अध्याय 4. जलवायु
प्रश्न: जलवायु किसे कहते है ?
उत्तर: एक विशाल क्षेत्र मे लम्बें समय तक समयाविधि (30 वर्ष से अधिक ) में मौसम की अवस्थाओ का कुल योग ही जलवायु है |
प्रश्न: मानसून किसे कहते है ?
उत्तर- मानसून का अर्थ है एक वर्ष के दोरान वायु कि दिशा में ऋतु के अनुसार परिवर्तन है |
प्रश्न: मौसम और जलवायु के मुख्य अव्यय कौन-कौन से है ?
उत्तर- ये तत्व है :- 1. तापमान 2. वायुमंडलीय दाब 3. पवन 4. आर्द्रता 5. वृष्टि |
प्रश्न: भारत कि जलवायु को मानसूनी जलवायु क्यों कहा जाता है?
उत्तर- भारत कि जलवायु को मानसूनी जलवायु कहने के निम्नलिखित कारण है:-
1. भारत 200 उ और 200 द के बिच उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में स्थित है |
2. भारत का उतर कि ओर आधा भाग उपोषण क्षेत्र में पड़ता है | यहाँ उतर पूर्वी व्यापारिक पवने बहती है |
3. यहाँ दाब और सतही पवने उपरितन संचार पश्चिमी विक्षोभ और उष्ण कटिबंधीय चक्रवात की दशाएँ है |
4. यहाँ एल नीनो दक्षिणी दोलन की घटना सक्रिय रहती है |
प्रश्न: भारत के कौन से स्थान में विश्व की अधिकतम वर्षा होती है ?
उत्तर- असम राज्य के मसिंरम में |
प्रश्न: भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से है ?
उत्तर- भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित है :-
(1) अक्षांश
(2) ऊँचाई
(3) वायुदाब एंव पवन तंत्र
(4) समुद्र से दुरी
(5) महासागरीय धाराएँ
(6) उचचावल लखण |
प्रश्न: भारत में जलवायु संबंधित मौसमी अवस्थाएँ किन वायुमंडलीय अवस्थाओ से संचालित होती है ?
उत्तर- भारत में जलवायु संबंधित मौसमी अवस्थाएँ निम्नलिखित वायुमंडलीय अवस्थाओ से संचालित होती है:-
(1) वायुदाब एंव धरातलीय पवने
(2) ऊपरी वायु परिसंचरण
(3) पश्चिमी चक्रवाती विक्षोब एंव उष्णकटिबंधीय चक्रवात |
प्रश्न: कोरिआलिस बल क्या है ?
उत्तर- पृथ्वी के घूर्णन के कारण उत्पन्न आभासी बल को कोरिआलिस बल कहते है |
प्रश्न: जेट धाराएँ कितने डिग्री अक्षांशो के बीच स्थित होती है ?
उत्तर- 270 से 300 अक्षांशो के बीच |
प्रश्न: जेट धाराएँ क्या है ? ये भारत की जलवायु को किस तरह प्रभावित करती है ?
उत्तर- ये क्षोभमंडल में 12000 मीटर कि ऊँचाई पर प्रभावित पवने है | वस्तुतः ये अत्याधिक ऊँचाई पर बहने वाली पश्चिमी जेट पवने है | ग्रीष्म में इनका वेग लगभग 110 किलोमीटर प्रति घंटा और शीत ऋतू में इनका वेग 184 किलोमीटर प्रति घंटा रहता है | ये मध्य अक्षांश तथा उपोष्ण क्षेत्र के ऊपर चलती रहती है | ये धाराएँ 270 से 300 उतर अक्षांश में बहती है | ये पश्चमी विक्षोभ को उत्पन्न करती है | ऐसे विक्षोभ भारत के उतर और उतरी-पश्चिमी भागो में बनते है | इन्हें उपोष्ण जेट धाराएँ कहा जाता है |
प्रश्न: जेट धाराएँ क्या है ?
उतर- ये एक संकरी पट्टी में स्थित क्षोभमंडल अत्याधिक ऊँचाई वाली पश्चिमी हवाएं है |
प्रश्न: पश्चिमी चक्रवात विक्षोभ क्या है ?
उतर- सर्दी के महीनो में उत्पन्न होने वाला पश्चिमी चक्रवातीय विक्षोभ भूमध्य सागरीय क्षेत्र से आने वाली पश्चिमी प्रवाह के कारण होता है | इन्हें ही पश्चिमी चक्रवातीय विक्षोभ कहते है |
प्रश्न: मानसून का प्रवाह उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में लगभग कितना रहता है ?
उत्तर- मानसून का प्रवाह उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में लगभग 200 उतर एंव 200 दक्षिण के बीच रहता है |
प्रश्न: अंतः उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र क्या है ?
उत्तर- विषुवतीय अक्षांशो में विस्तृत गर्त एंव निम्न दाब के क्षेत्र को ही अंतः उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र कहते है |
प्रश्न: एलनीनो किसे कहते है ?
उत्तर- ठंडी पेरू जल धारा के स्थान पर स्थाई तौर पर गर्म जल धारा के विकास को एलनीनो कहते है |
प्रश्न: भारत में जलवायु का आगमन कब होता है ?
उत्तर- भारत में जलवायु का आगमन जून के आरंभ से लेकर मध्य सितम्बर के बीच होता है |
प्रश्न: कल बैसाखी किसे कहते है ?
उत्तर- तीव्र हवाओ के साथ गरज वाली मुसलाधार वर्षा भी होती है तथा इसके साथ प्रायः हिमवृष्टि भी होती है | वैशाख के महीने में होने के कारण इसे कल वैशाखी कहते है |
प्रश्न: पश्चिमी विक्षोभ क्या है ?
उत्तर- ये पश्चिमी और पूर्वी जेट धाराओ द्वारा लगाये गए विक्षोभ है, ये देश के उतर और उतर-पश्चिमी भागो में अपना प्रभाव डालते है |
प्रश्न: भारत के द्वीप समूहों में कब वर्षा होती है ?
उतर- अप्रैल के प्रथम सप्ताह में यह मई माह के प्रथम सप्ताह तक वर्षा प्राप्त करते है |
प्रश्न: भारत की जलवायु कैसी है ?
उत्तर: भारत की जलवायु को मानसूनी जलवायु है |
प्रश्न: मानसूनी जलवायु विश्व के किन भागों में पाई जाती है ?
उत्तर: मानसूनी जलवायु जलवायु मुख्यतः दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्व एशिया में पाई जाती है।
प्रश्न: भारत जलवायु समान्य प्रतिरुप में एकरूपता होते हुए भी देश की जलवायु-अवस्था में प्रादेशिक भिन्नताएँ हैं | स्पष्ट कीजिए |
उत्तर:
(i) गर्मियों में, राजस्थान के मरुस्थल में कुछ स्थानों का तापमान लगभग 50० से॰ तक पहुँच जाता है, जबकि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में तापमान लगभग 20० से॰ रहता है। सर्दी की रात में, जम्मू-कश्मीर में द्रास का तापमान .45० से॰ तक हो सकता है, जबकि तिरुवनंतपुरम् में यह 20० से॰ हो सकता है।
(ii) हिमालय में वर्षण अधिकतर हिम के रूप में होता है तथा देश के अन्य शेष भाग में यह वर्षा के रूप में होता है |
(iii) तटीय क्षेत्रों के तापमान में अंतर कम होता है। देश के आंतरिक भागों में मौसमी या
ऋतूनिष्ठ अंतर अधिक होता है।
प्रश्न: किसी क्षेत्र की जलवायु को नियंत्रण करने वाले कारकों के नाम लिखिए |
उत्तर:
(i) अक्षांश : पृथ्वी के गोलाई के कारण, पृथ्वी पर पड़ने वाली सौर ऊर्जा की मात्रा अक्षांशों के अनुसार अलग-अलग होती है | तापमान विषुवत वृत से ध्रुवों की ओर घटता जाता है |
(ii) तुंगता (ऊँचाई): जब कोई व्यक्ति पृथ्वी की सतह से ऊँचाई की ओर जाता है, तो वायुमंडल की सघनता कम हो जाती है तथा तापमान घट जाता है। इसलिए पहाड़ियाँ गर्मी के मौसम में भी ठंडी होती हैं।
(iii) वायु दाब एवं पवन तंत्र : किसी भी क्षेत्र का वायु दाब एवं पवन तंत्रा उस स्थान के अक्षांश तथा ऊँचाई पर निर्भर करती है। इस प्रकार यह तापमान एवं वर्षा के वितरण को प्रभावित करता है।
(iv) समुद्र से दुरी : समुद्र का जलवायु पर समकारी प्रभाव पड़ता है, जैसे-जैसे समुद्र से दुरी बढती है यह प्रभाव कम हो जाता है एवं लोग विषम मौसमी अवस्थाओं को महसूस करते है |
(v) महासागरीय धाराएँ : महासागरीय धाराएँ समुद्र से तट की ओर चलने वाली हवाओं के साथ
तटीय क्षेत्रों की जलवायु को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, कोई भी तटीय क्षेत्रा जहाँ गर्म या ठंडी जलधाराएँ बहती हैं और वायु की दिशा समुद्र से तट की ओर हो, तब वह तट गर्म या ठंडा हो जाएगा।
(vi) उच्चावच लक्षण : ऊँचे पर्वत ठंडी अथवा गर्म वायु को अवरोधित करते हैं। यदि उनकी ऊँचाई इतनी हो कि वे वर्षा लाने वाली वायु के रास्तों को रोकने में सक्षम होते हैं, तो ये उस क्षेत्रा में वर्षा का कारण भी बन सकते हैं। पर्वतों के पवनविमुख ढाल सूखे रहते हैं।
प्रश्न: महाद्वीपीय अवस्था से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: समुद्र का जलवायु पर समकारी प्रभाव पड़ता है, जैसे-जैसे समुद्र से दुरी बढती है यह प्रभाव कम हो जाता है एवं लोग विषम मौसमी अवस्थाओं को महसूस करते है | इसे महाद्वीपीय अवस्था कहते हैं |