महत्वपूर्ण प्रश्ननोत्तर:-
प्रश्न 1: दक्षिण अफ्रीका के सविधान में नागरिक को कौन - कौन से नए अधिकार मिले है ?
उत्तर : दक्षिण अफ्रीका के सविधान में नागरिक को कई तरह के नए अधिकार मिले है :-
(1) निजता का अधिकार :- इसके अनुसार नागरिक और घरो की तालाशी नहीं की जा सकती , उनके फोन टैप नहीं किए जा सकते , उनकी चिठ्ठी - पत्री को खोल कर नहीं पढ़ा जा सकता है |
(2) पर्याप्त आवास पाने का अधिकार :-
(3) पर्यावरण का अधिकार :- ऐसा पर्यावरण पाने का अधिकार जो नागरिको के स्वास्थ्य या कुशलक्षेम के प्रतिकूल न हो |
(4) स्वास्थ्य सेवाओ , पर्याप्त भोजन और पानी तक पहुँच अधिकार :- किसी को भी आपात चिकित्सा देने से इन्कर्म नहीं किया जा सकता |
प्रश्न 2: किस कारण डा . अंबेडकर ने संवैधानिक उपचार के अधिकार को हमारे संविधान की "आत्मा" और "ह्रदय" कहा था ?
उत्तर : संवैधानिक उपचार का अधिकार अन्य अधिकारों को प्रभावी बनाता है | संभव है की कई बार हमारे अधिकारों का उल्लंघन कोई और नागरिक या कोई संस्था या फिर स्वयं सरकार ही कर रही हो | पर जब इनमे से हमारे किसी भी अधिकार का उल्लंघन हो रहा हो तो हम अदालत के जारिए उसे रोक सकते है , इस समस्या का निदान पा सकते है | अगर मौलिक अधिकारों का मामला हो तो हम सीधे सर्वोच्च न्यायालय या किसी राज्य के उच्च न्यायालय में जा सकते है | इसी कारण डा . अंबेडकर ने संवैधानिक उपचार के अधिकार को हमारे संविधान की "आत्मा" और "ह्रदय" कहा था |
प्रश्न 3: भारत में नागरिको के राजनैतिक अधिकारों का वर्णन कीजिए|
उत्तर: नागरिको के राजनैतिक अधिकार कुछ इस प्रकार हैं:-
(i) मतदान का अधिकार :- लोकतांत्रिक व्यवस्था में मतदान का अधिकार एक प्रमुख अधिकार हैं जो देश के नागरिको को प्राप्त हैं| सभी आधुनिक राज्य अधिक-से-अधिक नागरिको को मताधिकार देने का प्रयत्न करते हैं| इसके लिए अब शिक्षा, संपत्ति, जाति, लिंग, जन्म-स्थान आदि का भेदभाव नहीं किया जाता, परन्तु नाबालिगो, अपराधियों, दिवालिया, पागलो तथा विदेशियों को मताधिकार नहीं दिया जाता| क्योंकि मताधिकार एक पवित्र तथा ज़िम्मेदारी का काम हैं| भारत में 18 वर्ष के सभी स्त्री-पुरूषों को मताधिकार प्राप्त हैं|
(ii) चुनाव लड़ने का अधिकार :- प्रजातंत्र में जनता द्वारा सरकार बन सकती हैं| b प्रत्येक नागरिक को कानून बनाने में प्रत्यक्ष रूप से भाग लेने का अधिकार दिया जाता हैं| जनता के वास्तविक प्रतिनिधि भी वहीं होंगे जो उन्हीं में से निर्वाचित किये गए हो| इसलिए राज्य को चुनाव लड़ने का भी अधिकार देता हैं|
(iii) सरकार की आलोचना करने का अधिकार :- लोकतंत्र लोकमत पर आधारित सरकार हैं| विरोधी मतो के संघर्ष से ही सच्चाई सामने आती हैं| स्वतंत्रता का मूल जनता की निरंतर जागृति ही हैं| शासन के अत्याचारों तथा अधिकारों के दोषों कको दूर करने के लिए सरकार की आलोचना एक उत्तम तथा प्रभावशाली हथियार हैं|
(iv) विरोध करने का अधिकार:- यदि सरकार अन्यायपूर्ण कानून बनती है अथवा राष्ट्र-हित के विरुद्ध कार्य करती हैं तो उसका विरोध किया जाना चाहिए| ऐसे शासन के सामने झुकना आदर्श नागरिकता का लक्षण नहीं हैं| इसलिए नागरिको को बुरी सरकार का विरोध करना चाहिए तथा उसे बदल देने का प्रयत्न करना चाहिए परन्तु ऐसा संवैधानिक तरीको के अंतर्गत ही किया जाना चाहिए|
(v) प्रार्थना-पत्र देने का अधिकार :- प्रजातंत्र में संसद में जनता के प्रतिनिधियों द्वारा लोगो को भी स्वतः याचिका भेजकर सरकार के सामने अपनी समस्याए रखना तथा उन्हें हल करने की मांग करने का अधिकार हैं|