प्रश्नावली 1.2
Q1. नीचे दिए गए कथन सत्य हैं या असत्य हैं? कारण के साथ अपने उत्तर दीजिए।
(i) प्रत्येक अपरिमेय संख्या एक वास्तविक संख्या होती है।
उत्तर:
(i) प्रत्येक अपरिमेय संख्या एक वास्तविक संख्या होती है। (सत्य)
कारण: क्योंकि वास्तविक संख्याओं में अपरिमेय संख्याएँ भी होती है |
(ii) संख्या रेखा का प्रत्येक बिन्दु के रूप का होता है, जहाँ m एक प्राकृत संख्या है।
उत्तर:
(ii) संख्या रेखा का प्रत्येक बिन्दु के रूप का होता है, जहाँ m एक प्राकृत संख्या है। (असत्य)
कारण: संख्या रेखा पर दोनों ऋणात्मक एवं धनात्मक संख्याएँ होती है, परन्तु प्रत्येक बिंदु पर एक वर्गमूल संख्या हो यह संभव नहीं है |
(iii) प्रत्येक वास्तविक संख्या एक अपरिमेय संख्या होती है।
उत्तर:
(iii) प्रत्येक वास्तविक संख्या एक अपरिमेय संख्या होती है। (असत्य)
कारण: क्योंकि वास्तविक संख्याओं के समूह में परिमेय सा संख्याएँ एवं अपरिमेय संख्याएँ दोनों होती हैं | केवल अपरिमेय संख्या नहीं होती हैं |
Q2. क्या सभी धनात्मक पूर्णांकों के वर्गमूल अपरिमेय होते हैं? यदि नहीं, तो एक ऐसी संख्या के वर्गमूल का उदाहरण दीजिए जो एक परिमेय संख्या है।
उत्तर:
सभी धनात्मक पूर्णांकों के वर्गमूल अपरिमेय नहीं होते हैं,
हम धनात्मक पूर्णांक 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, और 9 का उदाहरण लेते है |
√1 = 1 (परिमेय)
√2 = √2 (अपरिमेय)
√3 = √3 (अपरिमेय)
√4 = 2 (परिमेय)
√5 = √5 (अपरिमेय)
√6 = √6 (अपरिमेय)
√7 = √7 (अपरिमेय)
√8 = √8 (अपरिमेय)
√9 = 3 (परिमेय)
उपरोक्त उदाहरण में हम देखते हैं कि 1, 4 और 9 की वर्गमूल क्रमश: 1, 2, और 3 है जो परिमेय संख्या है |
Q3. दिखाइए कि संख्या रेखा पर को किस प्रकार निरूपित किया जा सकता है।
Solution:
OA = 1 इकाई, AB = 1 इकाई,
समकोण ΔAOB में, पाइथोगोरस प्रमेय से,
OB2 = OA2 + AB2
OB2 = 12 + 12
OB2 = 2
OB = √2
अब समकोण ΔBOC में, पाइथोगोरस प्रमेय से,
OC2 = OB2 + BC2
OC2 = (√2)2 + 12
OC2 = 2 + 1 = 3
OC = √3
अब समकोण ΔCOD में, पाइथोगोरस प्रमेय से,
OD2 = OC2 + DC2
OD2 = (√3)2 + 12
OD2 = 3 + 1 = 4
OD = √4 = 2
अब समकोण ΔDOE में, पाइथोगोरस प्रमेय से,
OE2 = OD2 + DE2
OE2 = (2)2 + 12
OE2 = 4 + 1 = 5
OE =
अब O को केंद्र और OE को त्रिज्या मानकर एक चाप खींचेगे जो संख्या रेखा को OE' पर प्रतिच्छेद करता है जहाँ OE = OE' = है |