पाठगत-प्रश्न:
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प्रश्न 1: कोशिका की खोज किसने और कैसे की ?
उत्तर: 1665 में अंग्रेज जीवविज्ञानी रोबर्ट हुक ने कोशिका की खोज की थी | उसने कोशिका को कॉर्क की पतली काट में अनगढ़ सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा।
प्रश्न 2: कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई क्यों कहते हैं ?
ऊतर: कोशिका हमारे शरीर को आकार प्रदान करता है इसलिए यह शरीर का संरचनात्मक इकाई है और शरीर के सभी कार्य कोशिकीय स्तर पर होते है इसलिए यह शरीर का क्रियात्मक इकाई है |
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प्रश्न 1: CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका से कैसे अंदर तथा बाहर जाते हैं? इस पर चर्चा करें।
उत्तर: कोशिका झिल्ली वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली होती है जो चुने हुए पदार्थों को ही अंदर बाहर आने जाने देता है अर्थात यह पदार्थों के गति को नियंत्रित करता है |
CO2 की गति : CO2 कोशिकाओं के अंदर ऊँच सांद्रता ने विद्यमान रहता है क्योकि कोशिकीय श्वसन के दौरान CO2 का निर्माण होता है | जब कोशिका के अंदर CO2 की सांद्रता अधिक बढ़ जाती है तो उस समय कोशिका के बाहर CO2 की सांद्रता कम होती है | पदार्थों की गति के नियम के अनुसार पदार्थ उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर गति करते है | गैसों के लिए यह गति विसरण कहलाता है | इसी विसरण की प्रक्रिया के द्वारा गैसीय पदार्थ जैसे CO2 तथा O2 कोशिका के अंदर और बाहर आते है | चूँकि जब कोशिका के अंदर CO2 की सांद्रता अधिक बढ़ जाती है तो वह बाहर आ जाती है | और जब O2 की सांद्रता बाहर बढ़ जाती है तो वह कोशिका के अंदर चला जाता है |
जल की गति : जल भी ठीक उसी नियम का पालन करता है जो गैस करते है | कोशिकाओ में जल की गति परासरण की प्रक्रिया के द्वारा होता है | जब कोशिका के अंदर जल की सांद्रता अधिक होती है तो कोशिका के बाहर की सांद्रता कम होती है तब पदार्थों की गति के नियम के अनुसार जल ऊँच सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर गति करता है | ठीक उसी प्रकार बाहर से अंदर की ओर गति करता है |
प्रश्न 2: प्लैज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं?
उत्तर: प्लाज्मा झिल्ली कुछ चुने हुए पदार्थों को ही अंदर अथवा बाहर जाने देती है तथा अन्य पदार्थो की गति को रोकती है | इसलिए कोशिका झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली भी कहते हैं |
कुछ चुने हुए पदार्थ जैसे - कार्बन डाइऑक्साइड अथवा ऑक्सीजन कोशिका झिल्ली के आर-पार विसरण प्रक्रिया द्वारा आ-जा सकते है |
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प्रश्न 1: क्या अब आप निम्नलिखित तालिका में दिए गए रिक्त स्थानों को भर सकते हैं, जिससे कि प्रोकैरियोटी तथा यूकेरियोटी कोशिकाओं में अंतर स्पष्ट हो सके:
उत्तर:
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प्रश्न 1: क्या आप दो ऐसे अंगकों का नाम बता सकते हैं जिनमें अपना आनुवंशिक पदार्थ होता है?
उत्तर : (i) जन्तु कोशिका में माइटोकोंड्रिया और
(ii) पादप कोशिका में प्लास्टिड
प्रश्न 2: यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण
नष्ट हो जाता है, तो क्या होगा?
उत्तर: कोशिका जीवन की सबसे महत्वपूर्ण क्रियात्मक और संरचनात्मक इकाई है | जीवन की सभी मूलभूत कार्य कोशिकाओं से ही संपादित होते है | यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है तो कोशिका की जीवन के लिए कार्य करने की क्षमता समाप्त हो जाएगी और यह जीवन के लिए उपयोगी अनुरक्षण का कार्य जैसे पोषण, श्वसन, वहन और उत्सर्जन आदि नहीं कर पायेगा |
प्रश्न 3: लाइसोसोम को आत्मघाती थैली क्यों कहते हैं?
उत्तर: कोशिकीय चयापचय (Metabolism) में व्यवधान के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है, to लाइसोसोम फट जाते हैं और इनके शक्तिशाली एंजाइम अपनी ही कोशिकाओं को पाचित कर देते हैं इसलिए लाइसोसोम को आत्मघाती (sucidal) बैग कहते है |
प्रश्न 4: कोशिका के अंदर प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है?
उत्तर: राइबोसोम में