अध्याय-समीक्षा
- संसार भर में भारत में सर्वाधिक चिकित्सा महाविद्यालय हैं और यहाँ सबसे अधिक डॉक्टर तैयार किए जाते हैं। लगभग हर वर्ष 15,000 नए डॉक्टर योग्यता प्राप्त करते हैं।
- भारत के अधिकांश डॉक्टर शहरी क्षेत्रों में बसते हैं। ग्रामवासियों को डॉक्टर तक पहुँचने के लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या के मुकाबले डॉक्टरों की संख्या काफी कम है |
- भारत में विदेशों से बहुत बड़ी संख्या में इलाज कराने हेतु चिकित्सा पर्यटक आते हैं। वे उपचार के लिए भारत के कुछ ऐसे अस्पतालों में आते हैं, जिनकी तुलना संसार के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों से की जा सकती है।
- भारत विश्व का दवाइयाँ निर्मित करने वाला चौथा बड़ा देश है और यहाँ से भारी मात्रा में दवाइयों का निर्यात होता है।
- भारत के समस्त बच्चों में से आधों को खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं मिलता है और वे अल्प-पोषण के शिकार रहते हैं।
- संचारणीय बीमारियाँ पानी के द्वारा एक से दूसरे को लगती हैं। इन बीमारियों में से 21% जलजनित होती हैं। जैसे-हैजा, पेट के' कीड़े और हैपेटाइटिस आदि |
- हम अपने स्वास्थ्य के लिए अथवा बिमारियों के उपचार के लिए चिकित्सालयों अथवा स्वास्थ्य केन्द्रों से जो सेवा लेते है उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं कहते हैं |
- भारत में बड़ी संख्या में डॉक्टर, दवाखाने और अस्पताल हैं। देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को चलाने का पर्याप्त अनुभव और ज्ञान भी उपलब्ध है। ये ऐसे चिकित्सालय और स्वास्थ्य केंद्र हैं, जिन्हें सरकार चलाती है। सार्वजानिक स्वास्थ्य सेवाएँ कहते हैं |
- किसी व्यक्ति अथवा संगठन द्वारा निजी रूप से प्रदान की गई स्वास्थ्य सेवाओं को निजी स्वास्थ्य सेवाएँ कहते है | निजी अस्पताल अथवा चिकित्सालय आदि |
- सरकार ने सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने की वचनबद्धता को पूरा करने के लिए ये अस्पताल तथा स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए हैं। इन सेवाओं को चलाने के लिए धन उस पैसे से आता है जो लोग सरकार को टैक्स के रूप में देते हैं। इसलिए ये सुविधाएँ सबके लिए हैं।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था का एक महत्त्वपूर्ण पहलू यह है कि इसका उद्देश्य अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ निःशुल्क या बहुत कम कीमत पर देना है, जिससे गरीब लोग भी इलाज करा सके |
- स्वास्थ्य सेवाओं का अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य है बीमारियों जैसे टी.बी., मलेरिया, पीलिया,
दस्त लगना, हैजा, चिकनगुनिया, आदि को फैलने से रोकना। - हमारे संविधान के अनुसार लोगों के हित को सुनिश्चित करना और सबको स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना सरकार का प्राथमिक कर्त्तव्य है।
- निजी स्वास्थ्य सेवाएँ बहुत ही महँगी और खर्चीली है जिसे एक आम व्यक्ति वहन नहीं कर सकता है | दवाईयाँ महँगी होती हैं | बहुत से लोग उन्हें खरीद नहीं सकते और कई बार अपने परिवार की जान बचाने के लिए उन्हें ऋण लेना पड़ता है और कर्ज के बोझ में दब जाते है |