अभ्यास - प्रश्न:
प्रश्न: 'कानून का शासन' पद से आप क्या समझते हैं ? अपने शब्दों में लिखिए | अपना जवाब देते हुए कानून के उल्लंघन का कोई वास्तविक या काल्पनिक उदाहरण दीजिए |
उत्तर: 'कानून का शासन' का मतलब है कि सभी कानून देश के सभी नागरिको पर समान रूप से लागू होते हैं| कानून से उपर कोई व्यक्ति नही है | चाहे वे सरकारी अधिकारी हो या राष्ट्रपति हो | किसी भी अपराध या कानून के उल्लंघन की एक निश्चित सजा होती है | सजा तक पहुँचने की भी एक तय प्रक्रिया है जिसमे व्यक्ति का अपराध साबित किया जाता है |
कानून के उल्लंघन के उदाहरण :
(i) यदि गाड़ी चलते समय कोई लाल बत्ती पार करता है तो इसका मतलब है कि उसने यातायात के साधनों का उल्लंघन किया है |
(ii) हमारे पड़ोसी किसी कम से बाहर गए थे | उनकी गैर-हाजिरी में एक व्यक्ति उनके घर में घुस आया | वह सारा नकदी व जेवर चुरा कर ले गया | उस व्यक्ति ने चोरी का जुर्म किया था | यह भी कानून का उल्लंघन है |
प्रश्न: इतिहासकार इस दावे को गलत ठहराते हैं की भारत में कानून का शासन अंग्रेजों ने शुरू किया था| उसके कारणों में से दो कारण बताइए |
उत्तर: इतिहासकार इस दावे को गलत ठहराते हैं कि भारत कानून का शासन अंग्रेजों ने शुरू किया, क्योंकि -
(i) औपनिवेशिक कानून मनमानेपन पर आधारित था |
(ii) ब्रिटिश भारत में क़ानूनी मामलों के विकास में भारतीय राष्ट्रवादियों ने एक अहम् भूमिका निभाई थी |
प्रश्न: घरेलू हिंसा पर नया कानून किस तरह बना, महिला संगठनों ने इस प्रक्रिया में अलग-अलग तरीके से क्या भूमिका निभाई, उसे अपने शब्दों में लिखिए |
उत्तर: एक महिला संगठन के दफ्तर में कुछ औरतों ने शिकायत की कि उन्हें पति द्वारा पिता जाता है, घर में बुरा बर्ताव किया जाता है | जन सुनवाई द्वारा यह महसूस किया गया कि घरेलू हिंसा के मुद्दे से निपटने के लिए एक नया नागरिक कानून होना चाहिए | विचार-विमर्श के लिए अलग-अलग संस्थानों के साथ बैठक की गई | प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई | मिडिया द्वारा लोगों को नए कानून की आवश्यकता के बारे में अवगत कराया गया | कई महिला संगठनों और राष्ट्रीय महिला आयोग ने संसदीय स्थायी समिति को अपने सुझाव सौंप दिए |
सन 2002 में स्थायी समिति ने अपनी सिफारिशें राज्यसभा को सौंप दी | इन सिफारिशों को लोकसभा में भी पेश किया गया | दोनों सदनों से मंजूरी मिल जाने के बाद उसे राष्ट्रिपति के पास स्वीकृति के लिए भेज दिया गया | घरेलू हिंसा महिला सुरक्षा कानून 2006 से लागु हुआ |
प्रश्न: अपने शब्दों में लिखिए कि अध्याय में आए निम्नलिखित वाक्य (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ 44-45) से आप क्या समझते है ? अपनी बातो को मनवाने के लिए उन्होंने संघर्ष शुरू कर दिया | यह समानता का संघर्ष था | उनके लिए कानून का मतलब ऐसे नियम नहीं हे जिनका पालन करना उनकी मज़बूरी हो | वे कानून को उससे अलग ऐसी व्यवस्था के रूप में देखना चाहते थे जो न्याय के विचार पर आधारित हों |
उत्तर: अंग्रेजों ने भारत पर काफी लम्बे समय तक शासन किया | उनका शासन मनमानेपन पर आधारित था वे अपनी सहूलियत के अनुसार किसी भी समय कोई भी कानून बिना किसी आधार पर लागू कर देते थे | उनका कहना था की वे ऐसा शासन व्यवस्था कायम रखने के लिए करते हैं | जबकि हकीकत यह थी कि वे ऐसा भारतीय आम जनता को परेशान करने, प्रताड़ित करने के लिए करते थे | जैसे, 1870 में राजद्रोह एक्ट लागू करना | अंग्रेजों ने भारतीयों के साथ सदा भेदभाव की नीति अपनाई | काले (भारतीय) व गोरे (अंग्रेज) दोनों के लिए अलग-अलग कानून होते थे | यह अंग्रेजो द्वारा रंग के आधार पर भेदभाव था |
भारतीय राष्ट्रवादियों ने अंग्रेजो द्वारा सत्ता के इस मनमाने इस्तेमाल का विरोध व आलोचना की | अपनी बैटन को मनवाने के लिए उन्होंने संघर्ष शुरू कर दिया | उन्होंने सरकार में भारतियों की अधिक भागीदारी की माँग की | वे अपनी पहचान व आत्म-सम्मान के लिए संघर्ष करने लगे | उन्होंने भारतियों व अंग्रेजों के लिए एक जैसे कानून बनाने की माँग की | क़ानूनी पेशों में लगे भारतियों ने माँग की कि औपनिवेशिक अदालतों में उन्हें सम्मान की नजर से देखा जाए | राष्ट्रवादी अंग्रेजो द्वारा बनाये गए कानूनों को तोड़ने लगे, नियमो का उल्लंघन करने लगे | विरोध प्रदर्शन के लिए लोग सडकों पर उतर आए | भारतीय कानून विशेषज्ञ अपने देश के लोगों के अधिकारों की हिफाजत के लिए कानून का इस्तेमाल करने लगे |