अभ्यास - प्रश्नोत्तर:
प्रश्न: निम्नलिखित का सुमेल करों|
स्तूप देवी - देवता की मूर्ति स्थापित करने की जगह
शिखर टीला
मण्डप स्तूप के चारों के इकठ्ठा होने की जगह
गर्भगृह मंदिर में लोगों के इकट्ठा होने की जगह
प्रदक्षिणापथ गर्भगृह के ऊपर लंबाई में निर्माण
उत्तर:
स्तूप टीला
शिखर गर्भगृह के ऊपर लंबाई में निर्माण
मण्डप मंदिर में लोगों के इकट्ठा होने की जगह
गर्भगृह देवी - देवता की मूर्ति स्थापित करने की जगह
प्रदक्षिणापथ स्तूप के चारों के इकठ्ठा होने की जगह
प्रश्न: खाली जगहों को भरो :
(क) ____________ खाली बड़े गणतिज्ञ थे|
(ख) ____________ में देवी - देवताओं की कहानियाँ मिलाती हैं|
(ग) _____________ को संस्कृत रामायण का लेखक माना जाता हैं|
(घ) _____________ और ___________ दो तमिल महाकाव्य हैं|
उत्तर:
(क) आर्यभट्ट
(ख) पुराणों
(ग) वाल्मीकि
(घ) सिलप्पदिकारम, मणिमेखलई|
प्रश्न: धातुओं के प्रयोग पर जिन अध्यायों में चर्चा हुई हैं, उनकी सूची बनाओ| धातु से बनी किन - किन चीजों के बारे में चर्चा हुई हैं या उन्हें दिखाया गया हैं?
उत्तर:
जिन अध्यायों में धातु के प्रयोग जिन धातुओं की बनी हुई वस्तुओं की चर्चा
पर चर्चा हुई अध्यायों में की गयी हैं|
अध्याय - 4 आरंभिक नगर ताँबा, सोना, चाँदी
अध्याय - 5 क्या बताती हैं हमें लोहा, सोना
किताबें और कब्रें
प्रश्न: पृष्ठ 122 पर लिखी कहानी को पढों| जिन राजाओं के बारे में तुमने अध्याय 5 और 10 में पढ़ा हैं| उनसे यह बंदर राजा कैसे भिन्न या समान था?
उत्तर: पृष्ठ 130 पर बंदर राजा की कहानी अध्याय अध्याय 6 और 11 में दिए गए राजाओं की तरह हैं| बंदर राजा भी अन्य शासकों की तरह एक विशाल सेना रखता था| वह स्वयं बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और बहादुर था| वह सही समय पर उचित निर्णय लेने में समर्थ था, जब उसने देखा कि मानव राजा उसके समुदाय को मार डालना चाहता हैं तो बंदरों के राजा ने अपनी प्रजा को बचाने की एक योजना बनाई| उसने आम के पेड़ की टहनियों को तोड़कर उन्हें आपस में बाँधकर नदी पर पुल बनाया| इसके एक छोर को वह तब तक पकडे रहा जब तक उसकी साड़ी प्रजा ने नदी को पार न कर लिया| वह एक महान राजा था, लेकिन किसी भी रूप से यह मानव राजा से अलग नहीं था|
प्रश्न: और भी जानकरी इकट्टी कर किसी महाकाव्य से के कहानी सुनाओ|
उत्तर: हमारे महाकाव्य में बहुत सारी कहानियाँ हैं, जो हमें प्रभावित करती हैं| वे कहानियाँ आदर्श जीवन के लिए हमारा मार्गदर्शन करती हैं और शिक्षा देती हैं| ऐसी ही महाकाव्य महाभारत और रामायण हैं| ऐसी ही एक कहानी महाभारत महाकाव्य में हैं, इसमें कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध की कहानी हैं| दोनों ही पक्ष युद्ध जीतने के लिए अपने - अपने नाते - रिश्तेदारों और अन्य राजाओं को अपने साथ मिलाना चाहते थे| श्रीकृष्ण महान शाक्तिशाली और भगवान की शाक्तियाँ रखता था| वह दोनों ही पक्षों से संबधित था| इसलिए दुर्यधन जो कौरवों में सबसे बहे थे| सहायता मांगने के लिए पहुँचे ठीक उसी दिन पांडवों में से अर्जुन भी सहायता भी माँगने के लिए श्रीकृष्ण के पास पहुँचे| श्रीकृष्ण उस समय सोये हुए थे, दुर्याधन घमंडी था, इसलिए वह श्रीकृष्ण के सर की तरफ बैठ गया| अर्जुन दुर्याधन के बाद पहुँचे और वह विनम्र भी थे इसलिए पैर की दिशा में बैठ गए| श्रीकृष्ण ने पहले ही घोषणा कर रखी थी कि जो भी मेरे पास पहले सहायता मांगने आएगा में उसका साथ दूंगा| दुर्याधन ने इसका विरोध किया और कहा की में पहले सहायता मांगने आया हूँ| कृष्ण ने कहा की अगर हम किसी से भी कुछ प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए हमें विनम्र होना पड़ेगा| इस प्रकार दुर्याधन ने श्रीकृष्ण के साथ को खो दिया| इस कहानी से यह शिक्षा मिलाती हैं कि हम जिससे सहायता की अपेक्षा करते हैं उनके साथ उदंडता का व्यवहार नहीं करना चाहिए|
प्रश्न: इमारतों तथा स्मारकों को अन्य प्रकार से सक्षम व्यक्तियों (विकलांग) के लिए और अधिक प्रवेश योग्य कैसे बनाया जाए? इसके लिए सुझावों की एक सूची बनाओ|
उत्तर: इमारतों तथा स्मारकों में ढलान वाले प्रवेश वाले प्रवेश द्वार की सुविधा होनी चाहिए -
- इमारतों तथा स्मारकों में ढलान वाले प्रवेश द्वार के साथ रेलिंग की सुविधा होनी चाहिए ताकि पहिए वाली कुर्सी का आसानी से प्रयोग किया जा सके|
- इस तरह के व्यक्तियों के लिए रोशनी का प्रबंध होना चाहिए तथा खली स्थान से अलग प्रवेश द्वार की व्यवस्था होनी चाहिए|
प्रश्न: कागज़ के अधिक से अधिक उपयोगों की सूची बनाओं|
उत्तर: कागज़ बहुत महत्त्वपूर्ण हैं| इसकी प्रयोग विभिन्न रूपों में किया जाता हैं| इसके कुछ्ह प्रयोग नीचे दिए गए हैं|
- हम लिखने के लिए कागज़ का प्रयोग करते हैं|
- वस्तुओं के पैकिट बनाने के लिए भी कागज़ का प्रयोग होता हैं|
- खेल का सामान जैसे कि बनाने में भी कागज़ का प्रयोग होता हैं|
- कृत्रिम गुलदस्ता बनाने में भी कागज़ का प्रयोग होता हैं|
प्रश्न: इस अध्याय में बताए गए स्थानों में से किसी एक को देखने का मौका मिले तो किसे चुनोने क्यों?
उत्तर: मैं महरौली (दिल्ली) को देखना पसंद करूँगा, मैं वहाँ लौंह स्तंभ देख सकेंगा| यह भारतीय शिल्पकारों की कशलता का एक उदाहरण हैं| आर्श्च की बात यह हैं इतने दिनों के बाद भी इसमें जंग लगा| इसी परोसर में कुतुबमीनार वास्तव में एक महान स्मारक हैं| मैं महरौली में एक मनोहर स्मारक देख सकेंगा|