अध्याय-समीक्षा:
- जब कोई बाज़ार प्रत्येक सप्ताह किसी विशेष दिन को निशिचत स्थान पर लगता हो तो इसे साप्ताहिक बाज़ार कहते है |
- साप्ताहिक बाज़ार में आम ज़रूरत की सभी चीज़े एक ही जगह पर सस्ती दरो में उपलब्द होती है|
- शॉपिंग कोम्प्लेक्स शहरी शेत्रो, महानगरो,आदि में पाए जाते है |
- सामानों का निर्माण घरो , कारखानों,फर्मो,आदि में किया जाता है |
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साप्ताहिक बाज़ार का आयोजन प्रत्येक सप्ताह एक निशिचत दिन को होता है |
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साप्ताहिक बाज़ार में दुकान दरो की स्थायी दुकाने नही होती |
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व्यापारी सारा दिन आपनी दुकान चलाते है तथा शाम को आपना सामान समेटकर घर वापस चले जाते है |
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वे लोग, जो वस्तु के उत्पादक और वस्तु के उपभोक्ता के बीच में होते हैं, उन्हें व्यापारी कहा जाता है।
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व्यापारियों की लंबी श्रृंखला का वह अंतिम व्यापारी जो अंततः वस्तुएँ उपभोक्ता को बेचता है, खुदरा या फुटकर व्यापारी कहलाता है।
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उत्पादकों से वस्तुएँ सीधे बड़े शहरों के थोक व्यापारियों तक पहुँचता है, फिर यहाँ से अन्य शहरों के बड़े व्यापारीयों तक पहुँचता है | इन व्यापारियों से वस्तुएँ खुदरा या फुटकर व्यापारी खरीदते हैं और उन्हें उपभोक्ताओं तक पहुँचाते हैं |
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यह बाजारों की एक श्रृंखला है, जो परस्पर एक-दूसरे से कडि़यों की तरह जुड़ी होती है, क्योंकि उत्पाद एक बाजार से होते हुए दूसरे बाजार में पहुँचते हैं।
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ब्रांडेड वस्तुएं वे होती हैं जिन्हें कंपनियाँ बड़े-बड़े विज्ञापन देकर और क्वालिटी के दावे करके बेचती हैं | ब्रांडेड वस्तुएँ महँगी होती है |
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कुछ शहरी इलाकों में बहुमंजिला वातानुकूलित दुकानें भी देखने को मिलेंगी, जिनकी अलग-अलग मंजिलों पर अलग-अलग तरह की वस्तुएँ मिलती हैं। इन्हें शोपिंग मॉल कहा जाता है।