अतिरिक्त - प्रश्नोत्तर
प्रश्न: 1‘सियाल’ से आप क्या समझते है?
उत्तर: महादीपीय संहति मुख्य रूप से सिलिका एवं ऐलुमिना जैसे खनिज से बनी है| इसलिए इसे सियाल (सी=सिलिका तथा ऐल=ऐलुमिना) कहा जाता है|
प्रश्न: 2 सीमा से क्या तात्पर्य हैं?
उत्तर: महासागर की पर्पटी मुख्यत: सिमिका एवं मैग्नीशियम की बनी है; इसलिए इसे सीमा (सी. सिमिका तथा मा. मैग्नीशियम) कहा जाता है|
प्रश्न: 3 खनिज क्या है?
उत्तर: खनिज प्राक्रतिक रूप में पाए जाने वामे पदार्थ हैं जिनका निशिचत भौतिक गुण-धर्म एवं निशिचत रासायनिक मिश्रण होता हैं|
प्रश्न: 4 लावा क्या हैं?
उत्तर: आग की तरह लाल द्रवीय मैग्मा ही लावा है जो ज्वालामुखी विस्फोट के समय पृथ्वी के आतंरिक भाग से निकालकर सतह पर आता हैं|
प्रश्न: 5 बहिर्भेदी व अंतर्भेदी आग्नेय शैलो में से प्रत्येक का एक-एक उदहारण दीजिए|
उत्तर: बहिर्भेदी आग्नेय शैल - बेसाल्ट और अंतर्भेदी आग्नेय शैल – ग्रेनाइट |
प्रश्न: 6 अवसादी शैलो की एक प्रमुख विशेषता बताइए |
उत्तर: अवसादी शैलो में पौधों ,जानवरो एवं अन्य सूक्ष्म जीवाणुऔ ,जो कभी इन शैलो पर रहे हो के अवशेष भी हो सकते हैं|
प्रश्न: 7 कायांतरित शैलो का निर्माण किस प्रकार होता है?
उत्तर: (i) आग्नेय एवं अवसादी शैलो उच्च ताप एवं दब के कारण कायांतरित शैलो में परिवर्तित हो जाती हैं |
(ii) उदहारण के लिए चिकनी मिट्टी स्लेट में एवं चुना पत्थर संगमरमर में परिवर्तित हो जाते है |
प्रश्न: 8 अवसादी शैल किन्हें कहते हैं? एक उदहारण दीजिए |
उत्तर: (i) अद्रढ अवसादी हवा ,जल आदि के द्वारा एक स्थान से दुसरे स्थान पर पहुचाकर जमा कर दिए जाते हैं| ये अद्रढ अवसाद दबकर एवं कठोर होकर शैल की परत बनाते हैं| इस की शैलो को अवसादी शैल कहते हैं |
(ii) बलुआ पत्थर अवसादी शैलो का उदहरण हैं |
प्रश्न: 9 पर्पटी क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइए |
उत्तर: पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत को पर्पटी कहते है |
इसकी प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
(क) यह सबसे पतली परत होती है|
(ख) यह महादिपीय संहति में 35 किलोमीटर एवं समुद्री सतह में केवल 5 किलोमीटर तक फैली होती हैं|
(ग) इस परत में मुख्य रूप से सिमिका,एलुमिना व मैग्नीशिया खनिज पाए जाते है |
प्रश्न: 10 पृथ्वी की सबसे आंतरिक परत कौन-सी है? इसकी विशेषताएँ बताईए |
उत्तर: पृथ्वी की सबसे आंतरिक परत क्रोड़ हैं |
इसकी प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं -
(क) इसकी त्रिज्या लगभग 3500 किलोमीटर हैं |
(ख) यह मुख्यतः निकल एवं लोहे की बनी होती हैं तथा इसे निफे ( नि=निकल तथा फे=फेरस ) करते हैं|
(ग) केंद्रीय क्रोड़ का तापमान एवं दाब काफी उच्च होता हैं |
प्रश्न: 11 शैलो के दो उपयोग बताईए |
उत्तर: शैल के दो उपयोग इस प्रकार हैं -
(i) कठोर शैलो का उपयोग सड़क , घर एवं इमारत बनाने के लिए किया जाता है |
(ii) मसालों तथा दानो का चूर्ण बनाने के लिए अपघर्षण पत्थर का उपतोग होता है |
प्रश्न: 12 आग्नेय अथवा प्राथमिक शैल किन्हें कहते ह? ये कितने प्रकार के होते हैं |
उत्तर: द्रवित मेग्मा ठंडा होकर ठोस हो जाता है| इस प्रकार बनी शैलो को आग्नेय शैल कहते है| इन्हे प्राथमिक शैल भी कहते हैं| यह दो प्रकार के होते है -
(i) अंतर्भेदी आग्नेय शैल एवं
(ii) बहिर्भेदी आग्नेय शैल|