के आकर्षक पैटर्न बनाने के लिए किया जाता है।
प्रश्न: यदि परावर्तित किरण आपतित किरण से 90० का कोण बनाए तो आपतन कोण का मान कितना होगा?
उत्तर: 45०
हल : ∠AOB = 90o
=> ∠i + ∠r = 90o
=> ∠i + ∠i = 90o (चूँकि ∠i = ∠r)
=> 2∠i = 90०
=> ∠i = 90o/2
=> ∠i = 45o
प्रश्न: समतल दर्पण द्वारा बनाये गए प्रतिबिम्ब की प्रकृति लिखिए।
उत्तर: समतल दर्पण द्वारा बनाये गए प्रतिबिम्ब की प्रकृति वास्तविक दर्पण के पीछे तथा बिम्ब के साइज के बराबर होता है।
प्रश्न: सूर्य के प्रकाश का रंग कैसा होता है?
उत्तर: श्वेत।
प्रश्न: विक्षेपण किसे कहते है?
उत्तर: प्रकाश के अपने रंगों में विभाजित होने को प्रकाश का विक्षेपण कहते है ।
प्रश्न: प्रिज्म से होकर गुजरने वाली सूर्य का श्वेत रंग का प्रकाश कैसा दिखाई देता है?
उत्तर: इन्द्रधनुष के सात रंगों जैसा।
प्रश्न: निम्न का कारण दीजिए:
(i) नेत्र का बाहरी आवरण सफेद और कठोर होता है।
उत्तर: क्योंकि नेत्र के आंतरिक भागों को दुर्घटनाओं से बचाव कर सके ।
प्रश्न: परतारिका किसे कहते है? इसका कार्य लिखों ।
उत्तर: कॉनियॉ के पीछे एक गहरे रंग की पेशियों की संरचना पाई जाती है जिसे परतारिका या आइरिस कहते है।
इसका कार्य:- परतारिका पुतली की साइज को नियंत्रित करती है।
प्रश्न: नियमित तथा विसरित परावर्तन में अन्तर बताइए। क्या विसरित परावर्तन का अर्थ है कि परावर्तन के नियम विफल हो गए हैं?
उत्तर:
विसरित परावर्तन | नियमित परावर्तन |
1. इसमें परावर्तित किरणें समांतर नहीं होती हैं। | 1. इसमें परावर्तित किरणें समांतर होती हैं। |
2. यह परावर्ती पृष्ठ पर अनियमितताओं वेफ कारण होता है। | 2. यह परावर्ती पृष्ठ के एक समान और चिकने होने के कारण होता है। |
नहीं, विसरित परावर्तन में भी परावर्तन के नियमों का सफलतापूर्वक पालन होता है।
प्रश्न: पुतली क्या है ? इसका कार्य लिखों|
उत्तर: परतारिका में एक छोटा सा छिद्र होता है जिसे पुतली कहते है । यह नेत्र में प्रवेश करने वाले प्रकाश को नियंत्रित करता है।
प्रश्न: अंध् विन्दु किसे कहते है?
उत्तर: दृक तंत्रिकाओं तथा रेटिना की संधि पर कोई तंत्रिका कोशिका नहीं होती। इस बिंदु को अंध बिंदु कहते हैं।
प्रश्न: मानव नेत्र का स्वच्छ और नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न: रेटिना किसे कहते है ? इसका कार्य लिखों|
उत्तर: लेंस प्रकाश को ऑख के पीछे एक परदें पर फोंकसित करता है, इस परदे को रेटिना कहते है।
इससे केवल ऑखों द्वारा देखी गई वस्तु का प्रतिबिम्ब बनाता है और संवेदनाओं को दृक तंत्रिका द्वारा मस्तिष्क तक पहुॅचा दिया जाता है।
प्रश्न: नेत्र में पाए जाने वाली तंत्रिका कोशिका कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर: नेत्रा में पाए जाने वाली तंत्रिका कोशिका दो प्रकार की होती है।
(i) शंक्वाकार कोशिकाएँ : जो तीव्र प्रकाश के लिए सुग्राही होते है।
(ii) शलाकाएं कोशिकाएँ : ये मंद प्रकाश के लिए सुग्राही होते है।